जनपद में अशासकीय प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूलों के मान्यता के प्रकरण के निस्तारण के सम्बन्ध में।

जनपद में अशासकीय प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूलों के मान्यता के प्रकरण के निस्तारण के सम्बन्ध में।
 

ब्लॉक स्तर पर लंबित हैं स्कूलों की मान्यता के सर्वाधिक मामले, प्राथमिक व जूनियर हाई स्कूलों की मान्यता का मामला, संबंधित बीएसए को दी गई अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी

अधिकारियों की लापरवाही के चलते 8वीं तक के 1237 स्कूलों की मान्यता फंसी


प्रयागराज । अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश में आठवीं तक के 1287 निजी स्कूलों की मान्यता फंसी हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा में पता चला है कि सर्वाधिक 583 प्रकरण खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) के स्तर पर लंबित हैं। मंडलीय और जनपदीय समिति के स्तर पर 525 जबकि बीएसए के स्तर पर 129 मामले विचाराधीन है। 


संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक गणेश कुमार ने सभी बीएसए को 12 अक्तूबर को पत्र लिखकर समय से मान्यता के प्रकरण निस्तारित करने के निर्देश दिए है। समय से निस्तारण न होने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। जनहित गारंटी अधिनियम की भी अवहेलना है। निजी स्कूलों को मान्यता देने से संबंधित सभी कार्रवाई ऑनलाइन होने लगी है।


लखनऊ। प्रदेश में प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूलों की मान्यता के ज्यादातर मामले खंड शिक्षा अधिकारी व मंडलीय / जिला समितियों के समक्ष लंबित हैं। हाल ही बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा में पता चला कि सर्वाधिक 583 मामलों में अभी खंड शिक्षा अधिकारी के स्तर से निरीक्षण होना है। वहीं मंडलीय / जिला समिति स्तर से 525 मामले लंबित हैं।


इस पर संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार ने सभी बीएसए को पत्र जारी कर कहा कि लंबित प्रकरणों से लग रहा है कि विभागीय कार्यों के प्रति जानबूझकर उदासीनता बरती जा रही है। उन्होंने अत्यंत खेदजनक बताते हुए इन मामलों का निस्तारण निर्धारित समयसीमा के भीतर न होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी है।


गौरतलब है कि प्रदेश में अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों को मान्यता देने संबंधी सभी कार्यवाही ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। इसके बावजूद निर्धारित समयसीमा के भीतर स्कूलों को मान्यता देने संबंधी कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर 129 मामले लंबित हैं। इनमें से 61 मामलों में सिर्फ सर्टिफिकेट जनरेट किए जाने है, शेष 68 मामले में मंडलीय / जनपदीय समिति को अग्रसारित करने के हैं।


अन्य जिलों में लंबित मामले

आजमगढ़ में 23, गोरखपुर व वाराणसी में 22-22, कानपुर देहात में 20. मथुरा में 19, परेलों में 17 प्रतापगढ़ में 16, बदायूं, मेर शाहजहांपुर देवरिया में 15-15 hat i_{14} बलिया कन्नी महाराजगंज व हाथरस में 13-13, गाजीपुर बस्ती व जौनपुर में 12 12 आगरा व बांदा में 11-11, मऊ में 10 प्र कानपुर नगर में 9-9 अलीगढ़ इटावा तमबुद्धनगर व कौशांबी में 8 8 और मिजीपुर फतेहपुर में 7-7. कुशीनगर चंदौली व बागपत में 6:6, खोरी, ललितपुर व हमीरपुर में 5-5, रतनगर सोनभद्र से जियाबाद में 4-4 कासगंज मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, अमरोहा, एटा व झांसी में 3-3, जालीम, मुरादाबाद, रामपुर व मैनपुरी मे 2-2 और बनी, सिद्धार्थनगर, पीलीभीत व फिरोजाबाद में 1-1


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