फर्जीवाड़े पर एसआईटी की नजर, खतरे में 700 बेसिक शिक्षकों की नौकरी

फर्जीवाड़े पर एसआईटी की नजर,  खतरे में 700 बेसिक शिक्षकों की नौकरी


संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के नाम पर फर्जी डिग्री प्राप्त कर परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त अध्यापकों की नौकरी खतरे में है। विशेष जांच दल (एसआइटी) के निर्देश पर अब तक 75 जनपदों में से कुल 53 जिलों के चार हजार से अधिक अंकपत्र व प्रमाणपत्रों का सत्यापन विश्वविद्यालय की ओर से कराया जा चुका है। इसमें 700 अध्यापकों की डिग्री संदेह के घेरे में है। कार्रवाई तय है। इसके साथ ही एसआइटी ने शेष 22 जनपदों की सत्यापन रिपोर्ट दो माह के अंदर मुहैया कराने को कहा है।


शासन के निर्देश पर एसआइटी की ओर से पिछले दिनों डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा) की ओर से जारी डिग्री की जांच की गई थी। जांच में आंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम की 216 डिग्री फर्जी मिली हैं। इन्हीं के आधार पर सूबे के विभिन्न जिलों के परिषदीय विद्यालयों में ये लोग अध्यापक की नौकरी कर रहे थे। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। आगरा की जांच पूरी होने के बाद विशेष अनुसंधान दल का ध्यान अब संस्कृत विश्वविद्यालय पर है।


 हालांकि कोरोना संक्रमण के कारण विश्वविद्यालय 60 दिन तक बंद रहा लेकिन बुधवार से गोपनीय विभाग का ताला खुल गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि सत्यापन में अब तेजी आएगी।
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