परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से मेण्टरिंग किये के जाने के सम्बन्ध में

शिक्षक साथी बनने के लिए तीन चरणों में देनी होगी परीक्षा, देखें शासनादेश 

यूपी शिक्षक साथी भर्ती 2022 : कड़े हैं चयन के नियम, 3 चरणों में देनी होगी परीक्षा, जानें क्या होगा मानदेय?


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बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए लागू की गई शिक्षक साथी योजना में चयन के कड़े मानक रखे गए हैं। इस योजना के तहत सेवानिवृत्त शिक्षकों के 70 साल तक चयन की मंजूरी दी गई है। हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी में शिक्षक साथी बनने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को तीन चरणों की परीक्षा पास करनी होगी। इन्हें प्रतिमाह 2500 रुपये मानदेय दिया जाएगा।


शासन ने शिक्षक साथी का चयन उन्हीं मानदंडों के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं, जिनके आधार पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का चयन किया गया था। इसके अनुसार पहले 60 नंबर की विषयवार लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले आवेदकों को माइक्रो टीचिंग (शिक्षण प्रदर्शन) से गुजरना होगा, जिसके तहत 10 से 15 मिनट तक श्रोताओं को बांधे रखना, संतुलित दृष्टिकोण, सहज एवं तार्किक प्रवाह, एक अच्छे सम्प्रेक्षक के इनके गुणों को परखा जाएगा।


माइक्रो टीचिंग में 60 प्रतिशत या अधिक अंक पाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों का 10 नंबर का साक्षात्कार भी होगा। साक्षात्कार में 60 फीसदी या अधिक नंबर पाने पर अंतिम रूप से चयन के लिए विचार किया जाएगा। अंतिम चयन के लिए लिखित परीक्षा, माइक्रो टीचिंग और साक्षात्कार में मिले अंकों को जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी।

● राष्ट्रपति या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को देंगे वरीयता
● स्व-इच्छा एवं स्व-प्रेरणा से सेवाभाव भी चयन की अर्हता
● एक साल का कार्यकाल, प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकरण
● शिक्षक साथी हर महीने कम से कम 30 स्कूलों का प्रेरणा एप के माध्यम से पर्यवेक्षण करेंगे।



परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य की निगरानी करेंगे रिटायर्ड शिक्षक, राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता 

एक वर्ष का होगा कार्यकाल, परफॉर्मेंस के आधार पर होगा नवीनीकरण

जिला स्तर पर गठित समिति 'शिक्षक साथी' के तौर पर करेगी चयन

बेसिक स्कूलों में शैक्षिक व्यवस्था को सहारा देंगे ‘रिटायर शिक्षक साथी’, इन बिंदुओं पर रहेगा फोकस

प्रदेश में 'नई पौध' को अपने अनुभव से सींचेंगे 'शिक्षक साथी' शिक्षण व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार की पहल

परिषदीय स्कूलों में रिटायर शिक्षक लाएंगे बदलाव, 2500 रुपए मासिक मानदेय पर देंगे सुधार के टिप्स

विद्यालयों में तैनात किए जाएंगे शिक्षक साथी, पठन-पाठन में लिया जाएगा सेवानिवृत्त शिक्षकों का सहयोग, प्रमुख सचिव ने डीएम को भेजा पत्र

परिषदीय स्कूलों में रिटायर शिक्षक बांटेंगे अपने अनुभव, पठन-पाठन में सहयोग करके बच्चों को सफलता का देंगे मंत्र


विद्यालयों के शिक्षण कार्य में सुधार लाने के लिए सरकार अब स्वयंसेवी लोगों की मदद लेगी। इसके तहत परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में शिक्षक साथी तैनात किए जाएंगे। यह कार्य इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों से लिया जाएगा। प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में डीएम को पत्र भेजा है।


 प्रदेश सरकार ने परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में अतिरिक्त अकादमिक समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से इच्छुक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षकों का सहयोग शिक्षक साथी के रूप में लेगी। शिक्षक साथियों के समूह का गठन किया जाएगा। सेवानिवृत्त होने के 70 वर्ष की उम्र तक के शिक्षक रखे जाएंगे। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा ।

मानदेय के रूप में इन्हें मोबिलिटी भत्ता ढाई हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। चयनित सभी शिक्षक साथी एक माह की कार्य योजना व भ्रमण कार्यक्रम जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से बीएसए तथा डायट प्राचार्य को हर माह की 28 तारीख तक उपलब्ध कराएंगे। शिक्षक साथियों की ओर से हर माह कम से कम 30 विद्यालयों का प्रेरणा एप से आनलाइन सपोर्टिंग सुपरविजन किया जाएगा। अपनी आख्या बीएसए और डायट प्राचार्य को देनी होगी ।


यूपी के प्राथमिक स्कूलों में लड़खड़ा रही व्यवस्था को सहारा शिक्षक साथी देंगे। सेवानिवृत्त शिक्षक की उम्र 70 वर्ष तक होगी और मानक पूरा करेंगे, उन्हें यह अवसर मिलेगा। विद्यांजलि योजना में नियुक्त यह शिक्षक साथी मेंटाॅर (मार्गदर्शक) की भूमिका निभाएंगे। ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति उनकी सहमति पर होगी। एक बार में एक वर्ष के लिए नियुक्ति रहेगी।


प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट स्कूलों में हर साल शिक्षकों की संख्या कम हो रही है। शिक्षकों की भर्ती में शिथिलता के चलते अधिकांश स्कूलों में कहीं दो अध्यापक हैं तो कहीं एकल विद्यालय चल रहा है। बहुत विद्यालय को तो केवल शिक्षामित्र ही चला रहे हैं। शिक्षकों की कमी से शिक्षण बेपटरी है। जिस में सुधार की विभाग ने नई पहल की है। प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने आदेश जारी किया है।


शिक्षकों की तैनाती अब शिक्षक साथी के रूप में संविदा पर होगी। नियुक्ति उनकी सहमति के आधार पर ही होगी। यह शिक्षक मेंटॉर मार्गदर्शक की भूमिका निभाकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कराएंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्ध प्रिय सिंह का कहना है कि प्रमुख सचिव के आदेश के अनुसार जिले में शिक्षक साथी का चयन किया जाएगा।


कस्तूरबा गांधी विद्यालयों पर भी लागू

शिक्षक साथी की नियुक्ति बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालय के अलावा कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय पर भी लागू होगा।


पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को मिलेगी वरीयता

राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को चयन में वरीयता मिलेगी। इस नियुक्ति के लिए शिक्षक का परिषद के विद्यालयों में अपने सेवाकाल में सहायक शिक्षक और प्रधानाध्यापक के रूप में पांच साल का अनुभव होना जरूरी है।


इन बिंदुओं पर रहेगा उनका फोकस

शिक्षक साथी विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा किए जा रहे नवाचारों या बेहतर शिक्षण अधिगम प्रयासों का लेखा जोखा बनाएंगे। वह लिंग, समता-समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण संवेदना, सड़क सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, आत्मरक्षा, बाल अधिकार आदि विषयों पर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।



उ०प्र० बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से मेण्टरिंग किये के जाने के सम्बन्ध में

अवगत कराना है कि शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यांजलि योजना प्रारंभ की गई है । इस योजना का उद्देश्य स्वयं सेवी लोगों के सहयोग से विद्यालयों में शिक्षण कार्य में सुधार लाना है। तत्क्रम में विद्यालयों में अतिरिक्त अकादमिक अनुसमर्थन प्रदान किए जाने के उद्देश्य से इच्छुक सेवानिवृत्त परिषदीय शिक्षकों (शिक्षक साथी) के माध्यम से विद्यालयों का सहयोगात्मक पर्यवेक्षण किए जाने का निर्णय लिया गया है। तत्सम्बन्धी शासनादेश संलग्न है, जिसके मुख्य बिंदु निम्नवत हैं -


 👉 व्यवस्था एवं संरचना।
👉 शिक्षक साथी चयन हेतु अर्हता।
👉 चयन प्रक्रिया।
👉 शिक्षक साथी का चयन।
👉 शिक्षक साथी का कार्यकाल अन्य निर्देश। 
👉 शिक्षक साथी के कार्य एवं दायित्व।

 अतः प्रेषित शासनादेश के अनुसार एक माह के अंदर शिक्षक साथी का चयन कराते हुए तत्संबंधी  सूचना राज्य परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।





लखनऊ। परिषदीय स्कूलों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के शिक्षण कार्य की निगरानी में अब सेवानिवृत्त शिक्षक सहयोग करेंगे। इन शिक्षकों का 'शिक्षक साथी' के तौर पर जिले स्तर पर गठित समिति चयन करेगी। इनका कार्यकाल एक वर्ष का होगा और परफॉर्मेंस के आधार पर जिला चयन समिति के अनुमोदन से नवीनीकरण किया जा सकेगा। नियुक्ति की अधिकतम आयु 70 वर्ष होगी। राज्य व राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को चयन में वरीयता मिलेगी।


शिक्षक साथी को मोबिलिटी भत्ता के रूप में 2500 रुपये प्रतिमाह मिलेगा। अन्य कोई भत्ता या मानदेय नहीं दिया जाएगा। प्रमुख सचिव बेसिक व माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इसमें उन्होंने सभी डीएम को एक माह में शिक्षक साथी के चयन के निर्देश दिए हैं।


चयन योग्यता के तहत परिषदीय प्राथमिक/ उच्च प्राथमिक विद्यालय में न्यूनतम पांच वर्ष का शिक्षण अनुभव जरूरी होगा। ब्लॉक व नगर क्षेत्र के लिए चयन की अधिकतम संख्या नहीं तय की गई है। शिक्षक साथी चयन के बाद जिला परियोजना कार्यालय में कार्यभार ग्रहण करेंगे। उनकी उपस्थिति उनके द्वारा सपोर्टिव सुपरविजन रिपोर्ट प्रेरणा एप पर अपलोड करने से मानी जाएगी और उसी के अनुसार मोबिलिटी भत्ता मिलेगा।



परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ली जाएगी रिटायर शिक्षकों की मदद-एक साल की संविदा और 2500 रुपये

■ एक साल की संविदा और 2500 रुपये मोबिलिटी भत्ते पर होगी तैनाती



लखनऊ  : परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए रिटायर शिक्षकों की मदद ली जाएगी। उन्हें मेंटर बनाते हुए रिटायर शिक्षकों का एक शिक्षक साथी समूह बनाया जाएगा। इन्हें 2500 रुपये मोबिलिटी भत्ता दिया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी कर दिया।


उन्होंने बताया कि बीते दिनों नई दिल्ली में हुई एक बैठक में शिक्षा मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा के मुताबिक रिटायर शिक्षकों की मदद लेने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत रिटायर शिक्षकों से शिक्षक साथियों का एक समूह बनाया जाएगा जो स्कूलों के सहयोगात्मक पर्यवेक्षण और लर्निंग आउटकम के सापेक्ष बच्चों में सीखने के स्तर को बढ़ाने के लिए काम करेंगे।


■ मिलेंगे 2500 रुपये प्रतिमाह..

यह शिक्षक साथी और कोई भी काम नहीं करेंगे। इस काम के लिए इन्हें 2500 रुपये प्रतिमाह की दर से मोबिलिटी भत्ता दिया जाएगा। अन्य किसी प्रकार का कोई भत्ता या मानदेय देय नहीं होगा। प्रेरणा एप की रिपोर्ट के आधार पर ही भत्ता देय होगा। इन शिक्षक साथियों का कार्यकाल एक वर्ष का होगा और हर वर्ष परफॉर्मेंस के आधार पर इसका नवीनीकरण किया जाएगा। इन शिक्षक साथियों को न्यूनतम 30 स्कूलों का ऑनलाइन सपोर्टिव सुपरविजन प्रेरणा ऐप के माध्यम से करना होगा और इसकी रिपोर्ट जिला समन्वयक प्रशिक्षण के माध्यम से बीएससी और डायट प्राचार्य को भेजी जाए।


■ कैसे होगा चयन?

शिक्षक साथी के चयन के लिए विज्ञप्ति का प्रकाशन किया जाएगा। इसमें परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक या प्रधानाध्यापक के रूप में न्यूनतम पांच वर्ष तक शिक्षण अनुभव रखने वाले रिटायर शिक्षक आवेदन कर सकेंगे। रिटायर होने से 70 वर्ष की आयु तक आवेदन किया जा सकेगा। राज्य और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को वरीयता दी जाएगी। हर ब्लॉक या नगर क्षेत्र में चयन की अधिकतम संख्या का निर्धारण नहीं किया गया है, सभी योग्य शिक्षक आवेदनकर्ताओं को शामिल किया जा सकता है। जनपदीय चयन समिति द्वारा आवश्यकता आधारित ब्लॉकों का आवंटन किया जाएगा।


■ क्या करना होगा?

शिक्षक साथी दीक्षा और रीडर लॉन्ग आपके प्रयोग के लिए बच्चों को प्रेरित करेंगे। वही बच्चों की प्रार्थना सभा, बैठक व्यवस्था, समय सारिणी का इस्तेमाल, बाल संसद, मीना मंच, पुस्तकालय आदि के लिए व्यवस्था देखेंगे। जेंडर समानता, जीवन कौशल शिक्षा, पर्यावरण सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, बाल अधिकार जैसे विषयों पर विचार-विमर्श कर शिक्षकों को संवेदनशील बनाएंगे।


परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कस्तूरबा विद्यालयों में इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों के माध्यम से मेण्टरिंग किये के जाने के सम्बन्ध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 8:07 PM Rating: 5

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