बिना नियमावली चल रहे प्ले स्कूलों पर बाल संरक्षण आयोग ने जताई आपत्ति

बिना नियमावली चल रहे प्ले स्कूलों पर बाल संरक्षण आयोग ने जताई आपत्ति


 प्रदेश में बिना किसी नियमावली के चल रहे प्ले स्कूलों के संचालन पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने ऐतराज जताया है। प्रदेश में प्ले स्कूल की मान्यता को लेकर कोई तंत्र नहीं है जबकि वर्ष 2020 में केंद्र सरकार ने बाल विकास पुष्टाहार विभाग को प्ले स्कूलों के संचालन के लिए नोडल विभाग बनाया था।


आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने विभाग की प्रमुख सचिव को इस बाबत पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि आईसीडीएस इसका नोडल विभाग जरूर है लेकिन प्ले स्कूलों के संचालन को लेकर कोई तंत्र नहीं दिखता है। न तो स्कूलों में उपलब्ध सेवाओं का सरकार के पास कोई ब्यौरा है और न ही वहां काम करने वाले लोगों का पुलिस सत्यापन होता है। उनका ऐतराज बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्कूल पूर्व गतिविधियों को संचालित करने पर भी है।


क्या है नियम

केन्द्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्ले स्कूलों के लिए गाइडलाइन तैयार की है। इसके मुताबिक प्राइवेट प्ले स्कूलों को छह महीने के भीतर गाइडलाइन को पूरा कर मान्यता लेनी होगी, नहीं तो उन्हें बंद किया जाएगा। स्कूल में हर 20 बच्चे पर एक टीचर और एक केयरटेकर रखना व सीसीटीवी लगवाना जरूरी होगा।

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