नि:शक्त बच्चों के अनुकूल होंगे अब सरकारी विद्यालय, दिव्यांग बच्चों को सामान्य वातावरण में पठन-पाठन के अवसर देने के मकसद से स्कूलों के निर्माण में सुधार होगा
इलाहाबाद : सरकारी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल नि:शक्त बच्चों के अनुकूल होंगे। समेकित शिक्षा को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सामान्य वातावरण में पठन-पाठन के अवसर देने के मकसद से स्कूलों के निर्माण में सुधार होगा। स्कूलों के भवन, क्लासरूम, टॉयलेट, हैंडपंप या नल आदि को इस प्रकार डिजाइन किया जाएगा कि दिव्यांग बच्चों को वहां तक पहुंचने में कोई तकलीफ न हो।
इसके लिए यूनीसेफ व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रलय के नि:शक्तजन सशक्तीकरण विभाग की ओर से गाइडलाइन तैयार की गई है। इसके संबंध में जानकारी देने और विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्कूलों में सुगम्य वातावरण निर्माण करने के लिए जिला समन्वयक निर्माण की दो दिवसीय दो कार्यशाला क्रमश: पांच, छह और सात व आठ सितंबर को लखनऊ में होगी। इस संबंध में जिला समन्वयक समेकित शिक्षा की एकदिनीकार्यशाला 25 जुलाई को हो चुकी है।
सर्व शिक्षा अभियान की अपर परियोजना निदेशक राजकुमारी वर्मा ने 28 अगस्त को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर जिला समन्वयकों को कार्यशाला में प्रतिभाग करने के निर्देश दिए हैं। पहले से चल रहे स्कूलों में जल्द ही रैम्प, हैंडल लगाने आदि का काम शुरू होगा।जिले में साढ़े छह हजार से अधिक दिव्यांग बच्चे : जिले में साढ़े छह हजार से अधिक दिव्यांग बच्चे हैं। हाउस होल्ड सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद में 2477 प्राइमरी व 1001 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमें क्रमश: 639898 व 411525 बच्चे हैं। प्राइमरी में 3587 व जूनियर हाईस्कूलों में 3150 बच्चे विशेष आवश्यकता वाले हैं।
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