अनुदेशकों के मानदेय मामले में मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस

अनुदेशकों के मानदेय मामले में मुख्य सचिव को अवमानना नोटिस

अनुदेशकों को 17000 मानदेय देने पर निर्णय लेने में देरी पर हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी को अवमानना का नोटिस

हाईकोर्ट ने पूछा क्यों न शुरू की जाए अवमानना की कार्रवाई?
कोर्ट ने परियोजना डायरेक्टर से भी पूछा क्यों न किया जाए दंडित?

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अनुदेशकों के मानदेय को लेकर दाखिल है अवमानना याचिका


प्रयागराज। अनुदेशकों को केंद्र सरकार द्वारा घोषित मानदेय देने पर निर्णय लेने में देरी पर हाईकोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र प्रसाद तिवारी को अवमानना का नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उन्हें कोर्ट की अवमानना के लिए दंडित किया जाए। कोर्ट ने 23 नवंबर तक जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एम्रके गुप्ता ने भदोही के अनुदेशक आशुतोष शुक्ल की अवमानना याचिका पर दिया है।


याची का कहना है कि अनुदेशक को मानदेय के रूप में आठ हजार रुपये दिए जा रहे हैं। जबकि केंद्र सरकार ने मानदेय बढ़ाकर 17 हजार प्रतिमाह कर दिया है। राज्य सरकार इस आदेश का पालन नहीं कर रही है, जिसपर याचिका दाखिल की गई। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए केंद्र सरकार के आदेश का पालन करने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया था। पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका पर कोर्ट ने छह हफ्ते में पालन का निर्देश दिया। फिरभी अवहेलना की गई तो दोबारा यह याचिका दाखिल की गई है।

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