मीडिया रिपोर्ट्स के बाद फर्म को 17 हजार जूते वापसी का फरमान, गुणवत्ता की जांच के लिए सैम्पल लैब भेजे गए
मीडिया रिपोर्ट्स के बाद फर्म को 17 हजार जूते वापसी का फरमान, गुणवत्ता की जांच के लिए सैम्पल लैब भेजे गए
लखनऊ : परिषदीय विद्यालयों में भेजे गए गड़बड़ जूते वापस होंगे। वहीं उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल संग्रह कर लैब भेजा गया है। साथ ही स्कूलों से दो जोड़ी की जगह एक जोड़ी मोजा ही बच्चों को देने पर जवाब-तलब किया गया है।
दरअसल, दैनिक जागरण की टीम ने बुधवार को स्कूलों का भ्रमण कर बच्चों को मुहैया कराए गए जूते-मोजे की स्थिति की पड़ताल की। ऐसे में तमाम बच्चों को जहां जूते नहीं मिले, वहीं मोजा दो जोड़ी के बजाय एक ही जोड़ी देने का मामला पकड़ा। ऐसे में गुरुवार को ‘गुरु जी के गले पड़ा बच्चों का जूता-मोजा’ शीर्षक से खबर प्रकाशित कर वितरण प्रक्रिया की करतूतों को उजागर किया। वहीं अप्रैल में शुरू हुए सत्र के महीनों बीतने के बावजूद बच्चों को नंगे पैर स्कूल आने को लेकर अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए।
लिहाजा, बीएसए डॉ. अमरकांत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्कूलों में अनफिट जूतों का ब्योरा तलब किया। शाम तक कार्यालय में जूतों की रिपोर्ट तैयार की गई। ऐसे में स्कूलों से 17 हजार जोड़ी गड़बड़ जूते भेजने का खुलासा हुआ। इन जूतों का साइज बच्चों के लिए ठीक नहीं था।
■ सात दिन में भेजें नए जूते
बीएसए डॉ. अमरकांत ने संबंधित फर्म को 17 हजार जोड़ी जूते तुंरत वापस लेने का फरमान सुनाया। साथ ही संबंधित स्कूलों के बच्चों को सात दिन में तय नंबर के जूते उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
■ गुणवत्ता की भी होगी जांच
बीएसए डॉ. अमरकांत के मुताबिक फर्म द्वारा सप्लाई किए गए हर नंबर के जूतों का सैंपल संग्रह किया गया है। सत्यापन के बाद उनकी गुणवत्ता की जांच के करीब 40 सैंपल लैब भेजे गए हैं। यदि जांच में गुणवत्ता खराब मिली तो फर्म पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
■ पूछा, क्या हुआ एक जोड़ी मोजा ?
बीएसए डॉ. अमरकांत ने जनपद के सभी स्कूलों में शत-प्रतिशत बच्चों को दो जोड़ी मोजा वितरण का दावा किया। वहीं जागरण के खुलासे के बाद एक ही जोड़ी मोजा दिए जाने पर स्कूल शिक्षक व खंड शिक्षा अधिकारी से जवाब-तलब किया है। उनसे छह अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी गई है। उन्होंने पूछा बच्चों का एक जोड़ी मोजा क्या हुआ।
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