नए नियमों से गिर रही गाज, कस्तूरबा शिक्षकों को 12 की जगह अब 11 महीने का मानदेय

शिक्षकों को 12 की जगह अब 11 महीने का मानदेय

नियुक्तियों की शतें कुछ और अब नवीनीकरण में अब नई शर्तें। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में लगभग दो दशकों से पढ़ा रहे शिक्षकों पर नए नियमों से गाज गिर रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खण्डपीठ में इस संबंध में 3-4 याचिकाएं दायर हो चुकी हैं और शिक्षक लगातार इस पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। नए नियमों व शर्तों से लगभग 2200 शिक्षक ऐसे हैं जो प्रभावित हो रहे हैं। वहीं इस बार 12 की जगह 11 महीने की संविदा की जा रही है।

प्रदेश में 746 केजीबीवी में लगभग 5500 शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी हैं। नए नियमों के तहत लगभग 400 से 500 शिक्षकों को अंशकालिक से

पूर्णकालिक और इतनी ही शिक्षिकाएं पूर्णकालिक से अंशकालिक की जा रही हैं। पूर्णकालिक से अंशकालिक होने में मानदेय 22000 से सीधे 9800 हो जाएगा।

वहीं अंशकालीन से पूर्णकालिक होने में मानदेय तो बढ़ेगा लेकिन जरूरी नहीं कि शिक्षिक इस अवस्था में हो कि वो केजीबीवी में रह सके। पूर्णकालिक शिक्षकों को स्कूल में ही 24 घण्टे रहना पड़ता है।

लगभग 1100 शिक्षक ऐसे हैं जो असंगत विषयों के या पूर्णकालिक विषयों के पुरुष शिक्षक हैं। पुरुष शिक्षक अंशकालिक के रूप में केजीबीवी में तैनात किए जाते हैं लेकिन यदि अंग्रेजी, गणित या विज्ञान के पुरुष शिक्षक हैं तो उन्हें पूर्णकालिक नहीं किया जा सकता। लिहाजा अंशकालिक विषयों में पद न होने पर उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।


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