हाईकोर्ट : 68500 शिक्षक भर्ती मामले में याचियों को मनपसंद जिला आवंटन करने का निर्देश

प्राथमिकता वाले जिले किए जाएं आवंटितहाई कोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया सात अप्रैल तक पूरी करने का दिया निर्देश

हाईकोर्ट : 68500 शिक्षक भर्ती मामले में याचियों को मनपसंद जिला आवंटन करने का निर्देश


कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 शिक्षक भर्ती मामले में याचियों को उनकी पंसद का जिला आवंटित करने निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बेसिक शिक्षा सचिव सात अप्रैल तक कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए मुकदमें की अगली तिथि 11 अप्रैल 2022 को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने धर्मेंद्र सिंह व 24 अन्य की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।

पूर्व में कोर्ट के आदेश का नहीं किया गया अनुपालन

कोर्ट ने अपने 14 सितंबर 2021 के आदेश में बेसिक शिक्षा सचिव को 14 जनवरी 2022 तक याचियों को उनके मनपसंद जिले में तैनाती का आदेश दिया था। लेकिन उसका आज तक अनुपालन नहीं हुआ। कोर्ट ने इस संबंध में जानकारी तलब की थी। सोमवार को सुनवाई के दौरान सरकारी अधिवक्ता ने कोर्ट को आदेश के अनुपालन के संबंध की जानकारी मुहैया कराई।

इसके साथ ही कोर्ट का आदेश अनुपालन कराने केलिए दो सप्ताह का समय मांगा। इस पर कोर्ट ने उन्हें तीन सप्ताह का समय देते हुए मामले की सुनवाई केलिए 11 अप्रैल 2022 की तिथि निर्धारित की है।

कोर्ट के समक्ष याचियों की ओर से तर्क दिया गया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी करने केबाद बेसिक शिक्षा सचिव ने याचिओं को उनके मनपसंद जिले (प्रथम तीन) में भेजने की बजाय दूसरे जिलों में तैनात कर दिया। याचियों ने सचिव के आदेश को हाईकोर्ट के समक्ष चुनौती दी थी।



प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वर्ष 2018 की 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती में मेधावी आरक्षित वर्ग (एमआरसी) और सामान्य वर्ग के चयनित अध्यापकों को उनकी प्राथमिकता वाले जिलों में नियुक्ति देने के लिए बेसिक शिक्षा परिषद को तीन सप्ताह का समय दिया है। 


साथ ही कहा है कि यह प्रक्रिया सात अप्रैल 2022 तक पूरी कर ली जाए। न्यायालय ने 11 अप्रैल को इस मामले में अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने दिया है।


कोर्ट ने 14 सितंबर 2021 के आदेश में निर्देश दिया था कि एमआरसी अभ्यर्थियों से दो माह के भीतर प्रत्यावेदन लेकर उनकी पसंद का जिला आवंटित किया जाए। सामान्य वर्ग में उच्च मेरिट के अभ्यर्थियों को भी पसंद के तीन प्राथमिकता वाले जिलों में किसी एक में पद रिक्त होने पर नियुक्ति देने का निर्देश दिया गया था। धर्मेद्र सिंह व 24 अन्य लोगों ने अवमानना याचिका दाखिल की थी। 



अपील करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों का कहना था कि यह भेदभावपूर्ण है क्योंकि यदि आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में चयनित कर लिया गया है और उन्हें प्राथमिकता वाला जिला आवंटित किया जा रहा है तो सामान्य वर्ग में उनसे मेरिट में ऊपर अभ्यर्थियों को भी प्राथमिकता वाला जिला पाने का अधिकार है।

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