विभाग के अपने ही निर्णयों पर उठ रहे सवाल : मोबाइल व टैबलेट के लिए बढ़ता जा रहा इंतजार!

विभाग के अपने ही निर्णयों पर उठ रहे सवाल : मोबाइल व टैबलेट के लिए बढ़ता जा रहा इंतजार!


● पिछले वर्ष फरवरी में शासन ने खरीद के लिए दी थी रजामंदी 
● बीईओ व तत्कालीन एबीआरसी को भी मिलने थे मोबाइल 
● ऑनलाइन प्रशिक्षण व पोर्टल संचालन के लिए है जरूरत


परिषदीय स्कूलों एवं अपनी मॉनीटरिंग टीम को पूरी तरह डिजीटल करने का फैसला तो कर लिया लेकिन अब तक शिक्षकों व दूसरे जिम्मेदारों के हाथों में मोबाइल व टेबलेट नहीं पकड़ा सका। शासन ने पिछले वर्ष सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, एबीआरसी एवं परिषदीय स्कूलों के हेडमास्टर को डाटा प्लान सहित मोबाइल टेबलेट उपलब्ध कराने का फैसला किया था। इसके अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों को कंप्यूटर हार्डवेयर एवं अन्य डिजीटल सामग्री उपलब्ध कराने पर भी हामी भर गई थी।
 


बेसिक शिक्षा विभाग को गत वर्ष सौगात देते हुए इंटीग्रेटेड स्कीम फॉर स्कूली शिक्षा के अन्तर्गत आईसीटी एवं डिजीटल इनिशिएटिव प्रोग्राम के अन्तर्गत उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए कंप्यूटर हार्डवेयर एवं जनपद स्तर  पर मॉनीटरिंग यूनिट, बीईओ, एनआरसी एवं प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों के लिए डाटा प्लान सहित मोबाइल टेबलेट उपलब्ध कराने का फैसला किया था। शास ने बेसिक शिक्षा विभाग के प्रस्ताव

को हरी झंडी दे दी थी। शासन ने प्रदेश स्तर पर कंट्रोल रूम, जनपद स्तर पर मॉनीटरिंग यूनिट, 880 बीई ओ, 4400 एनआरसी एवं 158837 परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों को मोबाइल टेबलेट दिए जाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान की वार्षिक कार्ययोजना एवं चालू वित्तीय वर्ष में योजना के अन्तर्गत 15900 लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान भी किया था। इसके बावजूद अब तक हेडमास्टरों के हाथों में मोबइल या टेबलेट नहीं आ सके।जबकि इस बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने डिजीटाइजेशन की तरफ पूरी मजबूती से कदम बढ़ा दिए हैं। अब तक विभाग हेडमास्टरों व शिक्षकों के मोबाइल से ही विभागीय कार्य करा रहा है।



 


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