मेडिकल एवं सीसीएल आवेदनों का ससमय निस्तारण न होने पर महानिदेशक सख्त, किसी भी स्थिति में अवकाश आवेदनों पर न हो वेतन अवरुद्ध

मेडिकल एवं सीसीएल आवेदनों का ससमय निस्तारण न होने पर महानिदेशक सख्त, किसी भी स्थिति में अवकाश आवेदनों पर न हो वेतन अवरुद्ध।

शिक्षकों के अवकाश समय से स्वीकृत करने के निर्देश, स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने दी हिदायत

बेसिक शिक्षकों के अवकाश की स्वीकृति में ढिलाई, स्कूल शिक्षा महानिदेशक की पुनः समीक्षा में अवकाश आवेदन निस्तारण की स्थिति खस्ताहाल


बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के अवकाश की स्वीकृति के लिए सरकार ने दो साल पहले मानव संपदा पोर्टल की शुरुआत इस उद्देश्य के साथ की थी कि इससे एक पारदर्शी व्यवस्था बनेगी। लंबे समय तक फाइलों तले आवेदन दबाए, अटकाए रखने की प्रवृत्ति खत्म होगी। लेकिन, जिस भावना के साथ इसकी शुरुआत हुई, वह सकारात्मक प्रतिफल तक नहीं पहुंच पाई।


 स्कूल शिक्षा महानिदेशक ने समीक्षा में यह पाया है कि पोर्टल के जरिये आवेदन निस्तारण की स्थिति खस्ताहाल है। यह हाल तब है, जबकि दो महीने पहले महानिदेशक ने ही सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिखा था कि 1500 से ज्यादा शिक्षकों के अवकाश स्वीकृति के आवेदन अनावश्यक रूप से लटकाए गए। उन्होंने आर्थिक शोषण किए जाने की पुष्टि करते हुए विवेचना करके आवश्यक कार्रवाई के निर्देश भी दिए। चेताया भी था कि इसकी पुनरावृत्ति मिलने पर उत्तरदायित्व तय करेंगे। लेकिन, दो महीने बाद भी न तो नजीर कार्रवाई हुई, न ही व्यवस्था में सुधार हो सका। महानिदेशक को फिर नाराजगी जतानी पड़ रही है तो इसकी गहराई से तहकीकात करनी चाहिए।


यह विचित्र ही है कि योगी सरकार अपने कामकाज को पारदर्शी बनाने के लिए व्यवस्था बनाए और बेसिक शिक्षा विभाग के जिलों में तैनात अफसर ढर्रे से बाहर आने को तैयार न हों। सरकार ने तय किया है कि आवेदन के बाद सहायक अध्यापकों के चार दिन तक के आकस्मिक अवकाश की मंजूरी प्रधानाध्यापक और इससे अधिक दिनों की स्वीकृति खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) देंगे। स्वीकृत-अस्वीकृत का फैसला एक दिन में ही करना होगा। बाल्य देखभाल अवकाश और चिकित्सा अवकाश की अर्जी पर चार दिन के भीतर बीईओ व बीएसए निर्णय करेंगे। 


समीक्षा में पाया गया कि अवकाश पर निर्णय लेने में 50 से 100 दिन लग रहे हैं। अधिकांश जिलों में 40 फीसद से ज्यादा आवेदन निस्तारित ही नहीं किए गए। लखनऊ में ही नौ फरवरी तक आए 99 आवेदनों में से 37 अनिर्णीत रहे। शिक्षा अधिकारियों को समझना होगा कि परिषदीय स्कूलों की रीढ़ शिक्षक और शिक्षामित्र ही हैं। अगर शिक्षक तनाव में रहेंगे तो शिक्षण व्यवस्था में सुधार की कल्पना बेमानी ही होगी।


लखनऊ। स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को शिक्षकों और शिक्षामित्रों के अवकाश नियत समय में स्वीकृत करने की हिदायत दी है। इस संबंध में उन्होंने निर्देश जारी किए हैं।

बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों और शिक्षामित्रों को चिकित्सा और बाल्य देखभाल अवकाश देने के लिए मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था है। नियमानुसार ऑनलाइन आवेदन के तीन दिन में खंड शिक्षा अधिकारी को उसे स्वीकृत या अस्वीकृत कर मंजूरी के लिए बीएसए को ऑनलाइन फारवर्ड करना होगा लेकिन बीते दिनों समीक्षा में सामने आया कि आदेश के बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी आवेदनों का निस्तारण निर्धारित समय में नहीं करते हैं। इसी के बाद ये निर्देश जारी किए गए हैं।


उप्र. दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के अध्यक्ष अनिल यादव ने आरोप लगाया कि खंड शिक्षा अधिकारी अब भी अवकाश स्वीकृति के नाम पर उगाही करते हैं। बात नहीं मानने पर प्रताड़ित किया जाता है। उन्होंने समय पर अवकाश स्वीकृति न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।





मेडिकल एवं सीसीएल आवेदनों का ससमय निस्तारण न होने पर महानिदेशक सख्त, किसी भी स्थिति में अवकाश आवेदनों पर न हो वेतन अवरुद्ध Reviewed by sankalp gupta on 7:31 PM Rating: 5

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