विद्यालय स्तर पर पुस्तकालय / रीडिंग कार्नर के सुदृढीकरण व उपयोग के सम्बन्ध में।

विद्यालय स्तर पर पुस्तकालय / रीडिंग कार्नर के सुदृढीकरण व उपयोग के सम्बन्ध में।

शिक्षण कौशल बढ़ाने के लिए परिषदीय स्कूलों में पुस्तकालयों को सक्रिय करने पर जोर

परिषदीय विद्यालयों में स्थित पुस्तकालयों में मिलेंगी एनसीईआरटी और एनबीटी की पुस्तकें, हर कक्षा में रीडिंग कार्नर बनाने पर जोर



छात्र-छात्राओं के शिक्षण कौशल को बढ़ाने के लिए परिषदीय विद्यालयों में स्थित पुस्तकालयों में अब एनसीईआरटी और नेशनल बुक ट्रस्ट की किताबें बच्चों को मुहैया कराई जाएंगी। इस पुस्तकों से बच्चों केे ज्ञान में वृद्धि होगी।

परिषदीय स्कूलों में बच्चों के ज्ञानार्जन के लिए पुस्तकालय और रीडिंग कार्नर बनाए गए हैं। लेकिन अधिकांश पुस्तकालय निष्क्रिय पड़े हैं। जिससे बच्चों को पुस्तकालयों का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। लेकिन, अब इन पुस्तकालयों और रीडिंग कार्नरों का बच्चों को भरपूर लाभ दिलाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने कवायद की है।

अब इन पुस्तकालय को एनसीईआरटी, एनबीटी की पुस्तकों तथा विभिन्न शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। विद्यालय स्तर पर रीडिंग कॉर्नर बनाने के लिए स्कूल शिक्षा की महानिदेशक अनामिका सिंह ने निर्देश जारी किए हैं। 

इसके मुताबिक विद्यालयों में अध्ययन सामग्री से सुसज्जित एक पुस्तकालय की स्थापना की जानी है। उसे क्रियाशील बनाया जाना है। योजना के तहत जिन विद्यालयों में पुस्तकालय के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध नहीं है, वहां प्रत्येक कक्षा में रीडिंग कॉर्नर बनाया जाएगा। पुस्तकालय का उपयोग बच्चों की पठन क्षमता के विकास के साथ-साथ शैक्षिक कौशल, स्वतंत्र चिंतन, सामाजिक सांस्कृतिक जानकारी में अभिवृद्धि तथा अन्य विषयों में अभिरुचि के विकास में सहायक सिद्ध होगा।

 बच्चों में पुस्तकालय की पुस्तकों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने व उनमें पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए निर्धारित समय सारिणी के अनुसार आवंटित कालांश में बच्चों को पाठयक्रम आधारित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी।


छात्र-छात्राओं के शिक्षण कौशल को बढ़ाने के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों में एक-एक पुस्तकालय की स्थापना की जाएगी। पुस्तकालय को एनसीईआरटी, एनबीटी की पुस्तकों तथा विभिन्न शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

विद्यालय स्तर पर रीडिंग कॉर्नर बनाने के लिए स्कूल शिक्षा की महानिदेशक अनामिका सिंह ने निर्देश जारी किए हैं। इसके मुताबिक विद्यालयों में अध्ययन सामग्री से सुसज्जित एक पुस्तकालय की स्थापना की जानी है और उसे क्रियाशील बनाया जाना है। 

जिन विद्यालयों में पुस्तकालय के लिए अलग से कक्ष उपलब्ध नहीं है, वहां प्रत्येक कक्षा में रीडिंग कॉर्नर बनाया जाएगा। पुस्तकालय का उपयोग बच्चों की पठन क्षमता के विकास के साथ-साथ शैक्षिक कौशल, स्वतंत्र चिंतन, सामाजिक सांस्कृतिक जानकारी में अभिवृद्धि तथा अन्य विषयों में अभिरुचि के विकास में सहायक सिद्ध होगा।

बच्चों में पुस्तकालय की पुस्तकों का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करने व उनमें पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए निर्धारित समय सारिणी के अनुसार आवंटित कालांश में बच्चों को पाठयक्रम आधारित पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई जाएंगी। 


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