भविष्य के प्रशासकों, योजनाकारों, शिक्षकों, स्कूलों आदि से सीखने के लिए कोविड-19 पर प्रतिक्रिया सम्बन्धी मानव हित की कहानियों का दस्तावेज तैयार करने के सम्बन्ध में।
भविष्य के प्रशासकों, योजनाकारों, शिक्षकों, स्कूलों आदि से सीखने के लिए कोविड-19 पर प्रतिक्रिया सम्बन्धी मानव हित की कहानियों का दस्तावेज तैयार करने के सम्बन्ध में।
बच्चों की कहानियों को समाज के लाभ के लिए दस्तावेज के तौर पर रखा जाएगा सुरक्षित
■ बच्चों को लिखनी होंगी कोरोना काल में बेहतर कार्यो पर आधारित कहानियां
■ कक्षा तीन से 12वीं तक के विद्यार्थी ले सकेंगे प्रतियोगिता में हिस्सा
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूली बच्चों के लिए मानव रुचि पर आधारित स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता शुरू की है। इसमें बोर्ड के अधीन संचालित स्कूलों के तीसरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। इस संबंध में सभी स्कूलों को पत्र जारी करते हुए बोर्ड ने कहा है कि विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई इन कहानियों को भविष्य में समाज के लाभ के लिए दस्तावेज के तौर पर सुरक्षित रखा जाएगा।
स्टोरी टेलिंग प्रतियोगिता के तहत तीसरी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को कोरोना काल में शिक्षा के लिए बेहतर कार्य करने, तकनीकी का प्रयोग करने वाले शिक्षक, विद्यार्थी, सरकारी कर्मचारी, अभिभावक या स्वयंसेवी के प्रयासों पर आधारित कहानी लिखनी होगी। सीबीएसई के डायरेक्टर (एकेडमिक्स) जोसेफ इमेनुअल ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि स्कूल स्तर पर यह प्रतियोगिता 16 फरवरी तक करानी होगी। बोर्ड ने प्रतियोगिता के लिए चार श्रेणियां निर्धारित की है।
पहली श्रेणी में कक्षा तीन से पांच, दूसरी श्रेणी में कक्षा छह से आठ, तीसरी श्रेणी में कक्षा नौ, दस व चौथी श्रेणी में कक्षा 11 और 12 के विद्यार्थी भाग ले सकेंगे। कहानी अंग्रेजी में लिखनी होगी। इसकी शब्द संख्या 600 से 650 शब्द तक होगी। इसकी भाषा पाठकों को भावानात्मक रूप से जोड़ने वाली होनी चाहिए।
कहानियों के लिए पांच तरह की थीम
● प्रतिकूल परिस्थितियों में काबू पाने वाला व्यक्ति
● बलिदानी और कर्तव्यपरायण व्यक्ति
● चुनौतीपूर्ण स्थिति का रचनात्मक समाधान
● मजेदार कहानी
● नवाचारों के जरिए दूसरों की मदद
भविष्य के प्रशासकों, योजनाकारों, शिक्षकों, स्कूलों आदि से सीखने के लिए कोविड-19 पर प्रतिक्रिया सम्बन्धी मानव हित की कहानियों का दस्तावेज तैयार करने के सम्बन्ध में।
Reviewed by sankalp gupta
on
7:48 AM
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