आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषण के साथ पढ़ाई पर भी जोर, बाल पिटारा ऐप से ऐसे करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई, यहां से कर सकते हैं डाऊनलोड

आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषण के साथ पढ़ाई पर भी जोर, बाल पिटारा ऐप से ऐसे करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई


बाल पिटारा एप के माध्यम से आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों को आनलाइन पढ़ाया जाएगा। इस एप्लीकेशन से बच्चों को कविता, कहानी, भावगीत आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धक बातें सिखायी जाएंगी। इस ऐप को अभिभावक अपने मोबाइल में भी अपलोड कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह घर पर भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस तरह से पढ़ाई करने से बच्चों में रूझान बढ़ेगा।


आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इस ऐप को अपलोड कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिससे माता-पिता खाली समय में बच्चों को पढ़ा सकें। इसमें हिंदी, गणित समेत नैतिक शिक्षा के जुड़े संदर्भों को शामिल किया गया है।


 बाल पिटारा ऐप में कई कहानियां व कविताएं अपलोड की गईं हैं। अभिभावक बच्चों को कहानी व कविता याद कराएंगे। नैतिक शिक्षा से जुड़ी कहानियों व कविताओं से बच्चों की जानकारी बढ़ेगी। साथ ही उनका मनोरंजन भी होगा।


इसके साथ ही एप में दैनिक गतिविधियां भी अपलोड की गईं हैं। जैसे सुबह उठकर मुंह धोना, दांत साफ करने, खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने के साथ ही दिनचर्या और शिक्षण कार्य से जुड़ी अच्छी आदतें, जो बच्चे खेल-खेल में सीखेंगे। विभाग ने इस एप के सफल होने की उम्मीद जताई है।



आंगनबाड़ी : बाल पिटारा एप से बच्चों का शिक्षा के प्रति बढ़ रहा रुझान, यहां से कर सकते हैं डाऊनलोड



आंगनबाड़ी केंद्र पर ‘बाल पिटारा एप से हो रही आनलाइन पढ़ाई से नन्हे-मुन्नों बच्चों का शिक्षा के प्रति रूझान को बढ़ा है। इससे बच्चों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। साथ ही यह एप उनकी शिक्षा के लिए वरदान साबित हो रहा है। आगनबाड़ी केंद्रों पर बाल पिटारा एप से बच्चों को कविता, कहानी, भावगीत आदि के माध्यम से ज्ञानवर्धक बातें सिखाई जाती हैं।


 इस एप को अभिभावक अपने मोबाइल में भी अपलोड कर सकते हैं। इसके माध्यम से वह घर पर भी बच्चों को पढ़ा सकते हैं। इस तरह से बच्चों में पढ़ाई के प्रति रूझान बढ़ेगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अभिभावकों के एंड्रायड मोबाइल फोन में इस एप को अपलोड कराने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। 


प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में अर्ली चाइल्ड केयर एजुकेशन (ईसीसीई) के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तीन से छह वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों के योगदान को प्रोत्साहित करने के लिए सितंबर 2022 में विभाग ने बाल पिटारा रेसपॉसिव पेरेंटिंग मोबाइल एप को शुरू किया। 


बच्चों के अभिभावकों को जागरूक करने व उनकी परस्पर सहभागिता बढ़ाने के लिए बाल पिटारा एप में तीन माड्यूल विकसित किए गए हैं।  परवरिश का पिटारा माड्यूल में 3-6 वर्ष के बच्चों में होने वाली बौद्धिक शारीरिक भाषा सामाजिक-भावनात्मक एवं रचनात्मक विकास की 384 गतिविधियों, 32 कहानियां एवं 32 कविताओं के वीडियो उपलब्ध है।


 अभिभावक इस माड्यूल के माध्यम से वीडियो को देखकर स्वयं घर पर बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा की गतिविधियां सरलता से सिखा सकते है। यह माड्यूल अभिभावकों में रेसपॉंसिव पैरेन्टिंग के अभ्यास को प्रोत्साहित कर रहा है।

आंगनबाड़ी केंद्रों पर अब पोषण के साथ पढ़ाई पर भी जोर, बाल पिटारा ऐप से ऐसे करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई, यहां से कर सकते हैं डाऊनलोड Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:34 AM Rating: 5

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