समायोजन रद्द होने के बाद भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण कर स०अ० पद पर नियुक्त हुए शिक्षामित्रों द्वारा वरिष्ठता सूची निर्माण में पूर्व की सेवा अवधि सम्मिलित करने की मांग पर कोर्ट का निर्णय
समायोजित सहायक अध्यापक और शिक्षामित्र के रूप में की गई सेवा को भी वरिष्ठता निर्धारण में जोड़ने की मांग पर विचार करने का हाईकोर्ट का आदेश
प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा अधिकारी सिद्धार्थ नगर को याची के सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के पहले सहायक अध्यापक व शिक्षा मित्र के रूप में सेवा को जोड़कर वरिष्ठता निर्धारण में विचार कर नियमानुसार दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने रामराज चौधरी व 47 अन्य जूनियर बेसिक स्कूलों के सहायक अध्यापकों की याचिका पर दिया है। याचियों की ओर से कहा गया कि वे 2005 में शिक्षामित्र नियुक्त हुए। 2015 में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित किया गया, किंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 25 जुलाई 2017 में सभी को वापस शिक्षा मित्र बनाया गया और चयन में शामिल होने के तीन अवसर दिए गए। याचीगण का चयन सहायक अध्यापक पद पर हुआ।
सहायक अध्यापकों की सूची में उनका नाम सबसे नीचे जोड़ा गया। इन्होंने आपत्ति की कि उनकी शिक्षामित्र की सेवा को भी वरिष्ठता तय करने में शामिल किया जाए। बीएसए को प्रत्यावेदन दिया, जिस पर फैसला न होने पर याचिका दायर की गई थी।
🔵 मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा शिक्षामित्र समायोजन किया गया था रद्द।
🔵 समायोजन रद्द होने से सहायक अध्यापक पद से वापस शिक्षामित्र पद पर पहुंचे।
🔵 भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करके अनेक शिक्षामित्र फिर बने परिषदीय विद्यालयों में सहायक अध्यापक
🔵 पदोन्नति हेतु वरिष्ठता सूची में नहीं शामिल की गई समायोजन रद्द होने से पहले की सहायक अध्यापक पद की सेवा
🔵 सेवा शामिल कराने हेतु मा० उच्च न्यायालय में दायर की गई याचिका
🔵 मा० उच्च न्यायालय ने दिया दो माह में नियमानुसार निर्णय लिए जाने का आदेश।
समायोजन रद्द होने के बाद भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण कर स०अ० पद पर नियुक्त हुए शिक्षामित्रों द्वारा वरिष्ठता सूची निर्माण में पूर्व की सेवा अवधि सम्मिलित करने की मांग पर कोर्ट का निर्णय
Reviewed by sankalp gupta
on
5:02 PM
Rating:
No comments:
Post a Comment