बच्चों के लिए विद्यालय खुलने पर 100 दिन का अभियान 'प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में

बच्चों के लिए विद्यालय खुलने पर 100 दिन का अभियान 'प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में।

स्कूल खुलने पर लगेगी शिक्षा चौपाल, स्कूल संचालन की बनेगी कार्ययोजना, अभिभावकों को किया जाएगा जागरूक

पढ़ाई की भरपाई को 100 दिनी अभियान, प्रेरणा ज्ञानोत्सव के जरिये परिषदीय स्कूलों में रेमेडियल टीचिंग पर जोर


अवगत कराना है कि बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनकी दक्षताओं को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जाने के दृष्टिगत 100 दिन का विशेष अभियान "प्रेरणा ज्ञानोत्सव" आयोजित किए जाने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए "Key Highlights " निम्नवत हैं -


1. SOP के अनुसार विद्यालयों का पुनः संचालन।
2. प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन के अंतर्गत समृद्ध हस्तपुस्तिका द्वारा कक्षा संचालन एवं Endline Assessment
3. शिक्षा चौपाल का आयोजन , जिसमें चर्चा के बिन्दु निम्नवत होंगे-
▪️प्रेरणा लक्ष्य
▪️प्रेरणा लक्ष्य एवं प्रेरणा तालिका
▪️मॉड्यूल्स पर चर्चा
▪️सहज पुस्तिका
▪️संदर्शिका
▪️गणित किट
▪️शिक्षक डायरी
▪️प्रिंटरिच मैटेरियल्स
▪️समृद्ध मॉड्यूल्स
▪️पाठ योजना
▪️पुस्तकालय
▪️रिपोर्ट कार्ड
▪️बाल संसद
▪️विद्यालय प्रबन्ध समिति
▪️शैक्षणिक अवधि का पुनर्निर्धारण
▪️दीक्षा एवं रीड अलोंग एप
▪️व्हाट्सएप क्लासेज
▪️दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण
▪️शिक्षक संकुल
▪️सहयोगात्मक पर्यवेक्षण
▪️प्री-प्राइमरी
▪️NCERT पाठ्यक्रम
▪️शारदा प्रणाली
▪️समावेशी शिक्षा
▪️स्मार्ट क्लास का संचालन

अतः उपर्युक्त गतिविधियों एवं परिवर्तित कक्षा कक्ष के स्वरूप से अभिभावकों को अवगत कराया जाए तथा बच्चों के गृह कार्य में शैक्षणिक कार्यों में प्रतिभागी बनाने के लिए उन्हें निरंतर प्रेरित किया जाए। प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैंपेन को सफल एवं जन आंदोलन बनाने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी एवं ए आर पी/एस आर जी द्वारा विशेष प्रयास सुनिश्चित किया जाए।


लगेगी शिक्षा चौपाल : स्कूल खुलने पर प्रधानाध्यापक नई गठित विद्यालय प्रबंध समिति की बैठक बुलाएंगे, जिसमें स्कूल संचालन की कार्ययोजना बनायी जाएगी। स्कूल की ओर से प्रत्येक गांव-मोहल्लों में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जाएगा। शिक्षा चौपाल का उद्देश्य नवगठित विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों, अभिभावकों और समुदाय को बच्चों के लर्निंग आउटकम को सुधारने के लिए संचालित किए जा रहे मिशन प्रेरणा और उसके लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों के बारे में जानकारी देना है। 


शिक्षा चौपाल में अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूरा कराने और लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्हें दीक्षा ऐप, प्रेरणा तालिका और प्रेरणा सूची के बारे में जानकारी दी जाएगी। स्कूलों में उपलब्ध कराए गए गणित किट और क्लासरूम में प्रदर्शित की गई प्रिंटरिच शिक्षण सामग्री भी प्रदर्शित की जाएगी।


लखनऊ : कोरोना संक्रमण के कारण बंद हुए परिषदीय स्कूलों के खुलने पर उनमें प्रेरणा ज्ञानोत्सव नामक 100 दिनों का विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान का मकसद कोरोना संक्रमण के कारण बाधित हुई पढ़ाई और शैक्षिक दक्षताओं की भरपाई करना है। अभियान के दौरान प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों की रेमेडियल टीचिंग (उपचारात्मक शिक्षा) पर जोर होगा, ताकि वे कक्षा के अनुरूप अपेक्षित लर्निंग आउटकम प्राप्त कर सकें। अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा रेणुका कुमार ने सोमवार को इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। अभियान के दौरान बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

स्कूल खुलने के बाद बच्चों में अपेक्षित शैक्षिक दक्षताएं विकसित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने ‘समृद्ध’ हस्तपुस्तिका नामक विशेष मॉडयूल तैयार कराया है, जिस पर रेमेडियल टीचिंग आधारित होगी। स्कूल खुलने के बाद समृद्ध हस्तपुस्तिका में दिए गए निर्देशों के अनुसार सभी बच्चों का गणित और भाषा ज्ञान का प्रारंभिक आकलन किया जाएगा। 

हस्तपुस्तिका के टीचिंग प्लान के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं को तीन समूहों में बांटकर कक्षाएं संचालित की जाएंगी। गणित विषय के लिए कक्षा 1 व 2, कक्षा 3 व 4 तथा कक्षा 5 के तीन समूह होंगे। हंिदूी भाषा विषय के लिए कक्षा 1, कक्षा 2 व 3 और कक्षा 4 व 5 के तीन समूह बनाए जाएंगे। हस्तपुस्तिका पर आधारित 100 दिवसीय रेमेडियल टीचिंग के बाद बच्चों का स्टूडेंट असेसमेंट टेस्ट के माध्यम से अंतिम आकलन किया जाएगा।





















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बच्चों के लिए विद्यालय खुलने पर 100 दिन का अभियान 'प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में Reviewed by sankalp gupta on 5:29 PM Rating: 5

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