परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के संबंध में नए निर्देश जारी
परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर जोर
• अभियान चलाकर 10 प्रतिशत तक करेंगे बढ़ोतरी
• विद्यालयों को टोलियां बनाकर प्रचार करने के निर्देश दिए
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। नया शैक्षिक सत्र शुरू हो चुका है और अब अभियान चलाकर न्यूनतम 10 प्रतिशत तक छात्र संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। स्कूलों में स्मार्ट क्लास और इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई गई हैं। संसाधनों के बढ़ने से बीते करीब छह वर्षों में 40 लाख विद्यार्थी भी बढ़े हैं। अब कुल छात्रों की संख्या 1.92 करोड़ है।
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से प्रत्येक परिषदीय स्कूल में स्कूल चलो अभियान के तहत छह वर्ष की आयु पूरी कर चुके बच्चों का कक्षा एक में प्रवेश कराने के निर्देश दिए गए हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों का प्री-प्राइमरी में दाखिला कराया जाएगा। बीते दिनों सभी जिलों से छात्र संख्या की जो रिपोर्ट यू-डायस व प्रेरणा पोर्टल के माध्यम से मांगी गई थी उसमें 24 लाख विद्यार्थियों का ब्योरा नहीं था। ऐसे में ढंग से विद्यार्थियों के बारे में सूचना न उपलब्ध कराने पर भी नाराजगी जताई गई है।
कई विद्यालयों ने विभिन्न कक्षाओं की छात्र संख्या देने में लापरवाही बरती, यह मामला भी सामने आ रहा है। फिलहाल स्कूल चलो अभियान के लिए विद्यालयों को टोलियां बनाकर प्रचार करने के निर्देश दिए गए हैं।
नए सत्र में डिजिटल उपस्थिति पर फिर होगी सख्ती, DGSE ने नए सत्र को लेकर जारी किए निर्देश
कक्षा छह से आठ के लिए रेमेडियल कक्षाएं भी होंगी
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक अप्रैल से नया सत्र 2024-25 शुरू हो गया है। नए सत्र में विद्यालयों में एक दर्जन रजिस्टर के डिजिटलीकरण को लेकर फिर सख्ती की जाएगी, जिसमें डिजिटल उपस्थिति भी शामिल है। बेसिक शिक्षा विभाग इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगा। पहले चरण में छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति व मिड-डे मील का रियल टाइम अपडेशन किया जाएगा।
नए सत्र को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से परिषदीय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
महानिदेशक ने कहा है कि मिड-डे मील व छात्र उपस्थिति पंजिका का विद्यालयों में डिजिटल प्रयोग सुनिश्चित कराया जाए। स्कूलों में स्मार्ट क्लास व आईसीटी लैब की स्थापना की गई है। इसका बेहतर प्रयोग सुनिश्चित किया जाए। इसी क्रम में कक्षा छह से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लासेस हों। विज्ञान व अंग्रेजी विषय की संदर्शिकाओं के अनुसार शिक्षण व अभ्यास कराया जाए।
विभिन्न शैक्षणिक सामग्री बिग बुक्स, पिक्चर स्टोरी कार्ड, पोस्टर्स, लाइब्रेरी की किताबों, टीएलएम, मैथ्स किट, शैक्षणिक वीडियो का प्रयोग पढ़ाई में किया जाए।
उन्होंने सभी बीएसए व डायट प्राचार्य को यह भी निर्देश दिए कि बच्चों की नियमित व शत-प्रतिशत उपस्थिति के लिए अभिभावकों से संवाद किया जाए। शिक्षक संकुल की मासिक बैठक निर्धारित एजेंडा के अनुसार आयोजित करें। बैठक में सभी शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा है कि बीईओ, जिला समन्वयकों, एसआरजी, एआरपी, प्रधानाध्यापकों से समन्वय स्थापित कर निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करें।
कमजोर विद्यार्थियों के लिए लगेंगी उपचारात्मक कक्षाएं, DGSE ने जारी किए गुणवत्ता से जुड़े 10 सूत्रीय निर्देश
नए सत्र में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी कई उपाय करने के निर्देश, DGSE ने जारी किया पत्र
नए शैक्षिक सत्र में भी नहीं दर्ज हो पा रही आनलाइन उपस्थिति
• महानिदेशालय की ओर से फिर जारी किए गए आदेश
• कमजोर विद्यार्थियों के लिए लगेंगी उपचारात्मक कक्षाएं
लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में नए शैक्षिक सत्र में भी आनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं हो पा रही है। बीते नौ दिनों में किसी भी छात्र की कक्षा में उपस्थिति आनलाइन दर्ज नहीं की गई। मिड-डे मील खाने वाले छात्रों का भी आनलाइन ब्योरा नहीं दिया गया। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय की और से फिर से शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति दर्ज करने की चेतावनी दी गई है। वहीं, नए सत्र में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए भी सख्त उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।
अभी तक स्कूलों में कुल 2.09 लाख टैबलेट भेजे गए हैं, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों की आनलाइन उपस्थिति दर्ज की जानी है। अभी भी तमाम विद्यालयों में शिक्षकों ने सिमकार्ड नहीं खरीदे हैं। फिलहाल टैबलेट अभी भी डिब्बे के बाहर नहीं निकल पाए हैं। नए सत्र में प्रत्येक कक्षा में कमजोर विद्यार्थियों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
कमजोर विद्यार्थियों के लिए अलग से उपचारात्मक (रेमेडियल) कक्षाएं चलाई जाएंगी। विद्यालयों में पुस्तकालय व रीडिंग कार्नर का नियमित उपयोग पर जोर दिया जाएगा। यह निर्देश है कि विभिन्न विषयों की संदर्शिका का अनिवार्य रूप से प्रयोग किया जाए। ऐसे विद्यालय जहां पर स्मार्ट क्लास व इनफार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनकर तैयार हैं, उसे शुरू किया जाए। महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सख्त निर्देश दिए हैं कि अगर निरीक्षण के दौरान शिक्षक गायब मिलें तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण के संबंध में नए निर्देश जारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:17 AM
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