अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से युग्मन (PAIRING) के संबंध में आदेश

बेसिक शिक्षा विभाग का दावा – बंद नहीं होंगे कम नामांकन वाले स्कूल, चलेंगी बाल वाटिकाएं, तैनात होगे एजुकेटर 


बेसिक शिक्षा विभाग ने इस शैक्षणिक सत्र में उन विद्यालयों का विलय करने की प्रक्रिया तेज कर दी है, जिनमें नामांकन बेहद कम हैं।  ऐसे स्कूलों को पास के किसी बेहतर स्कूल में जोड़ा जा रहा है, लेकिन कम छात्र संख्या वाले स्कूलों से छात्रों का समायोजन होने पर ऐसे स्कूल बंद नहीं होंगे, बल्कि उनमें बाल वाटिकाएं बनेंगी।

बेसिक शिक्षा विभाग इसके लिए ईसीसी (एजुकेटर काउंसलर) की नियुक्ति करेगा। इन बाल वाटिकाओं में तीन साल से छह साल तक के बच्चों को अक्षर व भाषा का ज्ञान कराया जाएगा। 
परिषदीय विद्यालयों को पास के बेहतर सुविधा वाले विद्यालय में युग्मित किया जाएगा। ये स्कूल बंद नहीं होंगे, बल्कि खाली विद्यालय को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा। आंगनबाड़ी बालवाटिका के लिए जितने स्कूल होंगे उतने ही एजुकेटर की तैनाती होगी। 



बेहतर शिक्षा परिणामों के लिए स्कूल पेयरिंग नीति, अखबारों में विज्ञापन के जरिए बेसिक शिक्षा विभाग का दावा 



कम नामांकन वाले परिषदीय विद्यालयों में बनेगी बाल वाटिका, आंगनबाड़ी बाल वाटिका के लिए ECCE एजुकेटर की होगी तैनाती

जिन परिषदीय विद्यालयों में कम छात्र हैं, अब उन विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को निकट के दूसरे विद्यालय में भेजा जाएगा। वहीं, खाली हुए विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में तैयार किया जाएगा। इन बाल वाटिकाओं में तीन साल से छह साल तक के बच्चों को अक्षर व भाषा का ज्ञान कराया जाएगा।

जिन परिषदीय विद्यालयों को बाल वाटिका के रूप में विकसित किया जाएगा। वहां पर जल्द ही ECCE एजुकेटर की तैनाती होगी। इसके लिए शासन से जल्द स्वीकृति मिलने की संभावना है। बाल वाटिका में प्री नर्सरी से छह साल के बच्चों को शिक्षा मिलेगी।



PTM में देंगे स्कूलों के विलय की जानकारी, बेसिक शिक्षा विभाग पेयरिंग के विरोध के बीच आम लोगों को करेगा जागरूक, अभिभावकों से लेगा सुझाव

18381 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की भी जुलाई से की जाएगी शुरुआत

लखनऊ। प्रदेश में शिक्षक संगठनों व प्रतियोगी छात्रों के विरोध के बीच परिषदीय विद्यालयों के विलय (पेयरिंग) की कवायद गति पकड़ रही है। इसके तहत बेसिक शिक्षा विभाग अब स्कूलों में अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) में इसके बारे में जानकारी देगा। अभिभावकों को स्कूलों के विलय और नियमित कक्षाओं के संचालन की जानकारी देंगे। साथ ही उनके सुझाव भी लेंगे।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से सभी डायट प्राचार्य व बीएसए को नए सत्र की तैयारियों के लिए भेजे गए निर्देश में पीटीएम आयोजित करने को कहा गया है। उन्होंने कहा है कि कम नामांकन वाले विद्यालयों का स्थानीय  परिस्थितियों व आवश्यकताओं को देखते हुए विद्यालयों के विलय के निर्देश दिए गए हैं।

पीटीएम करके विद्यालयों के विलय व विद्यालयों में उपलब्ध कराई गई शैक्षणिक सामग्री, डिजिटल संसाधन, लाइब्रेरी के किताबों, खेलकूद सामग्री आदि से अभिभावकों को अवगत कराएं।

अभिभावकों के सुझाव भी लिए जाएंगे और उनकी शंकाओं का समाधान भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 18381 विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना की गई है। इनके संचालन के बारे में भी सभी प्रधानाध्यापकों से आख्या ले लें ताकि जुलाई से इनका बेहतर प्रयोग शुरू किया जा सके।




कम संख्या पर पास के स्कूल में जाएंगे बच्चे, शिक्षक-छात्र अनुपात सही करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की कवायद

लखनऊ। बच्चों की कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालयों के बच्चे पास के स्कूलों में पढ़ेंगे। शिक्षक-छात्र अनुपात बेहतर करने के लिए कम बच्चों वाले स्कूलों की पास के स्कूल के साथ पेयरिंग (एकीकरण) की जाएगी। शासन ने सोमवार को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। निर्देश में कहा गया है कि जिन स्कूलों में छात्र नामांकन कम है, वहां संसाधनों के अधिकतम प्रयोग के लिए स्कूलों के साथ आपसी सहयोग की जरूरत है। ऐसे विद्यालयों को पास के विद्यालयों के साथ पेयरिंग कर एक इकाई के रूप में चलाया जाएगा।

बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी डीएम को भेजे निर्देश में कहा है कि कम छात्र नामांकन वाले विद्यालयों को चिह्नित कर डाटा तैयार कराएं। फिर बेहतर सुविधाओं व संसाधनों वाले पास के स्कूलों के साथ मैपिंग की जाए। खंड शिक्षा अधिकारी ऐसे विद्यालयों का भ्रमण कर पेयरिंग प्रस्ताव बीएसए को देंगे। उन्होंने कहा है कि बीएसए, डीएम व सीडीओ को इससे अवगत कराएंगे। अंतर्विभागीय समन्वय से सुझाव लेकर विद्यालयों के पेयरिंग की कार्यवाही करेंगे। शिक्षकों के बीच कार्य व दायित्व का निर्धारण, विद्यालयों की समय सारिणी, कक्षा आवंटन कर विद्यालय का संचालन सुनिश्चित कराएंगे। साथ ही बीएसए कार्यालय में इससे जुड़ी शिकायतों व उसके निस्तारण के लिए एक सेल भी बनाया जाएगा।


पेयरिंग के बाद खाली स्कूल नहीं होंगे बंद,  प्री प्राइमरी के नाम पर्वचलेगी बाल वाटिका

दीपक कुमार ने स्पष्ट किया है कि पेयरिंग के बाद खाली स्कूल बंद नहीं होंगे। नई शिक्षा नीति में पूर्व प्राइमरी शिक्षा पर जोर दिया गया है। ऐसे में तीन से छह साल के बच्चों के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बालवाटिका घोषित किया गया है। इसलिए संसाधनों के अधिकतम प्रयोग के दृष्टिगत शेष विद्यालयों का प्रयोग बाल वाटिका के रूप में किया जा सकेगा। इनको पास के प्राथमिक विद्यालयों का भाग माना जाएगा। यहां पर एक-एक ईसीसीई एजुकेटर तैनात करते हुए बच्चों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

कहीं 50 तो कहीं 20 छात्र संख्या आधार
शासन ने पेयरिंग के लिए छात्र संख्या निर्धारित नहीं की। ऐसे में बीएसए अलग-अलग संख्या को आधार बना रहे हैं। राजधानी लखनऊ व बदायूं के बीएसए ने 50 से कम नामांकन वाले तो मथुरा में 20 से कम नामांकन वाले स्कूलों व उनके पास के विद्यालयों की जानकारी मांगी है।



अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से युग्मन (PAIRING) के संबंध में आदेश












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अपर्याप्त छात्र नामांकन वाले विद्यालयों का निकट विद्यालय से युग्मन (PAIRING) के संबंध में आदेश Reviewed by sankalp gupta on 5:39 AM Rating: 5

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