निपुण लक्ष्य एप से परखा जाएगा बच्चों की शिक्षा का स्तर, बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी
अब निपुण लक्ष्य एप से परखी जाएगी छात्र - छात्राओं की दक्षता
निपुण लक्ष्य एप से कक्षा एक से तीन तक के बच्चों का होगा आकलन
आफलाइन भी कर सकेंगे प्रयोग, डायट मॅटर, एसआरजी, एआरपी को जिम्मा
निपुण लक्ष्य एप से परखा जाएगा बच्चों की शिक्षा का स्तर, बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 75 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को अलग तरीके से भाषा व संख्या ज्ञान ही नहीं कराया जा रहा, बल्कि बच्चों को साथ-साथ परीक्षा भी देते रहना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए तकनीक का सहारा ले रहा है। निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से जांचा जाएगा कि बच्चे अब तक कितने दक्ष हुए हैं और किस क्षेत्र में शिक्षक व अभिभावकों को अभी मेहनत करने की जरूरत है।
बेसिक शिक्षा विभाग में दीक्षा आदि एप पहले से संचालित हैं। कोरोना महामारी के विकट दौर में परिषदीय विद्यालयों में दो वर्ष तक पढ़ाई प्रभावित हुई है। बच्चों के स्कूल न जाने का असर उनके मानसिक विकास पर भी असर पड़ा। केंद्र सरकार ने विद्यालय खुलते ही निपुण भारत मिशन शुरू किया। इसमें कक्षा एक से तीन तक में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में पहले की तरह जोड़ा जाना है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत तैयारियां की पठन-पाठन के लिए संदर्शिका, निपुण लक्ष्य तैयार करके शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षित किया गया है। सभी बच्चे पढ़ाई करें और रोज स्कूल आएं इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसीलिए पढ़ाई के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़कर रोचक व खेल-खेल के अंदाज में हिंदी भाषा व गणितीय दक्षताओं में उन्हें निपुण बनाया जा रहा है।
निपुण लक्ष्य में अंकित दक्षताओं के आकलन के लिए विभाग ने निपुण लक्ष्य एप तैयार किया गया है। कक्षाओं में इसका आफलाइन उपयोग किया जा सकता है। इस एप को रीडिंग एलांग एप के माध्यम से जोड़ा गया है। एप में विषय विशेषज्ञों की ओर से बच्चों के उपयोग में आने वाले प्रश्न तैयार अपलोड किए गए हैं।
वैसे तो इस एप का उपयोग डायट मेंटर, स्टेट रिसोर्स ग्रुप एसआरजी व अकादमिक रिसोर्स परसन यानी एआरपी स्कूलों में जाकर करेंगे परीक्षण। इसमें तय समय में 75 प्रतिशत अंकों व भाषा का ज्ञान होने पर ही बच्चे निपुण माने जाएंगे। इसके अलावा शिक्षक व अभिभावक भी इसके माध्यम से जान सकेंगे कि उनके बच्चों का सीखने का स्तर क्या है। इसमें आसानी यह होगी कि अभिभावक बच्चों को निपुण बनने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि एप से लाभ ये होगा कि बच्चों के आकलन के बाद शिक्षक उन बच्चों पर विशेष फोकस कर सकेंगे जो वांछित दक्षता हासिल नहीं कर पा रहे हैं। ये एप सभी बच्चों की पढ़ाई में सहायक बनेगा।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले करीब 75 लाख से अधिक छात्र छात्राओं को अलग तरीके से भाषा व संख्या ज्ञान ही नहीं कराया जा रहा, बल्कि बच्चों को साथ-साथ परीक्षा भी देते रहना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए तकनीक का सहारा ले रहा है। निपुण लक्ष्य एप के माध्यम से जांचा जाएगा कि बच्चे अब तक कितने दक्ष हुए हैं और किस क्षेत्र में शिक्षक व अभिभावकों को अभी मेहनत करने की जरूरत है। विभाग में दीक्षा आदि एप पहले से संचालित हैं।
कोरोना महामारी के विकट दौर में परिषदीय विद्यालयों में दो वर्ष तक पढ़ाई प्रभावित हुई है। बच्चों के स्कूल न जाने का असर उनके मानसिक विकास पर भी असर पड़ा। केंद्र सरकार ने विद्यालय खुलते ही निपुण भारत मिशन शुरू किया। इसमें कक्षा एक से तीन तक में पढ़ने वाले बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में पहले - की तरह जोड़ा जाना है।
बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए विस्तृत तैयारियां की पठन-पाठन के लिए संदर्शिका, निपुण लक्ष्य तैयार करके शिक्षकों को अलग से प्रशिक्षित किया गया है। सभी बच्चे पढ़ाई करें और रोज स्कूल आएं इस पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसीलिए पढ़ाई के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़कर रोचक व खेल-खेल के अंदाज में हिंदी भाषा व गणितीय दक्षताओं में उन्हें निपुण बनाया जा रहा है।
निपुण लक्ष्य में अंकित दक्षताओं के आकलन के लिए विभाग ने निपुण लक्ष्य एप तैयार किया गया है। कक्षाओं में इसका आफलाइन उपयोग किया जा सकता है। इस एप को रीडिंग एलांग एप के माध्यम से जोड़ा गया है। एप में विषय विशेषज्ञों की ओर से बच्चों के उपयोग में आने वाले प्रश्न तैयार अपलोड किए गए हैं। वैसे तो इस एप का उपयोग डायट मेंटर स्टेट रिसोर्स ग्रुप एसआरजी व अकादमिक रिसोर्स परसन यानी एआरपी स्कूलों में जाकर करेंगे परीक्षण |
निपुण लक्ष्य एप से परखा जाएगा बच्चों की शिक्षा का स्तर, बेसिक शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
5:25 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment