अभिभावक सरकारी स्कूल की कर सकेंगे शिकायत, प्रेरणा एप लागू करने के बाद अब अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाने की बारी
अभिभावक सरकारी स्कूल की शिकायत कर सकेंगे
07 Sep 2019
अब अभिभावक भी सीधे सरकार को बता सकेंगे कि किस स्कूल में मिड डे मील में धांधली हो रही है या फिर किताबें देर से पहुंच रही हैं। सरकारी स्कूलों के लिए प्रेरणा एप लांच करने के बाद अब अभिभावकों से लैस विद्यालय प्रबंध समितियों को भी इससे जोड़ा जाएगा। एप को चलाने के लिए इन्हें न केवल अधिकारी प्रशिक्षण देंगे बल्कि हर ब्लॉक में वीडियो वैन भी चलाई जाएगी।
पांच सितम्बर से यूपी के सरकारी स्कूलों में प्रेरणा एप लागू करने के बाद अब बारी अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाने की है। शिक्षा का अधिकार कानून लागू होने के बाद हर स्कूल में 15 सदस्यीय विद्यालय प्रबंध समितियां (एसएमसी) बनाई गई हैं। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत 11 सदस्य अभिभावक होते हैं। चूंकि ज्यादातर अभिभावक ज्यादा पढ़े-लिखे या टेक्नोलॉजी से परिचित नहीं होते तो इन्हें प्रशिक्षित करने की योजना है।
हर ब्लॉक में दो वीडियो वैन भी चलेंगी: स्कूल की विभिन्न योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए प्रेरणा एप लागू किया गया है। इससे अभिभावकों को जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी व अन्य अफसर एसएमसी की दो बैठकों में भाग लेंगे और प्रेरणा एप का प्रशिक्षण देंगे। इसमें अध्यापकों की भी मदद ली जा सकती है। हर ब्लॉक में दो वीडियो वैन भी चलाने की भी योजना है जिसमें प्रेरणा एप के अलावा अन्य सरकारी योजनाओं की जानकारी भी जाएगी। इसके अलावा जानकारीयुक्त ब्रोशर भी बांटे जाएंगे। पंचायत सदस्यों और जनसहभागिता को भी बढ़ाया जाएगा। पूरे प्रदेश में एसएमसी का प्रशिक्षण तीन महीने के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
हर महीने पहले बुधवार को होगी एसएमसी की बैठक: एसएमसी की बैठक महीने के पहले बुधवार को होगी। इसके अध्यक्ष या उपाध्यक्ष स्कूल से संबंधित कोई भी रिपोर्ट इस पर डाल सकते हैं और फोटो भी अपलोड कर सकेंगे। महीने की बैठक का भी ब्यौरा एप पर डालना होगा। यदि बच्चों की उपस्थिति 60 फीसदी से कम है तो एसएमसी भी अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेगी। वहीं स्कूल में नि:शुल्क पाठ्य पुस्तक, मिड डे मील, जूता-मोजा आदि समय से बंटा या नहीं, बंटने से संबंधित कोई शिकायत तो वह भी इस एप से बताया जा सकेगा।
अभिभावक सरकारी स्कूल की कर सकेंगे शिकायत, प्रेरणा एप लागू करने के बाद अब अभिभावकों की सहभागिता बढ़ाने की बारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:13 AM
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