स्कूल ड्राप आउट कम करने के मकसद से अर्ली वार्निंग सिस्टम होगा लागू

स्कूल ड्राप आउट कम करने के मकसद से अर्ली वार्निंग सिस्टम होगा लागू

Early warning system in UP: यूपी के परिषदीय स्कूलों में लागू होगा नीदरलैंड का “अर्ली वार्निंग सिस्टम”, 40 दिन तक अगर बच्चा अनुपस्थित रहता है तो तुरंत उसकी ट्रैकिंग शुरू की जाएगी।


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Early warning system will be implemented in UP: उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में नामांकन कराने के बाद स्कूल में लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के लिए और अधिकतर अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के लिए नीदरलैंड का अर्ली वॉर्निंग सिस्टम उत्तर प्रदेश के स्कूलों में लागू किया जाएगा।


What is Early Warning System?

उत्तर प्रदेश के स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि नीदरलैंड के अर्ली वार्निंग सिस्टम की तर्ज यूपी के परिषदीय स्कूलों में भी अनुपस्थित रहने वाले बच्चों अर्थात आउट आफ स्कूल बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जायेंगे।

जो बच्चे किसी भी कारण स्कूल में लगातार अनुपस्थित रह रहे हैं, उनके अभिभावकों से बात करके उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने बच्चों को स्कूल ज़रूर भेजें।

नीदरलैंड की तर्ज पर यूपी के परिषदीय स्कूलों में भी स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के लिए लागू होगी चेतावनी प्रणाली “Early Warning System”। एक निर्धारित समय तक स्कूल न आने या स्कूल में कम समय देने वाले बच्चों की जानकारी जुटाई जाएगी।

महनिदेशक ने कहा कि 40 दिन तक अगर कोई बच्चा विद्यालय में अनुपस्थित रहता है तो तुरंत उसकी ट्रैकिंग शुरू की जाएगी।
Early warning system” के अंतर्गत, यदि कोई बच्चा लगातार 40 दिनों तक स्कूल में अनुपस्थित रहे तो उसकी ट्रैकिंग शुरू कर दी जाती है और उसके अभिभावकों से सम्पर्क करके बच्चे के स्कूल न जाने के कारण पता लगाए जाते हैं।


बता दें कि उत्तर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में जल्द से जल्द इस सिस्टम को शुरू करने के लिए बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के नेतृत्व में शिक्षाधिकारियों के साथ-साथ यूपी में पुरस्कार विजेता टीचर्स की 12 सदस्यीय टीम शैक्षिक भ्रमण के लिए नीदरलैंड जाएगी।

Early Warning System” के बारे में जानने व नवाचार के अभ्यास हेतु बेसिक शिक्षा परिषद के अधिकारियों व शिक्षकों का एक दल, मा0 मंत्री बेसिक शिक्षा  के नेतृत्व में नीदरलैंड जाएगा।

अनुमान जताया गया है कि नीदरलैंड के इस सिस्टम से स्कूलों में अनुपस्थित रहने वाले बच्चों को स्कूल वापस लाने में मदद मिलेगी। उम्मीद जताई गई है की अर्ली वार्निंग सिस्टम अपनाने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बनेगा।
“Early Warning System” के जरिए आउट ऑफ स्कूल बच्चों को स्कूल वापस लाने में मदद मिलेगी। शिक्षक अभिभावकों से सम्पर्क करके बच्चों को स्कूलों में वापस लाएंगे। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला प्रदेश बनेगा।


उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ अर्ली वार्निंग सिस्टम के लिए जो टीम नीदरलैंड रवाना होगी। उसमें जा रहे अधिकारियों के साथ शिक्षकों के नाम इस प्रकार है…

टीम में शामिल शिक्षकों के नाम
* देवरिया के खुर्शीद आलम,
* बाराबंकी के दिनेश कुमार वर्मा,
* उन्नाव के स्नेहिल पांडेय व
* बहराइच के आंचल पांडय

टीम में शामिल अधिकारियों के नाम
* संयुक्त शिक्षा निदेशक (बेसिक) गणेश कुमार,
* राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक पवन कुमार सचान,
* स्टेट हेड आफ क्वालिटी एजुकेशन आनंद कुमार पांडेय,
* स्टेट हेड आफ कम्युनिटी मोबाइलाईजेशन माधव जी तिवारी,
* सहायक शिक्षा निदेशक श्याम किशोर तिवारी,
* गौतमबुद्ध नगर की बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) एश्वर्या लक्ष्मी जायसवाल
* बाराबंकी के निन्दूरा ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार त्रिपाठी




यूपी बनेगा पहला राज्य जहां स्कूल छोड़ने वाले बच्चों के लिए लागू होगी चेतावनी प्रणाली


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों को लेकर चेतावनी प्रणाली (वार्निंग सिस्टम) लागू की जाएगी। 


जिसमें एक निर्धारित समय तक स्कूल न आने या स्कूल में कम समय देने वाले बच्चों की जानकारी मिलेगी। इससे अभिभावकों से संपर्क करके उन्हें वापस स्कूल लाया जाएगा। ऐसा करने वाला यूपी देश का पहला प्रदेश बनेगा।
स्कूल ड्राप आउट कम करने के मकसद से अर्ली वार्निंग सिस्टम होगा लागू Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:43 AM Rating: 5

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