टेट सर्टिफिकेट की वैधता मामले में शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया उच्च न्यायालय का 30 मई 2018 का आदेश
टेट सर्टिफिकेट की वैधता मामले में शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया उच्च न्यायालय का 30 मई 2018 का आदेश।
यूपी के एक लाख सहायक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, टीईटी पास करने के बाद बीएड-बीटीसी डिग्री हासिल करने वाले अभ्यर्थी भी पात्र, शिक्षकों के साथ सरकार को भी मिली राहत।
नई दिल्ली : यूपी के करीब एक लाख शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. देश की शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 30 मई 2018 के आदेश को निरस्त कर दिया है. हाईकोर्ट ने कहा था कि ऐसे अभ्यर्थी जिन्होंने यूपीटेट कर ट्रेनिंग बाद में की, उनकी नियुक्ति अवैध है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस फैसले को पलट दिया है. बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत और 2012 से 2018 के बीच नियुक्त करीब 50 हजार शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया है, जिसमें हाईकोर्ट ने कहा था कि जिन शिक्षकों की ट्रेनिंग का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है, उनकी नियुक्ति मान्य नहीं है.
👉 मा0 उच्च न्यायालय का दिनाँक 30 मई 2018 का आदेश देखने हेतु यहां क्लिक करें।
30 मई 2018 को दिया था आदेश
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा था कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है उनका चयन निरस्त कर दें. हालांकि इस मसले पर अब तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. हाईकोर्ट के आदेश की वजह 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक प्रभावित हो रहे थी.
दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 मई के अपने आदेश में बेसिक शिक्षा अधिकारियों से कहा था कि जिन शिक्षकों के प्रशिक्षण का परिणाम उनके टीईटी रिजल्ट के बाद आया है उनका चयन निरस्त कर दें. हालांकि इस मसले पर अब तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है. हाईकोर्ट के आदेश की वजह 2012 के बाद प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई 72,825 प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती, 9770, 10800, 10000, 15000, 16448, 12460 सहायक अध्यापक व उर्दू भर्ती के अलावा उच्च प्राथमिक स्कूलों के लिए हुई विज्ञान व गणित विषय के 29334 सहायक अध्यापक भर्ती में चयनित शिक्षक प्रभावित हो रहे थी.
एक अनुमान के अनुसार ऐसे शिक्षकों की संख्या 50,000 से अधिक है जिनका ट्रेनिंग का परिणाम टीईटी के बाद घोषित हुआ था. इस आदेश का असर वर्तमान में चल रही 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती पर भी पड़ने वाला था. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. चयनित शिक्षकों का कहना था कि उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) के लिए 4 अक्टूबर 2011 और 15 मई 2013 को जारी शासनादेश में इस बात का जिक्र नहीं था कि जिनके प्रशिक्षण का परिणाम टीईटी के बाद आएगा उन्हें टीईटी का प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा.
टेट सर्टिफिकेट की वैधता मामले में शिक्षकों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त किया उच्च न्यायालय का 30 मई 2018 का आदेश
Reviewed by sankalp gupta
on
2:40 PM
Rating: