कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल खुलने के बाद भी छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी उपस्थिति


कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल खुलने के बाद भी छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी उपस्थिति


सिर्फ ऐसे बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाए जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं।...

 नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के कारण उपजे माहौल में अभी स्कूलों को खुलने में वक्त लगेगा। तैयारी यह भी है कि स्कूल खुलने के बाद आने या न आने को लेकर छात्रों और अभिभावकों को छूट दी जाए। एक विचार यह है कि सिर्फ ऐसे बच्चों को ही स्कूल बुलाया जाए, जो संसाधनों के अभाव में ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं, यानी उनके पास मोबाइल, इंटरनेट और टीवी आदि नहीं है।


ऑनलाइन पढ़ाई नहीं कर सकने वाले छात्रों को बुलाने और बाकी को छूट देने पर विचार

जो छात्र घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं, उन्हें ऑनलाइन ही पढ़ाया जाए। उन्हें स्कूल आने की अनिवार्यता से मुक्त रखा जाए।

कम छात्र आएंगे तो शारीरिक दूरी के प्रावधानों का पालन कराने में भी होगी आसानी


मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक इससे स्कूलों में छात्रों की भीड़ नहीं जमा होगी। साथ ही शारीरिक दूरी के प्रावधानों का भी आसानी से पालन कराया जा सकेगा।


कोरोना संक्रमण के कारण ज्यादातर अभिभावक अभी ऑनलाइन पढ़ाई के ही पक्ष में
बताया जाता है कि बड़ी संख्या में अभिभावकों ने संक्रमण का खतरा टलने तक मंत्रालय को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का ही सुझाव दिया है। फिलहाल इन सारी परिस्थितियों के बीच मंत्रालय स्कूलों को खोलने की तैयारी में जुटा हुआ है। राज्यों के साथ स्कूलों को खोलने और ऑनलाइन शिक्षा को लेकर सोमवार को हुई बैठक में ज्यादातर राज्य सभी छात्रों को नहीं बुलाने की योजना के पक्ष में दिखे।


इस योजना को ऑनलाइन पढ़ाई के संसाधन वाले शहरी क्षेत्रों में पहले अपनाया जा सकता है
सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल इस योजना को शहरी क्षेत्रों में पहले अपनाया जा सकता है, जहां ज्यादातर छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के संसाधन मौजूद हैं। हाल ही में केंद्रीय विद्यालय जैसे स्कूल संगठन ने एक टेस्ट के जरिये अब तक कराई गई ऑनलाइन पढ़ाई का आंकलन भी शुरू किया है।


पाठयक्रम को छोटा करने को लेकर मांगी गई सलाह
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अभिभावकों और शिक्षकों से कोरोना संकट के चलते स्कूली पाठ्यक्रम को छोटा करने को लेकर भी सलाह मांगी है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। सभी से सात दिन में इस पर सुझाव देने के लिए कहा गया है। फिलहाल मंत्रालय ने दसवीं और बारहवीं के पाठ्यक्रम को छोटा करने पर विचार शुरू किया गया है। बाद में अन्य कक्षाओं को लेकर भी फैसला लिया जाएगा।
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल खुलने के बाद भी छात्रों के लिए अनिवार्य नहीं होगी उपस्थिति Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 10:16 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.