प्रत्येक जनपद से प्रेषित 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत किए जाने हेतु स्थलीय सत्यापन करते हुए आवश्यकताओं का आंकलन करने का आदेश जारी

जनपद में मौजूद सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत किये जाने के संबंध में।


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प्रत्येक जनपद से प्रेषित 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत किए जाने हेतु स्थलीय सत्यापन करते हुए आवश्यकताओं का आंकलन करने का आदेश जारी।

हर जिले के 10 स्कूल जल्द बनेंगे मॉडल स्कूल, स्कूलों का चयन कर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश

यूपी के 750 परिषदीय स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल स्कूल, हर जिले से 10 विद्यालयों का होगा चयन

यूपी में सर्वश्रेष्ठ परिषदीय विद्यालयों को उच्चीकृत करने की चल रही तैयारी

महानिदेशक ने निर्देश दिए हैं कि चयनित 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत करने के लिए जिला समन्वयक (निर्माण) के माध्यम से स्थलीय सत्यापन कराने और निर्धारित प्रारूप में फोटो सहित आठ बिंदुओं की सूचनाएं उपलब्ध कराएं। 


हर जनपद से 10 मॉडल स्कूल के लिए इन आठ बिंदुओं पर होगा मंथन

1 - सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से ऐसे विद्यालयों का चयन हो, जहां कक्षा एक से आठवीं तक की कक्षाएं संचालित हों।

2 - कार्ययोजना तैयार करने के लिए विद्यालयों का आवंटन राज्य स्तर से प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।

3 - कार्ययोजना तैयार होने से पहले विद्यालय परिसर का अधिकतम 60 सेकेंड का एक वीडियो तैयार कर लिया जाए, जिससे विद्यालय के संपूर्ण भौतिक परिवेश का आकलन किया जा सके।

4 - कार्ययोजना तैयार करने के दौरान मितव्ययीता का विशेष ध्यान रखें और त्रुटि रहित माप को अंकित करते हुए निर्धारित मानकों के अनुसार करें।

5 - विद्यालय परिसर का एक ले-आउट प्लान आटोकैड के माध्यम से तैयार करते हुए प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

6 - विद्यालय परिसर के उच्चीकरण के लिए जिस स्तर पर किसी प्रकार का सिविल वर्क प्रस्तावित किया जाता है, उस दशा में प्रस्तावित सिविल कार्य का फोटो लेकर प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।

7 - यदि विद्यालय में संलग्न प्रारूपों से पृथक अन्य कोई सिविल कार्य प्रस्तावित है, तो उसकी कार्ययोजना अलग तथ्यों के साथ अलग से प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड की जाए।

8 - प्रत्येक विद्यालय की कार्ययोजना तैयार किए जाने, आटोकैड साफ्टवेयर के माध्यम से साइट प्लान-ले-आउट प्लान तैयार करने के लिए सर्वेक्षण के लिए प्रति विद्यालय अधिकतम एक हजार रुपये की धनराशि जिला समन्वयक (निर्माण) को देय होगा। कार्ययोजना तैयार कर प्रेरणा पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड करने के बाद डीपीओ स्तर से देय होगा, जो राज्य परियोजना स्तर से उपलब्ध कराई जाएगी।



लखनऊ। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में दस-दस सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत करने की तैयारी है। इन विद्यालयों में कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास आदि अत्याधुनिक अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराने की योजना है।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद की ओर से सभी बीएसए को जारी निर्देशों में कहा गया है कि ऐसे विद्यालयों का स्थलीय सत्यापन जिला समन्वयक (निर्माण) के माध्यम से कराया जाए। ऐसे विद्यालय ही चुनें जहां कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाएं संचालित होती है।


यूपी के 750 परिषदीय स्कूलों को बेसिक शिक्षा विभाग मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करेगा। इसके लिए हर जिले से बेहतरीन 10 स्कूलों का चयन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश में परिषदीय स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस साल 750 परिषदीय स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाएगा। इसके लिए हर जिले से 10 बेहतरीनन स्कूलों का चयन किया जाएगा। इन स्कूलों में सभी सुविधाओं के साथ शिक्षकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने स्कूल कर्मियों को चिह्नित करते हुए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है।

राज्य सरकार ने पांच सालों में 5 हजार अभ्युदय कम्पोजिट स्कूलों को मॉडल स्कूलों की तरह विकसित करने का ऐलान किया है। हालांकि अभी तक इसकी विस्तृत गाइडलाइन जारी नहीं हो पाई है लेकिन इस बीच विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए हर जिले में 10-10 अच्छे स्कूलों का चयन कर गैप एनालिसिस किया जा रहा है।


मसलन स्कूलों में शौचालय, टाइल्स, रंगाई पुताई, ब्लैकबोर्ड, चारदीवारी या अन्य चीजे पहले से हैं तो वहां कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास स्थापित करके उसे अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल बनाया जाएगा। यदि वहां सिविल वर्क की जरूरत है तो उसकी योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साइट प्लान बनाने के लिए प्रति स्कूल 1 हजार रुपये भी दिए जाएंगे।


बेसिक शिक्षा विभाग इस वर्ष 750 परिषदीय स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करेगा। इसके लिए हर जिले से 10 सर्वश्रेष्ठ स्कूलों का चयन किया गया है। इन स्कूलों में सभी सुविधाओं के साथ शिक्षकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है। इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इन स्कूलों की कमियों को चिह्नित करते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं।


सरकार ने पांच वर्षों में 5000 अभ्युदय कम्पोजिट स्कूलों को मॉडल स्कूलों की तरह विकसित करने का ऐलान किया है। अभी तक इसकी विस्तृत गाइडलाइन जारी नहीं हो पाई है लेकिन इस बीच विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसके लिए हर जिले में 10-10 अच्छे स्कूलों का चयन कर गैप एनालिसिस किया जा रहा है। मसलन स्कूलों में शौचालय, टाइल्स, रंगाई पुताई, ब्लैकबोर्ड, चारदीवारी या अन्य चीजे हैं तो वहां कम्प्यूटर लैब, साइंस लैब, लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लास आदि स्थापित कर उसे अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल बनाया जाएगा। यदि वहां सिविल वर्क की जरूरत है तो उसकी योजना भी बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साइट प्लान बनाने के लिए प्रति स्कूल 1000 रुपये भी दिए जाएंगे।









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प्रत्येक जनपद से प्रेषित 10 सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को उच्चीकृत किए जाने हेतु स्थलीय सत्यापन करते हुए आवश्यकताओं का आंकलन करने का आदेश जारी Reviewed by sankalp gupta on 7:45 PM Rating: 5

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