इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला : बच्चे के जन्म के बाद भी महिला ले सकती है मातृत्व अवकाश, देखें कोर्ट आर्डर
इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला : बच्चे के जन्म के बाद भी महिला ले सकती है मातृत्व अवकाश, देखें कोर्ट आर्डर
बच्चे के जन्म के बाद भी मातृत्व अवकाश का हक – हाईकोर्ट
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि महिला कर्मचारी बच्चे को जन्म देने के बाद भी मातृत्व अवकाश पाने की हकदार है। उसे मातृत्व अवकाश का लाभ देने से इस आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता कि बच्चे का जन्म हो चुका है और उसके पास चाइल्ड केयर लीव लेने का विकल्प मौजूद है। कोर्ट ने कहा कि मातृत्व अवकाश एवं चाइल्ड केयर लीव अलग-अलग लाभ हैं और उनके उद्देश्य भी अलग-अलग हैं। महिला कर्मचारी को ये दोनों लाभ पाने का अधिकार है।
यह आदेश न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने एटा की सहायक अध्यापिका सरोज कुमारी की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है। मामले के तथ्यों के अनुसार याची ने बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा के समक्ष मातृत्व अवकाश के लिए आवेदन किया था। बीएसए ने 14 नवंबर 2022 को यह कहते हुए उसका आवेदन खारिज कर दिया कि याची के बच्चे का जन्म हो चुका है और उसके पास चाइल्ड केयर लीव का विकल्प उपलब्ध है इसलिए अब उसे मातृत्व अवकाश नहीं दिया जा सकता। इस आदेश को याचिका में चुनौती दी गई थी।
कोर्ट ने पक्षकारों की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि मातृत्व अवकाश बच्चे के जन्म के बाद भी लिया जा सकता है।
कोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एटा के बच्चे का जन्म होने के बाद मातृत्व गई थी। अवकाश देने से इन्कार करने के आदेश को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया है और प्राइमरी स्कूल हीरापुर की प्रधानाध्यापिका याची को बकाया सहित नियमित वेतन भुगतान करने का निर्देश की । दिया है। कोर्ट ने बीएसए को दो हफ्ते में आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।
बीएसए ने कहा था कि बच्चे के जन्म के बाद मातृत्व अवकाश नहीं मिलेगा, याची चाइल्ड केयर अवकाश ले सकती है। जब कि याची ने 180 दिन का मातृत्व अवकाश मांगा था। इस मांग को खारिज करने की वैधता को याचिका में चुनौती दी
यह फैसला न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव ने सरोज कुमारी की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बहस की।
इनका कहना था कि मैटर्निटी बेनिफिट एक्ट के तहत महिला को बच्चे के जन्म से पहले व बाद में मातृत्व अवकाश लेने का अधिकार है। यह संसद द्वारा पारित कानून है। बीएसए ने कानून को समझने में गलती की है और वेतन रोकने का आदेश भी अवैध है। कानून के तहत याची को मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार है। वह मातृत्व व चाइल्ड केयर अवकाश दोनों ले सकती है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए बीएसए एटा के आदेश को रद्द कर दिया।
कोर्ट आर्डर 👇
इलाहाबाद हाईकोर्ट का अहम फैसला : बच्चे के जन्म के बाद भी महिला ले सकती है मातृत्व अवकाश, देखें कोर्ट आर्डर
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
on
5:40 AM
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