मिड डे मील स्कीम का नाम बदलकर "प्रधानमंत्री पोषण स्कीम" किये जाने का फैसला, कैबिनेट निर्णय की प्रेस विज्ञप्ति देखें

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PM POSHAN : सरकारी स्कूल के बच्चों को 5 साल तक फ्री में मिलेगा मिड-डे मील, मोदी सरकार की नई स्कीम

मिड-डे मील की जगह पीएम पोषण योजना : नई योजना में कई प्रावधान भी जोड़े, गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ पोषण का भी लक्ष्य

PM-पोषण स्कीम: अब 1 से 5 साल तक के बच्चों को भी मिलेगा मिड डे मील का फायदा


केंद्र सरकार ने पीएम-पोषण योजना की शुरुआत की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को मंजूरी मिली है। इससे देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है।
अहम बात ये है कि इस योजना के दायरे में अब एक से 5 साल तक के बच्चे भी आएंगे। आपको बता दें कि मिड-डे मील योजना का लाभ 6 से 14 साल तक के बच्चों को मिलता था लेकिन अब पीएम-पोषण योजना के तहत दोनों वर्ग के बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाएगा। इस योजना का बोझ केंद्र और राज्य सरकार मिलकर उठाएंगे। राज्य के मुकाबले केंद्र सरकार का ज्यादा सहयोग होगा।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए पहले से चल रही मिड-डे मील योजना में बदलाव करते हुए इसे पीएम पोषण के रूप में अगले पांच सालों के लिए क्रियान्वित करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को यह निर्णय लिया गया।

कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम पोषण योजना में मिड-डे मील योजना को समाहित किया गया है। साथ ही नई योजना में कई नए प्रावधान भी जोड़े गए हैं। योजना के जरिये गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ-साथ पोषण के भी लक्ष्य हासिल किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि योजना पूर्व की भांति केंद्र एवं राज्यों की हिस्सेदारी में चलेगी।

1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे : शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि अगले पांच सालों के दौरान पीएम पोषण योजना पर 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 99061.73 करोड़ रुपये होगी जिसमें अनाज की कीमत भी शामिल है। आठवीं तक के करीब 12 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा।

योजना का सामाजिक ऑडिट
सभी जिलों में योजना का सामाजिक आडिट भी अब किया जाएगा। आकांक्षी जिलों के बच्चों के लिए योजना के तहत अतिरिक्त पोषण आहार की व्यवस्था करने का भी प्रावधान जोड़ा गया है। भोजन बनाने की प्रतियोगिता जैसे आयोजन होंगे।

प्री प्राइमरी कक्षाओं के बच्चों को भी फायदा
इसमें प्ले स्कूलों को शामिल किया गया है। त्योहार या किसी खास मौके पर बच्चों को विशेष पकवान उपलब्ध कराए जाएंगे। स्कूल गार्डन योजना के तहत उगाए गए खाद्य पदार्थों को बच्चों को माइक्रोन्यूट्रीएंट प्रदान किया जाएगा।

कुपोषण से निपटने के लिए प्रतिबद्ध : मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि कुपोषण के खतरे से निपटने के लिए हम हरसंभव काम करने को प्रतिबद्ध हैं। पीएम-पोषण को लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल का निर्णय बहुत अहम है और इससे भारत के युवाओं का फायदा होगा। यह योजना 2021-26 तक के लिए है। 


केंद्र सरकार ने पीएम-पोषण योजना की शुरुआत की है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को मंजूरी मिली है। इससे देश भर के 11.2 लाख से अधिक सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों को फायदा मिलने की उम्मीद की जा रही है। योजना के तहत स्कूल के छात्रों को मिड-डे मील यानी दोपहर का भोजन सुनिश्चित किया जाएगा। 

मीडिया को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह योजना 5 साल तक चलेगी और 1.31 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता (एनईआईए) योजना को जारी रखने और 5 वर्षों में 1,650 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान को मंजूरी दी है। 










मिड डे मील स्कीम का नाम बदलकर "प्रधानमंत्री पोषण स्कीम" किये जाने का फैसला, कैबिनेट निर्णय की प्रेस विज्ञप्ति देखें Reviewed by sankalp gupta on 4:23 PM Rating: 5

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