बीटीसी फीस का नहीं हो सकेगा गोलमाल
- डायटो को देना होगा खर्च का हिसाब
- पहले एससीईआरटी के खाते में देनी होगी फीस
लखनऊ।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) अब बीटीसी फीस का गोलमाल नहीं
कर सकेंगे। उन्हें पहले बीटीसी की फीस राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं
प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के खाते में देनी होगी। इसके बाद उन्हें खर्च
का पूरा प्रस्ताव बनाकर भेजना होगा, तब उन्हें एससीईआरटी से बजट आवंटित
किया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अन्य मदों में खर्च का हिसाब भी देना होगा।
इस संबंध में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा सुनील कुमार ने निर्देश भेज दिए
हैं।
सूबे के हर जिले में स्थापित डायट का
मुख्य काम शिक्षकों को प्रशिक्षण देना है। इसके लिए केंद्र से मिलने वाली
मदद से डायटों को पैसा दिया जाता है। साथ ही बीटीसी प्रशिक्षण का या अन्य
मदों में पैसा उसे मिलता है। लेकिन वर्तमान में डायट इसका हिसाब एससीईआरटी
को नहीं देते हैं। लिहाजा अब फैसला किया गया है कि डायटों को छात्रों से
मिलने वाली फीस का पूरा पैसा पहले एससीईआरटी को देना होगा। फिर खर्च का
प्रस्ताव तैयार कर भेजना होगा, तब उन्हें पैसा दिया जाएगा। उन्हें बताना
होगा कि कितना पैसा मिला, बीटीसी प्रवेश के एवज में कितनी फीस मिली,
प्रशिक्षण कार्यक्रम या फिर अन्य मदों में कितना खर्च हुआ। (साभार-:-अमर उजाला)


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Reviewed by Brijesh Shrivastava
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11:36 PM
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