अवकाश उपभोग के उपरांत पोर्टल पर कैंसिल कर दिए जाने के संशय के चलते 53 जनपदों के BSA से प्रकरणों पर आख्या तलब, देखें

अवकाश उपभोग के उपरांत पोर्टल पर कैंसिल कर दिए जाने के संशय के चलते 53 जनपदों के BSA से प्रकरणों पर आख्या तलब, देखें।

53 जिलों के बीएसए से स्पष्टीकरण तलब

अवकाश को लेकर मिलीभगत का संदेह, स्कूल महानिदेशक ने सभी जिलों के बीएसए से जवाब मांगा

● सुबह अवकाश, दोपहर में कैंसिल हो गई अनुपस्थिति

● छुट्टी कैंसिल करते ही पोर्टल में उपस्थिति दर्ज

लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों ने छुट्टी को लेकर ऑनलाइन व्यवस्था का मनमाना तोड़ निकाल लिया है। मानव संपदा पोर्टल के जरिए छुट्टियों में भी फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। पोर्टल डाटा की समीक्षा में पता चला है कि एक दो नहीं, बल्कि 53 जिलों में शिक्षकों ने छुट्टी में फर्जीवाड़ा कर दिया है। इसमें रिपोर्टिंग प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की ओर से कोई आपत्ति नहीं होने पर मिलीभगत माना जा रहा है। खुलासे के बाद स्कूल महानिदेशक ने संबंधित जिलों के बीएसए से पांच जनवरी तक जवाब मांगा है।


प्रदेश के 53 जिलों के शिक्षकों ने मानव संपदा पोर्टल पर अपनी लॉगिन आईडी से सुबह आकस्मिक अवकाश लिया लिया और दोपहर में कैंसिल कर दिया। पोर्टल ने सीएल कैंसिल करते ही उपस्थिति दर्ज कर दी। शिक्षक छुट्टी पर भी रहे और गैरहाजिरी दर्ज भी नहीं हुई। अवकाश लेने और कैंसिल करने की ऑनलाइन सूचना रिपोर्टिंग अध्यापक और इलाके के खंड शिक्षा अधिकारी तक स्वत पहुंच जाती है। दोनों ने देखा और नजरंदाज कर दिया। इस बात से बेखबर रहे कि पोर्टल की हर गतिविधि मास्टर सर्वर पर दर्ज हो रही है। इस बात की भी आशंका नहीं रही कि पोर्टल की गतिविधि की स्क्रीनिंग हो सकती है।


क्या है व्यवस्था
चार दिन का सीएल स्वीकृत करने का अधिकार प्रधानाध्यापक को है और बाकी छुट्टियां खंड शिक्षाधिकारी मजूर करते हैं। प्रधानाध्यापक के रिपोर्टिंग आफिसर खंड शिक्षाधिकारी होते हैं।


पोर्टल पर छह तरह की मिल रहीं सुविधाएं

मानव संपदा पोर्टल प्रदेश सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की सुविधा के लिए मानव संपदा पोर्टल शुरू किया। इसका लाभ राज्य के करीब 74 विभागों के कर्मचारियों को मिल रहा है। पोर्टल से किसी भी विभाग का कर्मचारी घर बैठे नियुक्ति, अवकाश और तबादले आदि की अर्जी दे सकता है। इस पोर्टल पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों, कर्मचारियों को भी ऑनलाइन सेवाएं मिल रही हैं। शिक्षकों को भी इस पोर्टल पर छुट्टी या तबादले के लिये आवेदन सुविधा है।


इन जिलों के शिक्षकों ने किया फर्जीवाड़ा

फर्जीवाड़े में प्रदेश के 53 जिलों के शिक्षक शामिल हैं। इनमें उन्नाव, रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, लखीमपुर, अयोध्या, सुलतानपुर, आगरा, प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, बरेली, वाराणसी, अलीगढ़, अमेठी, औरैया, आजमगढ़, बलरामपुर, बांदा, बहराइच, बिजनौर, जालौन, हाथरस, महोबा, जौनपुर, मथुरा, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रामपुर, सहारनपुर, संत कबीरनगर, संत रविदासनगर, फतेहपुर, मिर्जापुर, कासगंज, एटा मैनपुरी शामिल हैं।


शिक्षकों के आकस्मिक अवकाश में खेल

पोर्टल पर छुट्टियों के फर्जीवाड़े में शिक्षकों ने आकस्मिक अवकाश में खेल किया है। शिक्षकों ने पोर्टल पर कैजुअल लीव (सीएल) और एक दिन का चिकित्सा अवकाश ऑनलाइन लिया। उसी दिन दोपहर 12 बजे के बाद शिक्षकों ने छुट्टी कैंसिल कर दी। कुछ ने रात 10 बजे के बाद छुट्टी कैंसिल की। अधिकारियों ने वजह नहीं पूछी, जबकि रिपोर्टिंग ऑफिसर की संस्तुति पर ही छुट्टी मिलती है।


लखनऊ। शिक्षकों के अवकाश लेने के बाद उन्हें निरस्त करने पर 53 जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने आदेश भेज कर कहा है कि शिक्षकों के अवकाश दोपहर 12 बजे के बाद से रात दस बजे तक निरस्त किए जा रहे हैं। ये स्थिति संदेहजनक है। लिहाजा सभी बीएसए अपना स्पष्टीकरण पांच जनवरी तक भेजें।





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अवकाश उपभोग के उपरांत पोर्टल पर कैंसिल कर दिए जाने के संशय के चलते 53 जनपदों के BSA से प्रकरणों पर आख्या तलब, देखें Reviewed by sankalp gupta on 7:18 PM Rating: 5

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