प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों के चयन की कसौटी ग्राम शिक्षा समिति द्वारा प्रथम संविदा पर उनकी नियुक्ति की तारीख

स्नातक शिक्षामित्रों को दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी ट्रेनिंग देने का पहला चरण अगस्त से शुरू होने की संभावना है। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अपने जिले में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के स्नातक शिक्षामित्रों के चयन के लिए विज्ञापन प्रकाशित करेंगे, जिसमें आवेदन का प्रारूप भी निर्धारित होगा। प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों के चयन की कसौटी ग्राम शिक्षा समिति द्वारा प्रथम संविदा पर उनकी नियुक्ति की तारीख होगी। संविदा पर पहले नियुक्त किये गए शिक्षामित्र को पहले और तिथि क्रम में बाद में तैनाती पाने वाले को ट्रेनिंग के लिए बाद में चुना जाएगा।

शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देने के कैबिनेट के फैसले के बाद जारी शासनादेश के मुताबिक....

  • यदि कई शिक्षामित्रों की संविदा की तिथि एक ही हो तो हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और स्नातक परीक्षाओं के प्रतिशत के योग में अधिक अंक पाने वाले शिक्षामित्र का चयन पहले किया जाएगा। 
  • यदि प्रथम संविदा की तिथि और हाईस्कूल, इंटर व स्नातक परीक्षाओं के प्रतिशत का योग भी बराबर हो तो अधिक अर्हता वाले शिक्षामित्र को वरीयता दी जाएगी। 
  • यदि अर्हता भी समान हो तो अधिक आयु वाले अभ्यर्थी को चयन में वरीयता दी जाएगी। 
  • यदि आयु भी समान हो तो ऐसी स्थिति में अंग्रेजी वर्णमाला के क्रम में नाम के अनुसार वरीयता दी जाएगी। 
  • शिक्षामित्रों के चयन में राज्य सरकार के आरक्षण संबंधी नियम लागू होंगे। 
  • चयन में अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अन्य आरक्षित वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण के प्रतिशत का ख्याल रखते हुए इन वर्गों के लिए अलग-अलग सूची तैयार की जाएगी।
  • इस प्रक्रिया के अनुसार चुने गए शिक्षामित्रों की सूची विकासखंड स्तर पर ब्लॉक संसाधन केंद्र (बीआरसी) और नगर क्षेत्र में नगर शिक्षा संसाधन केंद्र (यूआरसी) पर तैयार की जाएगी। 
  • प्रशिक्षण के लिए उन्हीं शिक्षामित्रों को चुना जाएगा, जो संविदा की तिथि के बाद से लगातार स्कूल में संतोषजनक ढंग से पढ़ा रहे हों। 

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा तय की गई व्यवस्था के अनुसार शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण की पूरी अवधि में न्यूनतम 300 संपर्क घंटे (कॉन्टैक्ट आवर्स) निर्धारित किये जाएंगे। इसमें एकेडमिक काउन्सिलिंग के लिए 144 घंटे, कार्यशाला 24 दिन, विद्यालय आधारित क्रियाकलाप के लिए 15 अध्ययन घंटे और क्रियात्मक प्रशिक्षण के लिए 80 अध्ययन घंटे निर्धारित करना अनिवार्य होगा। 

शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) समय-समय पर बीआरसी/यूआरसी पर पाठ्यसामग्री उपलब्ध करायेगा। बीआरसी के समन्वयक संपर्क कार्यक्रमों को संचालित करने के लिए उत्तरदायी होंगे और समय-समय पर एससीईआरटी को प्रशिक्षण की प्रगति से अवगत करायेंगे। समन्वयक को इस कार्य के लिए प्रतिवर्ष 18 हजार रुपये की दर से अतिरिक्त मानदेय का भुगतान किया जाएगा। 

प्रशिक्षण केंद्रों पर रखे जाने वाले सात विषय विशेषज्ञ निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण देंगे और उनका मूल्यांकन भी करेंगे। विषय विशेषज्ञ बीटीसी या बीएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी होंगे जिन्हें ब्लाक या नगर क्षेत्र में उपलब्धता व श्रेष्ठता के आधार पर चुना जाएगा। प्रत्येक विषय विशेषज्ञ को 12 हजार प्रति वर्ष अतिरिक्त मानदेय मिलेगा। कॉन्टैक्ट प्रोग्राम की अवधि में विषय विशेषज्ञों की कमी होने पर अतिथि प्रवक्ता के रूप में विश्वविद्यालय या इंटरमीडिएट या हाईस्कूल के प्रधानाचार्यों को निश्चित मानदेय पर तीन बार आमंत्रित किया जा सकता है।
प्रशिक्षण के लिए शिक्षामित्रों के चयन की कसौटी ग्राम शिक्षा समिति द्वारा प्रथम संविदा पर उनकी नियुक्ति की तारीख Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 6:00 AM Rating: 5

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