डीएलएड सत्र शून्य होने का खतरा, 2.42 लाख सीटें रह जाएंगी खाली, स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा न होने से बने हालात

डीएलएड सत्र शून्य होने का खतरा, 2.42 लाख सीटें रह जाएंगी खाली, स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा न होने से बने हालात


प्रयागराज। कोरोना के चलते प्रदेश के अधिकांश विश्वविद्यालयों में स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं होने और रिजल्ट जारी नहीं होने से नए शैक्षिक सत्र में डीएलएड में प्रवेश अधर में फंस गया है। शासन की ओर से डीएलएड प्रवेश को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी नहीं होने से अब शैक्षिक सत्र शून्य होने की संभावना बढ़ गई है। प्रवेश नहीं होने से डीएलएड की 2.42 लाख सीटें खाली रह जाएंगी।


सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी का कहना है कि डीएलएड में नए शैक्षिक सत्र में प्रवेश के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विवि के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है। उनका कहना है कि विवि में इस समय परीक्षा चल रही है, परीक्षा के बाद कॉपियों का मूल्यांकन कराए जाने के बाद दिसंबर तक परिणाम की संभावना है। ऐसे में चालू सत्र में डीएलएड प्रवेश संभव नहीं है।


डीएलएड प्रवेश पर कोई निर्णय नहीं लेने से सैकड़ों शिक्षकों की नौकरी पर खतरा बढ़ गया है। नया प्रवेश नहीं होने पर डीएलएड कॉलेज अपने शिक्षकों को नौकरी से निकाले जाने की बात कर रहे हैं। प्रदेश के सभी जिलों में कुल 75 सरकारी बीटीसी कॉलेज हैं, इसमें कुल 10500 सीटें हैं। जबकि, लगभग 3200 निजी बीटीसी-डीएलएड कॉलेजों में 2.30 लाख सीटें हैं। निजी बीटीसी कॉलेजों में 50 से 200 के बीच सीटें हैं।
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