टीईटी पास शिक्षामित्र ही बन सकेंगे स्थायी शिक्षक

लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में स्थायी शिक्षक के तौर पर समायोजित होने के लिए शिक्षामित्रों को अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) उत्तीर्ण करना जरूरी होगा। स्थायी शिक्षक के तौर पर समायोजन की खातिर शिक्षामित्रों के लिए आयुसीमा की बाध्यता नहीं होगी। समायोजन के लिए 62 वर्ष से कम उम्र के वे सभी शिक्षामित्र हकदार होंगे जो टीईटी उत्तीर्ण करने के लिए निर्धारित शैक्षिक योग्यता रखते हों।
अखिलेश सरकार परिषदीय स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक के तौर पर समायोजित करने की घोषणा कर चुकी है। इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शासनादेश भी जारी हो चुका है। शासनादेश के मुताबिक 60 हजार स्नातक शिक्षामित्रों के पहले बैच को जनवरी 2014 में समायोजित करने की मंशा है। शिक्षामित्रों को स्थायी शिक्षक के रूप में समायोजित करने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में 18वां संशोधन प्रस्तावित है। संशोधन के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेज दिया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि टीईटी उत्तीर्ण शिक्षामित्र ही स्थायी शिक्षक के तौर पर समायोजित किये जाएंगे। हाई कोर्ट ने भी यह तय कर दिया है कि 23 अगस्त 2010 के बाद परिषदीय स्कूलों में होने वाली शिक्षकों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों का टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।
  • शैक्षिक आधार पर तय होगी ज्येष्ठता
स्थायी शिक्षक के रूप में समायोजित होने पर शिक्षामित्रों की पारस्परिक ज्येष्ठता उनके शैक्षिक आधार पर तय होगी। इसके लिए हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक और दो वर्षीय ट्रेनिंग के दौरान प्राप्त हुए अंकों के आधार पर गुणवत्ता अंक तय किया जाएगा। गुणवत्ता अंक तय करने के लिए शिक्षामित्र के हाईस्कूल प्राप्तांक प्रतिशत के 10, इंटरमीडिएट के 20 व स्नातक के 40 फीसदी को जोड़ा जाएगा। फिर इस योग में दो वर्षीय ट्रेनिंग की थ्योरी और प्रैक्टिल परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर अंक जोड़े जाएंगे। थ्योरी और प्रैक्टिकल परीक्षाएं प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण करने पर दोनों के लिए अलग-अलग क्रमश: 12, छह और तीन अंक जोड़े जाएंगे। (साभार-:-दैनिक जागरण)




  • टीईटी पास करने पर ही शिक्षामित्र बनेंगे शिक्षक
  • फिर भी दूसरे राज्यों की व्यवस्था का होगा परीक्षण
लखनऊ (ब्यूरो)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्रस्ताव के मुताबिक टीईटी पास शिक्षामित्र को ही स्थायी शिक्षक बनाया जा सकेगा। इसके बावजूद अन्य राज्यों में शिक्षामित्रों को शिक्षक बनाने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया का परीक्षण किया जाएगा। यदि कहीं शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट दी गई है तो राज्य सरकार इसे आधार मानते हुए हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। शासन में बुधवार को हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में यह सहमति बनी है। नियमावली के मुताबिक मोअल्लिम वालों की तर्ज पर शिक्षामित्रों को भी 62 वर्ष की आयु तक शिक्षक बनने का मौका दिया जाएगा।
 
अन्य कई राज्यों की अपेक्षा प्रदेश में सर्वाधिक 1.76 लाख शिक्षामित्र हैं। शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद परिषदीय स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए टीईटी पास होना अनिवार्य कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने मई 2013 में दिए आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि परिषदीय स्कूलों में टीईटी पास को ही शिक्षक बनाया जा सकता है। 
 
प्रदेश के शिक्षामित्रों को पत्राचार के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पहले चरण के 60 हजार शिक्षामित्रों का प्रशिक्षण जनवरी 2014 में समाप्त हो रहा है। इसके बाद इन्हें शिक्षक बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश अध्यापक सेवा नियमावली संशोधित की जाएगी। बेसिक शिक्षा निदेशालय ने नियमावली को संशोधित करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। सचिव बेसिक शिक्षा नीतीश्वर कुमार ने बुधवार को इस संबंध में अधिकारियों की बैठक बुलाई थी।


टीईटी पास शिक्षामित्र ही बन सकेंगे स्थायी शिक्षक Reviewed by Brijesh Shrivastava on 11:48 PM Rating: 5

13 comments:

Anonymous said...

sahi kadam siksha me gudbatta tabhi aayegi
jab siksha mitre tet paas kar k hi teacher banaye jayen

Anonymous said...

hona to yahi chahiye lekin mantri ji hone de tab

Anonymous said...

primary me A.T.ki niyukti ka niyam chaudhri ji ko nahi pata hai kya ? ya to ye shiksha mitro ko bargla rahe hai ya fir niyam kanoon ko tak par rakh rahe hai

Anonymous said...

sahi hai

Anonymous said...

chaudhari ji ko ap jaise kanunwido v salahkar ki sakht jarurat hai.

Anonymous said...

siksha mitro ne hi schools ki halat itni kharab ki ha.ye kabhi time se nahi pahunchte ha.bina tet A.T.itne saste me to teacher ki naukri nahi milni chahiye.

Anonymous said...

sahi hi fasla .. tet zarori hai

Anonymous said...

sahi hi

Anonymous said...

Inke pass 10y ka anubhav hai

Anonymous said...

tet pass hone per hi shikshamittro ko teacher banaya jay. kam se kam usi block me posting na ki jaye jahan ke rahne wale hai kyonki ye goan ki rajneeti me jyada school me kam dhyan dete hai

m.k. said...

Smt ki niyukti karne ka jimma rajya sarkar ko lena chahiye

Unknown said...

jab b.ed wale bhi gudhbatta nahi la sake to tet ki kya bisat jo ye gudhbatta layegi

Unknown said...

akhilesh g ko n pata hai ki shiksha kya h ? .................kyoki aapke pita g ne shiksha ko barbad karne ki kasam khai h

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