चाइल़्ड केयर लीव : महिलाकर्मी लगातार दो साल छुट्टी की हकदार : सुप्रीम कोर्ट का फैसला
न्यायिक उदाहरण
- केंद्रीय महिलाकर्मी लगातार दो साल छुट्टी की हकदार
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, बच्चों की देखभाल के लिए तय छुट्टियों में कोई अड़चन नहीं
- सिर्फ देखभाल के लिए ही नहीं परीक्षा की तैयारी और बीमारी में सेवा के लिए भी छुट्टी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी अब अपने बच्चों की देखभाल के लिए लगातार दो साल तक छुट्टी ले सकती हैं। वे सिर्फ उनके पालन-पोषण के लिए ही नहीं बल्कि बीमारी में सेवा और परीक्षा की तैयारियां करवाने के लिए भी छुट्टी ले सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस. जे. मुखोपाध्याय और जस्टिस वी गोपाल गौड़ा की बेंच ने इस सिलसिले में कोलकाता हाई कोर्ट के फैसले को खारिज कर दिया और महिला कर्मचारियों को लगातार 730 दिन छुट्टी लेने की इजाजत दे दी। कोलकाता हाई कोर्ट ने कहा था कि सेंट्रल सिविल सर्विसेज (लीव) के नियम बच्चों की देखभाल के लिए लगातार 730 दिनों की छुट्टी की इजाजत नहीं देते।
बेंच ने कहा कि केंद्र सरकार के सर्कुलरों के नियम 43-सी से यह साफ है कि ऐसी महिला कर्मचारी जिनकी 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं वे उनकी देखभाल के लिए अधिकतम 730 दिनों की छुट्टी ले सकती हैं। यानी वे अपनी नौकरी की पूरी अवधि के दौरान दो बच्चों तक की देखभाल के लिए दो साल की छुट्टी का इस्तेमाल कर सकती हैं। छुट्टियां छोटे बच्चों की देखभाल के अलावा परीक्षाओं की तैयारियों और बीमारी में सेवा के लिए भी ली जा सकती है। बेंच ने कहा कि 730 दिनों के बाद भी चाइल़्ड केयर लीव यानी सीसीएल बाकी बची छुट्टियों को मिला कर मिल सकती है। बेंच ने कहा कि कोलकाता हाई कोर्ट ने जिस नियम का हवाला दिया था वह न तो नियम 43-सी पर आधारित है और न सरकार की ओर से जारी निर्देशों पर।
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला केंद्र सरकार की एक कर्मचारी काकाली घोष की याचिका पर दिया। घोष ने सरकार के उस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें बच्चे की सीनियर सेकेंडरी परीक्षा की तैयारी करवाने के लिए 730 दिनों की छुट्टी देने से इनकार कर दिया गया था।
खबर साभार : अमर उजाला
साल चाइल्ड केयर लीव नई दिल्ली (भाषा)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी अपने बच्चे की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के दो साल का अवकाश ले सकती है। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौडा ने कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश निरस्त करते हुए यह व्यवस्था दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) के नियम बच्चों की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के 730 दिन के अवकाश की इजाजत नहीं देते हैं। न्यायाधीशों ने कहा, परिपत्रों और नियम 43-सी के अवलोकन से पता चलता है कि 18 साल से कम आयु के नाबालिग बच्चे की मां सरकारी महिला कर्मचारी अधिकतम 730 दिन का बगैर किसी व्यवधान के अवकाश ले सकती है। बच्चों की देखभाल सिर्फ छोटे बच्चे को पालने पोसने के लिए नहीं बल्कि उनकी परीक्षा और बीमारी जैसी जरूरतों के लिए भी है।
- महिलाएं ले सकती हैं दो साल चाइल्ड केयर लीव
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 18 साल से कम आयु के बच्चे की मां बिना किसी व्यवधान के ले सकती है अवकाश
साल चाइल्ड केयर लीव नई दिल्ली (भाषा)। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को व्यवस्था दी कि केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी अपने बच्चे की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के दो साल का अवकाश ले सकती है। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौडा ने कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश निरस्त करते हुए यह व्यवस्था दी। हाईकोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) के नियम बच्चों की देखभाल के लिए बगैर किसी व्यवधान के 730 दिन के अवकाश की इजाजत नहीं देते हैं। न्यायाधीशों ने कहा, परिपत्रों और नियम 43-सी के अवलोकन से पता चलता है कि 18 साल से कम आयु के नाबालिग बच्चे की मां सरकारी महिला कर्मचारी अधिकतम 730 दिन का बगैर किसी व्यवधान के अवकाश ले सकती है। बच्चों की देखभाल सिर्फ छोटे बच्चे को पालने पोसने के लिए नहीं बल्कि उनकी परीक्षा और बीमारी जैसी जरूरतों के लिए भी है।
चाइल़्ड केयर लीव : महिलाकर्मी लगातार दो साल छुट्टी की हकदार : सुप्रीम कोर्ट का फैसला
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:54 AM
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3 comments:
purush jinaki bibi ki dad ho chuki ho tath jinake bachche 1/2 varsh ho unako kitane dino ki chutti mil sakati hai ?
achcchi bat hai lekin 2sal bad to wo dobara maan ban jayegi iska matlab ab mahilaye chhutti par hi rahengi
puruson ko child care leave mileti hai ki nahin?
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