परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अब बैठेंगे फर्नीचर पर, खरीद प्रक्रिया को मिली मंजूरी
परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अब बैठेंगे फर्नीचर पर, खरीद प्रक्रिया को मिली मंजूरी
26,729 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में उपलब्ध कराया जाएगा फर्नीचर, जैम पोर्टल से होगी फर्नीचर की खरीद
डेस्क और बेंच पर बैठेंगे बेसिक स्कूलों के बच्चे, नए डिजाइन के होंगे फर्नीचर और सुरक्षित भी
प्रदेश के 26729 प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चे अब आकर्षक बेंच और डेस्क पर बैठ कर पढ़ाई कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इनमें फर्नीचर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसे खरीदने के लिए 488 करोड रुपए भी जारी कर दिया गया है।
प्रदेश के हजारों प्राइमरी स्कूलों में अभी भी बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। सरकार स्कूलों में लगातार फर्नीचर उपलब्ध कराने के प्रयास में लगी है। 2018 में भी कुछ स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराया गया था। अब एक बार फिर बड़े पैमाने पर स्कूलों को फर्नीचर देने की तैयारी है। इस बार कुल 26,729 स्कूलों को फर्नीचर के लिए चयनित किया गया है। इन स्कूलों में आगामी सत्र तक फर्नीचर पहुंच जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने प्रदेश के 70 जनपदों के इन स्कूलों के लिए के लिए बजट स्वीकृत किया था। 17 फरवरी को फर्नीचर की दरें निर्धारित कर दी गई। 27 फरवरी तक डेस्क बेंच खरीद के लिए बिड अपलोड हो जाएगी। प्रीबिड मीटिंग 4 मार्च को होगी। फर्नीचर खरीद के संबंध में सभी जिला समन्वयको को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
नई डिजाइन के होंगे फर्नीचर
इस बार फर्नीचर नई डिजाइन के होंगे। पहले उपलब्ध कराए गए फर्नीचर में तमाम दिक्कतें थी। बच्चों के लिए ज्यादा उपयोगी व सुरक्षित नहीं थे। लेकिन इस बार इन्हें काफी सुरक्षित व उपयोगी बनाया गया है।
फर्नीचर में होंगे यह खूबियां
--बच्चों की दृष्टि से आकर्षक एवं चाइल्ड फ्रेंडली डिजाइन
--बच्चों के स्कूल बैग, कॉपी, किताब तथा पानी के बोतल रखने की जगह होगी
--यह काफी ज्यादा मजबूत होंगे
--डिजाइन छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन तथा उनकी उम्र एवं कक्षा वर्ग के आधार पर की गई है
--डेस्क बेंच के मध्य स्पेस को बच्चों की आयु वर्ग एवं कक्षा वर्ग के अनुसार बढ़ाया गया है
--यह होलो सर्कुलर पाइप से बनेंगे। जिससे बच्चों को चोट लगने की संभावना न्यूनतम होगी।
--डेस्क बेंच को आरामदायक बनाने के लिए अपर पार्ट को एवं बेंच के बैक साइड को 5 डिग्री का स्लोप दिया गया है
इन 10 जिलों के स्कूलों को को मिलेंगे सबसे ज्यादा फर्नीचर
जिले स्कूलों की संख्या
सीतापुर 968
हरदोई। 955
खीरी 861
आजमगढ़ 816
बहराइच 794
बाराबंकी 759
शाहजहांपुर 743
गाजीपुर 680
आगरा 679
जौनपुर 609
इन 10 जिलों के स्कूलों को मिलेंगे सबसे कम फर्नीचर
जिले स्कूल
बागपत 04
भदोही। 93
देवरिया 96
हापुड़ 08
जालौन 110
कौशांबी 103
कुशीनगर 54
मुजफ्फरनगर 40
शामली 07
इटावा 107
प्रदेश के 26729 प्राइमरी तथा अपर प्राइमरी स्कूलों के बच्चे अब आकर्षक बेंच और डेस्क पर बैठ कर पढ़ाई कर सकेंगे। राज्य सरकार ने फर्नीचर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसे खरीदने के लिए 488 करोड़ रुपए भी जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश के हजारों प्राइमरी स्कूलों में अभी भी बच्चे फर्श पर बैठकर पढाई करते हैं। सरकार स्कूलों में लगातार फर्नीचर उपलब्ध कराने के प्रयास में लगी है। 2018 में भी कुछ स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध कराया गया था। अब एक बार फिर बड़े पैमाने पर स्कूलों को फर्नीचर देने की तैयारी है। इस बारकुल 26,729 स्कूलों को फर्नीचर के लिए चयनित किया है।
इन स्कूलों में आगामी सत्र तक फर्नीचर पहुंच जाएगा । शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड ने प्रदेश के 70 जनपदों के इन स्कूलों के लिए के लिए बजट स्वीकृत किया था। 17 फरवरी को फर्नीचर की दरें निर्धारित कर दी गई। 27 फरवरी तक डेस्क बेंच खरीद के लिए वीडियो अपलोड हो जाएगी। जानकारी के अनुसार प्रीबिड मीटिंग 4 मार्च को होगी । फर्नीचर खरीद के संबंध में सभी जिला समन्वयको को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
नए डिजाइन के होंगे फर्नीचर, सुरक्षित भी
इस बार फर्नीचर नई डिजाइन के होंगे। पहले उपलब्ध कराए गए फर्नीचर में तमाम दिक्कतें थी। बच्चों के लिए ज्यादा उपयोगी व सुरक्षित नहीं थे। लेकिन इस बार इन्हें काफी सुरक्षित व उपयोगी बनाया गया है।
सुविधाएं
स्कूल बैग, कॉपी, किताब, पानी की बोतल रखने की जगह होगी। डिजाइन छात्र-छात्राओं के पठन पाठन तथा उनकी उम्र एवं कक्षा के आधार पर की गई है। डेस्क बेंच के मध्य स्पेस को बच्चों की आयु वर्ग एवं कक्षा वर्ग के अनुसार बढ़ाया गया है। होलो सर्कुलर पाइप से बनेंगे। चोट लगने की संभावना न्यूनतम होगी। अपर पार्ट को एवं बेंच के बैक साइड को 5 डिग्री का स्लोप दिया है।
प्रदेश के 71 जिलों के 26,729 उच्च प्राथमिक विद्यालयों और वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के 108 प्राथमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए जैम पोर्टल से फर्नीचर की खरीद की जाएगी। शासन ने जैम पोर्टल से फर्नीचर खरीदने का दिशा निर्देश जारी किया है। फर्नीचर को आरामदायक बनाने के लिए डिजाइन में भी परिवर्तन किया है।
स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि प्रदेश के 71 जिलों के 26,729 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर के लिए 488 करोड़ 61 लाख 41 हजार रुपये स्वीकृत किए हैं। वाराणसी के सेवापुरी विकासखंड के 108 प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर के लिए एक करोड़ 99 लाख 97 हजार रुपये जारी किए हैं।
फर्नीचर पर बच्चों के बैठने की उच्च गुणवत्ता के साथ सुगमता को ध्यान में रखा जाएगा। छोटे बच्चों की सुरक्षा,बच्चों की दृष्टि से आकर्षक एवं बाल मैत्रिक डिजाइन तैयार की जाएगी। डैस्क में बच्चों के स्कूल बैग, कॉपी-किताब और पानी की बोलत रखने की उचित व्यवस्था रहेगी। डेस्क बैंच के बीच के स्पेस को बच्चों की आयु और कक्षा वर्ग के अनुसार बढ़ाया गया है। डेस्क बैंच को आरामदायक बनो के लिए ऊपरी हिस्से और पीछे के हिस्से में ढलान दिया गया है। विभाग ने कक्षा एक व दो के फर्नीचर के लिए प्रति बैंच डेस्क की कीमत 3148, कक्षा 3 से 5 के लिए 3884 और कक्षा 6 से 8 के लिए 5700 रुपये निर्धारित की है।
जैम पोर्टल से फर्नीचर खरीद के बाद संबंधित फर्म को भुगतान के लिए हर जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी। समिति में मुख्य विकास अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, डायट प्राचार्य, बीएसए और बीएसए दफ्तर के वित्त एवं लेखाधिकारी को सदस्य बनाया जाएगा।
प्रदेश के 71 जिलों के 26,729 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों और वाराणसी के सेवापुरी ब्लॉक के 108 प्राथमिक स्कूलों में बच्चों के लिए जल्दी आरामदायक और आकर्षक फर्नीचर उपलब्ध होंगे। इन स्कूलों में फर्नीचर खरीदने का रास्ता साफ हो गया है।
यह फर्नीचर केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की ओर से चालू वित्तीय वर्ष के लिए मंजूर की गई उप्र की कार्ययोजना के तहत खरीदे जा रहे हैं। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर खरीदने के लिए 488.61 करोड़ रुपये और वाराणसी के प्राथमिक स्कूलों के लिए 1.99 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। फर्नीचर जेम पोर्टल पर टेंडर के माध्यम से खरीदे जाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्नीचर की डिजाइन की विशिष्टताएं, खरीद व अनुबंध की प्रक्रिया तय करते हुए इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है। खरीदे जाने वाले फर्नीचर को बच्चों के लिए अधिक उपयोगी और सुरक्षित बनाने के लिहाज से वर्ष 2017-18 में आपूर्ति किए गए फर्नीचर की डिजाइन और विशिष्टताओं में बदलाव किए गए हैं।
फर्नीचर को बच्चों के लिए आकर्षक और बाल मैत्रिक बनाने के साथ उनकी संरचना बच्चों की उम्र और कक्षा के आधार पर करने के लिए कहा गया है। उनमें बच्चों के स्कूल बैग, कॉपी-किताब और पानी की बोतल रखने की उपयुक्त व्यवस्था करने की हिदायत दी गई है। सुविधा के लिहाज से आयु और कक्षा के अनुसार डेस्क और बेंच के बीच स्पेस बढ़ाया गया है। बच्चों के लिए आरामदायक बनाने के लिए डेस्क-बेंच के ऊपरी हिस्से और बेंच के बैक साइड को पांच डिग्री का स्लोप दिया गया है।
फर्नीचर खरीदने के लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ई-टेंडरिंग समिति गठित हैं। जिला स्तर पर ई-टेंडर के जरिये चयनित फर्मों से उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए फर्नीचर खरीदे जाएंगे। बीएसए विद्यालय प्रबंध समिति के माध्यम से फर्नीचर उपलब्ध कराने की व्यवस्था करेंगे। फर्नीचर की खरीद, अनुबंध और आपूर्ति के बाद भुगतान के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में निविदा मूल्यांकन कमेटी गठित की जाएगी जिसके उपाध्यक्ष सीडीओ और सदस्य सचिव बीएसए होंगे।
फर्नीचर की खरीद के लिए समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय की ओर से तैयार किए गए मॉडल एग्रीमेंट में प्रविधान है कि फर्नीचर की आपूर्ति में विलंब करने पर आपूर्तिकर्ता पर साप्ताहिक पेनाल्टी लगाई जा सकेगी।
परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे अब बैठेंगे फर्नीचर पर, खरीद प्रक्रिया को मिली मंजूरी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
6:27 AM
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