बेसिक शिक्षा विभाग में भी लागू होगा सिटीजन चार्टर, मुख्यमंत्री के आदेश के बाद विभाग में शुरू हुई कवायद
लखनऊ। अब शिक्षक से लेकर अभिभावकों को अपने कार्यों के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। डीआईओएस कार्यालय हो या लेखाधिकारी कार्यालय, हर जगह काम के लिए एक निश्चित समय सीमा तय की जाएगी। उसी समय सीमा के अंदर बाबुओं और अफसरों को कार्य पूरा करना अनिवार्य होगा। इसके लिए माध्यमिक व बेसिक सहित सभी विभाग में सिटी चार्टर लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से बीते दिनों दिए गए आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधीन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में एक बार फिर इसकी तैयारी शुरू हो गई है।राजधानी में यूपी बोर्ड से सम्बद्ध तकरीबन सात सौ विद्यालय संचालित हैं। इनमें सहायता प्राप्त व राजकीय विद्यालय भी शामिल हैं। अक्सर शिकायतें आती हैं कि शिक्षा भवन के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, लेखाधिकारी कार्यालय सहित अन्य दफ्तरों में किसी भी काम का कोई समय नहीं निर्धारित है। किसी के प्रमोशन तो किसी के प्रोन्नत वेतन मान की पत्रावली महीनों से लंबित पड़ी रहती हैं। चयन वेतनमान से लेकर जीपीएफ, मान्यता आदि के प्रकरण भी इनमें शामिल हैं। समय निर्धारण न होने की वजह से बाबू भी पत्रावली निस्तारण करने में टाल-मटोल करते हैं। इसको लेकर शिक्षक संघ ने अफसरों व कर्मचारियों पर घूसखोरी तक के आरोप भी लगाए।
अब प्रकरण समय से निस्तारित हों और लोगों को विभाग के चक्कर न काटने पड़ें, इसलिए शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते दिनों इसे लागू करने संबंधी निर्देश भी उच्च अधिकारियों को दे चुके हैं।तय होगी जवाबदेही, लापरवाही पर होगी कार्रवाईिसटीजन चार्टर लागू होने के बाद अफसरों और कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। हर प्रकरण के निस्तारण का एक समय निर्धारित किया जाएगा। यदि तय समय पर प्रकरण निस्तारित नहीं हुआ तो संंबंधित पटल सहायक की जवाबदेही तय की जाएगी।
यह पहला मौका नहीं है जब शिक्षा भवन स्थित डीआईओएस कार्यालय में सिटीजन चार्टर लागू हो रहा है। इससे पहले वर्ष 2012 और 2015 में जिला विद्यालय निरीक्षक उमेश कुमार त्रिपाठी ने इसे लागू किया था। लेकिन कुछ दिन बाद ही यह कागजों में सिमट कर रह गया। नतीजा, शिक्षकों से लेकर आम जनता अपनी समस्याओं के लिए विभाग के चक्कर लगाने को मजबूर हो जाए।शिक्षा विभाग में सिटीजन चार्टर सख्ती से लागू कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बधाई के पात्र हैं। क्योंकि माध्यमिक शिक्षा विभाग हो या बेसिक। कोई काम बिना पैसे के नहीं होता। कोई पत्रावली रिसीव नहीं करता तो कोई उसे आगे नहीं बढ़ाता। लिहाजा पत्रावली महीनों लंबित पड़ी रहती हैं। इसमें शिक्षक प्रभावित होता है। सिटीजन चार्टर को सख्ती से लागू कराया जाना जरूरी है।
कार्यालय में सिटीजन चार्टर लागू किए जाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसमें हर पटल सहायक की जिम्मेदारी तय होगी। जो भी पत्रावली आएगी, उसका समयबद्घ निस्तारण जरूरी होगा। इसमें लापरवाही बरतने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।उमेश कुमार त्रिपाठी, डीआईओएस लखनऊ
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