आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद देकर आदर्श बनाएंगे, शासनादेश देखें

आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद देकर आदर्श बनाएंगे, शासनादेश देखें 

गोद लेकर संवारी जाएगी आंगनबाड़ी केंद्रों की सूरत, एक संस्था तीन आंगनबाड़ी केंद्र को ले सकेगी गोद, छह महीने के भीतर आदर्श बनाया जाएगा


लखनऊ : प्रदेश में तीन वर्ष से लेकर छह वर्ष तक के बच्चों को बेहतर शिक्षा और पोषण की सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा इन आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेकर इनकी सूरत संवारी जाएंगी।


 सभी जिलों में डीएम के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया जा सकेगा और छह महीने में इन्हें आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करना होगा। एक स्वयंसेवी व शैक्षिक संस्था द्वारा तीन आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया जा सकेगा। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अनुमति से आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लिया जा सकेगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची गोद लेने के लिए लोगों को उपलब्ध कराई जाएगी। छह महीने में आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जरूरी मानकों को पूरा करते हुए उन्हें आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाया जाएगा। इसमें कुपोषण से मुक्ति और औपचारिक शिक्षा के स्तर में सुधार प्रमुख है।


 गोद लिए गए आंगनबाड़ी केंद्रों की प्रगति रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा प्रतिमाह शासन और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय को भेजी जाएगी। छह महीने में निर्धारित मानकों को पूर्ति होने पर जिला पोषण समिति द्वारा आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र घोषित किया जाएगा और प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।



लखनऊ। राज्य सरकार गोद देकर आंगनवाड़ी केंद्रों को आदर्श बनाएगी। सचिव बाल विकास एवं पुष्टाहार अनामिका सिंह ने इस संबंध में गुरुवार को शासनादेश जारी कर दिया है।


शासनादेश में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों व शैक्षिक संस्थाओं से गोद लेकर आर्दश आंगनबाड़ी केंद्र बनाने की अपेक्षा की है। राज्यपाल ने भी इनको 24 प्रकार की शिक्षा से संबंधित सामग्रियों की किट उपलब्ध कराए जाने का निर्देश दिया है। इसलिए डीएम की अनुमति से आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र विकसित किए जाएंगे।


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