डीएलएड 2020 सत्र पर घमासान, निजी कालेज सत्र संचालन को अड़े तो परीक्षा संस्था सत्र शून्य करने पर, सूबे में सवा दो लाख से अधिक हैं सीटें

डीएलएड 2020 सत्र पर घमासान, निजी कालेज सत्र संचालन को अड़े तो परीक्षा संस्था सत्र शून्य करने पर,  सूबे में सवा दो लाख से अधिक हैं  सीटें


प्रयागराज : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) 2020 पर घमासान मचा है। तय समय से छह माह बीते, 2021 की बारी है। परीक्षा संस्था सत्र को शून्य करने की पक्षधर है, जबकि निजी कालेज संचालक 2020 सत्र के संचालन पर अड़े हैं।


प्रदेश में दो साल का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान डायट व निजी कालेजों में संचालित हो रहा है। हर साल अप्रैल में सत्र पर मुहर लगकर मई से ऑनलाइन आवेदन लेकर मेरिट के अनुसार पसंदीदा कालेजों में प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण मिलता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी ने 2020 के को शून्य कर 2021 के लिए प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जल्द निर्णय की उम्मीद है।


स्नातक परिणाम बना बाधा
प्रदेश के अधिकांश विश्वविद्यालयों में स्नातक परीक्षाओं के परिणाम काफी विलंब से घोषित हुए हैं। डीएलएड के लिए स्नातक होना अनिवार्य है, इसलिए भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने में देरी हुई।


बीएड से डीएलएड हाशिए पर
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 2018 में प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को मान्य किया था। तभी से डीएलएड हाशिए पर गया। डीएलएड के बाद सिर्फ प्राथमिक स्कूल जबकि बीएड के बाद प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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