बच्चों के लिए फिक्रमंद हुई सरकार : सुरक्षित मिड डे मील परोसने का खाका तैयार
मिड डे मील :-
- पांच माह बाद बिहार के सारण हादसे से लिया सबक
- विद्यालय स्तर पर आकस्मिकता योजना रजिस्टर होगा तैयार
इलाहाबाद : स्कूलों में पठन-पाठन का माहौल बनाने के लिए कड़े निर्देश देने
के बाद अब सरकार बच्चों की जानमाल के लिए फिक्रमंद हुई है। बिहार के सारण
से सबक लेते हुए पांच माह बाद सरकार ने सुरक्षित मध्याह्न भोजन परोसने का
पूरा खाका तैयार किया है। इस दौरान कोई हादसा न हो, इसके लिए एहतियात बरतने
का निर्देश दिया गया है। साथ ही हर स्कूल में कंटिंजेंसी प्लान (आकस्मिकता
योजना) तैयार करने का आदेश जारी किया गया है। 16 जुलाई 2014 को बिहार के
सारण जिले के धर्मसती गंडामन गांव के नवीन प्राथमिक स्कूल में विषाक्त भोजन
करने से 23 बच्चों की मौत हो गई थी और 24 बच्चों को अस्पताल में भर्ती
कराना पड़ा था। यह घटना पूरे देश में महीनों सुर्खियों में रही। इस घटना से
सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने मध्याह्न भोजन योजना को सुचारु रूप से चलाने
का खाका तैयार किया है।
कंटिंजेंसी प्लान से शिक्षा, प्रशासन एवं
स्वास्थ्य विभाग के अफसरों जुड़ेंगे। इस रजिस्टर में जिलाधिकारी के
कार्यालय एवं उनका मोबाइल नंबर, उप जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक,
मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी,
प्रभारी स्वास्थ्य केंद्र, अग्निशमन अधिकारी के कार्यालय एवं उनका मोबाइल
नंबर, आकस्मिक स्वास्थ्य सेवाएं, स्थानीय थाने का नंबर, स्कूल के करीब रहने
वाली आशा या एएनएम, लेखपाल या ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम प्रधान व
विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष के मोबाइल नंबरों की पूरी सूची तैयार
रहेगी। यही नहीं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने जिलाधिकारियों को दिए आदेश
में लिखा है कि ग्राम पंचायत के उन संभ्रांत लोगों का भी मोबाइल नंबर रखा
जाएगा, जिनके पास निजी वाहन व उनके आवास की स्कूल से दूरी भी दर्ज होगी।
गांव के आसपास प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डाक्टर का नाम नंबर भी रखा
जाएगा।
विकास खंड स्तर पर इसका मॉक डिल भी कराया जाएगा। शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं रसोइयों को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्राम सभा की दीवारों पर स्कूल की मैपिंग भी होगी, उसमें स्वास्थ्य केंद्र से विद्यालय की दूरी दर्ज रहेगी। स्कूल आने-जाने वाले लोगों पर निगरानी की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। निर्देश दिया गया है कि खुले में न तो खाना बनवाया जाए और न ही परोसा जाए। इसके लिए अनिवार्य रूप से कक्ष का उपयोग होना चाहिए।
विकास खंड स्तर पर इसका मॉक डिल भी कराया जाएगा। शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं रसोइयों को भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्राम सभा की दीवारों पर स्कूल की मैपिंग भी होगी, उसमें स्वास्थ्य केंद्र से विद्यालय की दूरी दर्ज रहेगी। स्कूल आने-जाने वाले लोगों पर निगरानी की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। निर्देश दिया गया है कि खुले में न तो खाना बनवाया जाए और न ही परोसा जाए। इसके लिए अनिवार्य रूप से कक्ष का उपयोग होना चाहिए।
बच्चों के लिए फिक्रमंद हुई सरकार : सुरक्षित मिड डे मील परोसने का खाका तैयार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
7:58 AM
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