लखनऊ में अक्षयपात्र डिम्पल यादव की सलाह से बच्चों को बुधवार को दूध की जगह बांटेगा खीर, मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने मेन्यू में सरकार की ओर से किसी बदलाव से किया इंकार
- लखनऊ के तीन ब्लॉक और नगर क्षेत्र में बच्चों को बुधवार को नहीं मिलेगा दूध
- बच्चों को फिलहाल दूध की जगह मिलेगी खीर, प्रदेश में कोई बदलाव नहीं
लखनऊ के तीन ब्लॉक और नगर क्षेत्र के स्कूलों में बच्चों को बुधवार के मेन्यू में फिलहाल दूध नहीं मिलेगा। यहां बच्चों को उसकी जगह खीर दी जाएगी। अक्षय पात्र के निरीक्षण के लिए गईं सांसद डिंपल यादव के सामने संस्था ने उबला हुआ दूध देने में असमर्थता जताई तो उन्होंने खीर देने सुझाव दिया। अक्षय पात्र ने भी इस सुझाव को मानते हुए खीर देने का वादा किया।
अक्षयपात्र के निरीक्षण के दौरान संस्था के संचालकों ने डिंपल यादव को बताया कि वो स्टीम्ड खाना पकाते हैं। उनके पास दूध उबालने के कोई साधन नहीं है। यही कारण था कि उन्होंने बच्चों को फ्लेवर्ड मिल्क बांटा था। इस पर डिंपल यादव ने कहा कि वो बॉइलर का प्रस्ताव बनाकर भेजे, जिससे उनकी इस समस्या का समाधान हो सके। डिंपल यादव ने कहा कि फिलहाल अस्थाई समाधान के लिए दूध की जगह बच्चों को बुधवार को खीर, दलिया, साबूदाने की खीर और सेवईयां बनाकर दी जाए। इस पर अक्षय पात्र राजी हो गया है। डिंपल यादव ने बताया कि अभी बच्चे दूध के लिए घर से ग्लास लेकर आते है। जो बच्चे ग्लास नहीं लाते है उन्हें समस्या होती है। किसी के ग्लास छोटे तो किसी के बड़े होते है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को स्टील के ग्लास देगी, जिसमें उन्हें दूध दिया जाएगा। बच्चे को घर से ग्लास लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
अक्षयपात्र ने सांसद के सामने समस्या रखी कि उन्हें प्राइमरी स्कूल में प्रत्येक बच्चे के 3.56 पैसे दिए जाते हैं जबकि अपर प्राइमरी के लिए 5.26 पैसे दिए जाते हैं। जबकि दूध के लिए उनकी लागत 8 से 8.50 रुपये आती है। इस पर डिंपल यादव ने कहा कि वो इसका भी प्रस्ताव बनाकर भेजें। निरीक्षण के दौरान उनके साथ ला-मार्ट्स की प्रिंसिपल अब्राहम और सीडीओ योगेश कुमार भी मौजूद थे।
अक्षय पात्र लखनऊ में नगर क्षेत्र, सरोजनी नगर, चिनहट और काकोरी ब्लॉक में भोजन वितरण करता है। प्रदेश में बुधवार के मेन्यू में सरकार की ओर से कोई बदलाव नहीं किया गया है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक श्रद्धा मिश्रा ने बताया कि फिलहाल पहले की तरह दूध दिए जाने के ही निर्देश हैं।
साभार : नवभारत टाइम्स |
- अक्षय पात्र संस्था ने शहर के सरकारी प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को खीर देने का प्रस्ताव रखा
शनिवार को सरोजनीनगर के अमौसी गांव स्थित अक्षय पात्र फाउण्डेशन की किचन शेड का औचक निरीक्षण करने पहुंची सांसद डिम्पल यादव के समक्ष ये प्रस्ताव रखा गया है। उनके साथ ला मार्टीनियर गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल एफ. अब्राहम भी मौजूद थी। ये संस्था 74 हजार बच्चों को मिड-डे मील उपलब्ध कराती है। शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे अक्षय पात्र फाउण्डेशन की किचन पहुंची सांसद ने सबसे पहले खाना बनाने वाले उपकरणों की कार्यप्रणाली को देखा। सांसद ने किचन के प्रथम तल पर बने मीटिंग हाल में मिड डे मील में बनी सोयबीन की सब्जी, चावल व चपाती खाकर उसकी गुणवत्ता परखी। उन्होंने फाउण्डेशन के अधिकारियों व कर्मचारियों से उनकी समस्याओं को सुनने के साथ ही मिड डे मील की गुणवत्ता को और अधिक सुधारने को कहा। इस दौरान सीडीओ योगेश कुमार के अलावा कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। सीएसआर का किया जाएगा इस्तेमाल : संस्था प्रतिवर्ष छह करोड़ रुपए बच्चों को खाना देने में खर्च कर रही है। इसे वह कारपोरेट जगत से सीएसआर के रूप में इकट्ठा करती है। इस दौरान संस्था ने सीएसआर का प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया।
- डिंपल ने किया अक्षय पात्र का निरीक्षण
- करीब दो घंटे तक रहीं मौजूद, खाना चखा
- संस्था ने दूध की जगह खीर परोसने का दिया प्रस्ताव
कन्नौज की सांसद व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी
डिंपल यादव शनिवार को सरोजनीनगर स्थित अक्षय पात्र संस्था का निरीक्षण करने
पहुंची। इस दौरान करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक उन्होंने वहां समय व्यतीत
किया। डिंपल ने संस्था की ओर से बनने वाले भोजन को चखा और चपाती बनाने
वाली मशीन भी देखी।
डिंपल यादव के साथ लामार्ट गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल मौजूद रहीं। इस दौरान डिंपल ने अक्षय पात्र की ओर से बनाए जा रहे भोजन की प्रक्रिया का निरीक्षण किया और उसके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संस्था द्वारा स्कूलों में भोजन भेजने, आय, खाद्य सामग्री, वर्तमान में आ रही समस्या व भविष्य की चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। अक्षय पात्र वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के 74 हजार बच्चों को भोजन उपलब्ध करा रहा है। राजधानी में कुल 2,029 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें मिड डे मिल बांटा जाता है। इन स्कूलों में करीब ढ़ाई लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
डिंपल के निरीक्षण के दौरान अक्षय पात्र संस्था ने बुधवार को वितरित किए जाने वाले दूध के स्थान पर खीर परोसने का प्रस्ताव दिया। जिला अधिकारी राजशेखर के मुताबिक हमें यह निर्देश प्राप्त हुआ है कि राजधानी में कारपोरेट जगत द्वारा सीएसआर फंड के प्रयोग पर नजर रखी जाए। अक्षय पात्र बच्चों को गुणवत्ता परक भोजन सौंपने के लिए प्रति वर्ष छह करोड़ रुपये व्यय कर रहा है। एफसीआइ की ओर से अक्षय पात्र को चावल व आटा उपलब्ध कराया जाता है। जिला प्रशासन ने, पीएचडी चैंबर्स, फिक्की व इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन लखनऊ की ओर से बच्चों को स्वस्थ एवं अच्छी शिक्षा देने का सुझाव भी दिया है। संस्था को स्कूली बच्चों का भोजन बनाने के लिए प्रतिदिन 5.5 मेटिक टन चावल, 5.5 मेटिक टन आटा 3.5 मेटिक टन सब्जी एवं पांच सौ लीटर खाना बनाने वाला तेल उपलब्ध कराया जाता है।
डिंपल यादव के साथ लामार्ट गल्र्स कॉलेज की प्रिंसिपल मौजूद रहीं। इस दौरान डिंपल ने अक्षय पात्र की ओर से बनाए जा रहे भोजन की प्रक्रिया का निरीक्षण किया और उसके बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने संस्था द्वारा स्कूलों में भोजन भेजने, आय, खाद्य सामग्री, वर्तमान में आ रही समस्या व भविष्य की चुनौतियों के बारे में जानकारी ली। अक्षय पात्र वर्तमान में प्राथमिक विद्यालयों के 74 हजार बच्चों को भोजन उपलब्ध करा रहा है। राजधानी में कुल 2,029 परिषदीय विद्यालय हैं, जिनमें मिड डे मिल बांटा जाता है। इन स्कूलों में करीब ढ़ाई लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
डिंपल के निरीक्षण के दौरान अक्षय पात्र संस्था ने बुधवार को वितरित किए जाने वाले दूध के स्थान पर खीर परोसने का प्रस्ताव दिया। जिला अधिकारी राजशेखर के मुताबिक हमें यह निर्देश प्राप्त हुआ है कि राजधानी में कारपोरेट जगत द्वारा सीएसआर फंड के प्रयोग पर नजर रखी जाए। अक्षय पात्र बच्चों को गुणवत्ता परक भोजन सौंपने के लिए प्रति वर्ष छह करोड़ रुपये व्यय कर रहा है। एफसीआइ की ओर से अक्षय पात्र को चावल व आटा उपलब्ध कराया जाता है। जिला प्रशासन ने, पीएचडी चैंबर्स, फिक्की व इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन लखनऊ की ओर से बच्चों को स्वस्थ एवं अच्छी शिक्षा देने का सुझाव भी दिया है। संस्था को स्कूली बच्चों का भोजन बनाने के लिए प्रतिदिन 5.5 मेटिक टन चावल, 5.5 मेटिक टन आटा 3.5 मेटिक टन सब्जी एवं पांच सौ लीटर खाना बनाने वाला तेल उपलब्ध कराया जाता है।
- अक्षय पात्र के केंद्रीय किचेन पहुंचीं सांसद डिंपल यादव
अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से बच्चों को दिए जाने वाले मिड-डे-मील और
केंद्रीय किचेन शेड की जांच करने शनिवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की
पत्नी एवं सांसद डिंपल यादव सरोजिनीनगर अमौसी गांव स्थित किचेन पहुंच गईं।
औचक निरीक्षण में उनके साथ लामार्टिनियर गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल
एफ. अब्राहम भी थीं। सांसद डिंपल यादव व प्रिंसिपल ने मिड-डे-मील चख कर
उसकी गुणवत्ता परखी। उन्होंने किचन की कार्यप्रणाली को भी विडियो क्लिप के
माध्यम से देखा।
सरोजिनीनगर के अमौसी गांव में अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा
किचन स्थापित किया गया है। राजधानी के परिषदीय विद्यालयों के 74 हजार
बच्चों को यहीं से मिड-डे-मील की आपूर्ति की जाती है। शनिवार की दोपहर करीब
12 बजे अचानक अक्षय पात्र फाउंडेशन की किचन पहुंची श्रीमती यादव ने सबसे
पहले खाना बनाने वाले उपकरणों की कार्यप्रणाली विडियो क्लिप के माध्यम से
देखी। इसके बाद वह किचन पहुंचीं और चपाती बनाने वाली मशीन को चलाकर दिखाने
का निर्देश दिए। करीब डेढ़ घंटे तक यहां रुकीं सांसद डिंपल यादव ने किचन के
प्रथम तल पर बने मीटिंग हाल में मिड डे मील में बनी सोयाबीन की सब्जी,
चावल व चपाती खाकर उसकी गुणवत्ता परखी। इसके अलावा उन्होंने फाउंडेशन के
अधिकारियों व कर्मचारियों से उनकी समस्याओं को सुनने के साथ ही मिड-डे-मील
की गुणवत्ता को और अधिक सुधारने को कहा।
इस दौरान अक्षय पात्र की ओर से
प्रस्ताव रखा गया कि बच्चों को दूध की जगह खीर देने के लिए हम तैयार हैं।
इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी योगेश कुमार के अलावा कई प्रशासनिक अधिकारी
भी मौजूद थे।
खबर साभार : डेली न्यूज एक्टिविस्ट
लखनऊ में अक्षयपात्र डिम्पल यादव की सलाह से बच्चों को बुधवार को दूध की जगह बांटेगा खीर, मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने मेन्यू में सरकार की ओर से किसी बदलाव से किया इंकार
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:08 AM
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