अधिकारियों की मनमानी पर सरकार का चाबुक, नियुक्तियों के फर्जीवाड़े में तीन बीएसए व एक डीआइओएस निलंबित, रोक के बावजूद उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्ति का आरोप
लखनऊ : प्रदेश सरकार ने नियुक्तियों के फर्जीवाड़े में तीन बीएसए व एक डीआइओएस को निलंबित कर दिया है। इन चारों अफसरों पर कार्रवाई कानपुर देहात में तैनाती के दौरान उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति को लेकर की गई है। इन अफसरों ने रोक के बावजूद पांच उच्चीकृत जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक के पद पर नियुक्तियां कर दी थीं।
दरअसल, नियम यह है कि जब भी जूनियर हाईस्कूल उच्चीकृत होकर हाईस्कूल या इंटरमीडिएट में तब्दील होते हैं तो वहां प्रधानाध्यापक का पद समाप्त हो जाता है। इस पर नियुक्तियां नहीं की जाती हैं। इसके बावजूद कानपुर देहात के पांच उच्चीकृत अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्तियां कर दी गईं थीं। मामले में प्रदेश सरकार ने कानपुर देहात के बीएसए पवन कुमार, तत्कालीन डीआईओएस नन्दलाल यादव (वर्तमान में फीरोजाबाद डायट के प्राचार्य), तत्कालीन बीएसए रामसागर पति त्रिपाठी (वर्तमान में बीएसए गोरखपुर) व सच्चिदानंद यादव (वर्तमान में बीएसए फीरोजाबाद) को निलंबित कर दिया।
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