सर्व शिक्षा अभियान : बी आर सी/एन पी आर सी
ब्लाक
स्तर पर ब्लाक संसाधन केन्द्र ( बीआरसी) तथा समष्टि/ समूह ( क्लस्टर) स्तर
पर न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र ( एनपीआरसी) नियमित रूप से शैक्षिक समर्थन
प्रदान कर रहे हैं, अध्यापक प्रशिक्षण संचालित कर रहे हैं, कार्यशालाओं,
बैठकों तथा समकक्षीय शिक्षा के केंद्र के साथ- साथ उत्कृष्ट व्यवहार की
सहभागिता का अनुश्रवण कर रहे हैं।
पूर्व में सहायक बेसिक शिक्षा
अधिकारी के उत्तरदायित्वों में शैक्षिक स्तर का निरीक्षण एवं गुणवत्तापूर्ण
शिक्षा स्तर सुनियोजित करना था। किन्तु विद्यालयों की संख्या एवं छात्रों
के पंजीयन में एकाएक वृद्धि हो जाने के कारण शैक्षिक जगत की स्थितियां
बेसिक शिक्षा अधिकारी के नियन्त्रण शक्ति से परे होने लगीं, जिसके फलस्वरूप
शिक्षा जगत में संकट की स्थितियां उत्पन्न हो गयीं। अतः ऐसी असामान्य
स्थिति के संशोधन हेतु कोठारी आयोग ने विद्यालय को समष्टि/ समूह के रूप में
परिकल्पिक करते हुये " विद्यालय क्लस्टर" ( विद्यालय समष्टि) की अवधारणा
के आधार पर प्रत्येक विद्यालय में एक " समिती" गठन का परामर्श दिया, ताकि
शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्या अर्जन की उपलब्धियों में अभिवृद्धि हो सके।
उ0 प्र0 बेसिक परियोजना के अन्तर्गत डीआईईटीएस (DIETs) का उत्तरदायित्व
जनपद स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में अभिवृद्धि करना एवं शैक्षिक
गतिविधियों को द्रुत गति प्रदान करना है। ब्लाक स्तर पर ब्लाक संसाधन
केन्द्र एवं एनपीआरसी स्तर पर न्याय पंचायत संसाधन केन्द्र शैक्षिक
गतिविधियों को समर्थन देने, अध्यापकों एवं विद्यालयों का मार्गदर्शन करने
एवं विद्यालय स्तर पर वैविध्यपूर्ण गुणवत्ता अभिवृद्धि हेतु प्रबन्धन में
हस्तक्षेप करने के उद्देष्य से स्थापित किये गये हैं। परियोजना के अन्तर्गत
एनपीआरसी कोठारी आयोग के विद्यालय समष्टि/ समूह ( विद्यालय क्लस्टर) की
परिकल्पना को अभिव्यक्त करते हैं।
पदों का सृजनपरियोजना
उत्तरदायित्वों को बीआरसी / एनपीआरसी की दिन - प्रतिदिन की गतिविधियों के
अनुकूल क्रियान्वित किये जाने हेतु बीआरसी समन्वयक एवं एनपीआरसी समन्वयक के
पद सृजित किये गये हैं। बीईपी अर्थात् बेसिक शिक्षा परियोजना में मात्र एक
बीआरसी समन्वयक का पद था किन्तु डीपीईपी - ।। अर्थात् जनपदीय प्राथमिक
शिक्षा परियोजना श्रृंखला - दो में बीआरसी समन्वयक पद के साथ ही सहायक
बीआरसी - समन्वयक का पद भी सृजित किया गया जबकि डीपीईपी - ।।। में बीआरसी
स्तर पर इन पदों के साथ ही दो सहायक समन्वयकों के पद भी सृजित किये गये।
सम्प्रति परियोजना अनुमोदन परिषद द्वारा, बीआरसी / एनबीआरसी के ढ़ांचे को
सुदृढ़ीकृत करने हेतु जीओआई के विद्यमान मानकों को परिवर्तित किया गया है
तथा विषयवार प्रशिक्षण हेतु छः ब्लाक संसाधन व्यक्तियों हेतु विषिष्ट
प्रशिक्षण के साथ - साथ सीडब्लूएसएन हेतु एक-२ संसाधन व्यक्ति , की
व्यवस्था की गयी तथा एमआईएस प्रभारी एवं एक लेखाकार कम सहयोगी कर्मी भी रखा
गया ताकि सभी कार्यक्रमों का क्रियान्वयन हो सके। हेतु विशिष्ट प्रशिक्षण के
चयन प्रक्रिया
बीआरसी- समन्वयक एवं एनपीआरसी- समन्वयक की भूमिका मुख्यतः शैक्षिक है। उनके द्वारा शैक्षिक एवं सह- पाठ्यक्रम गतिविधियों का संचालन किया जाता है, अध्यापकों हेतु ' मानक- पाठ' प्रस्तुत किया जाता है एवं पठन- पाठन हेतु स्थानीय रूप से उपलब्ध न्यूनतम लागत वाले टी0 एल0 एम0 विकसित किये जाते हैं। उनके द्वारा पठन- पाठन को सुविधापूर्ण बनाने हेतु अनुकूल वातावरण सृजित किया जाता है एवं उनके द्वारा बच्चों के विद्या अर्जन की अभिवृद्धि हेतु अध्यापकों को मार्गदर्षन दिया जाता है। इस प्रकार से बीआरसी- समन्वयक एवं एनबीआरसी- समन्वयक की महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं के दृष्टिगत उनका चयन सावधानी के साथ किया जाना आवश्यक है। इस प्रकार से बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों के चयन हेतु सुनियोजित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार प्राविधानित किया गया है।
चयन प्रक्रिया
बीआरसी- समन्वयक एवं एनपीआरसी- समन्वयक की भूमिका मुख्यतः शैक्षिक है। उनके द्वारा शैक्षिक एवं सह- पाठ्यक्रम गतिविधियों का संचालन किया जाता है, अध्यापकों हेतु ' मानक- पाठ' प्रस्तुत किया जाता है एवं पठन- पाठन हेतु स्थानीय रूप से उपलब्ध न्यूनतम लागत वाले टी0 एल0 एम0 विकसित किये जाते हैं। उनके द्वारा पठन- पाठन को सुविधापूर्ण बनाने हेतु अनुकूल वातावरण सृजित किया जाता है एवं उनके द्वारा बच्चों के विद्या अर्जन की अभिवृद्धि हेतु अध्यापकों को मार्गदर्षन दिया जाता है। इस प्रकार से बीआरसी- समन्वयक एवं एनबीआरसी- समन्वयक की महत्त्वपूर्ण भूमिकाओं के दृष्टिगत उनका चयन सावधानी के साथ किया जाना आवश्यक है। इस प्रकार से बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों के चयन हेतु सुनियोजित चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार प्राविधानित किया गया है।
ब्लाक संसाधन केन्द्र बीआरसी - समन्वयक के चयन हेतु एबीएसए, जिला समन्वयक ( प्रशिक्षण ) एवं डीआईईटी के प्रतिनिधि के समन्वित प्रयासों से सम्बन्धित बीआरसी पर विविध कार्यशालायें आयोजित की जाती हैं। इच्छुक अध्यापक को इन कार्यशालायें में आमंत्रित किया जाता है और उनकी स्क्रीनिंग परीक्षायें सम्पन्न की जाती हैं। अभ्यर्थियों से सम्बन्धित डीआईईटी के अनुसार आवेदन पत्र माँगा जाता है सूचीकृत किया गया। समस्त बीआरसी से चयनित सूचीकृत अभ्यर्थियों के नामांकन प्राप्त होने के पश्चात् उन्हें लिखित परीक्षा हेतु आमंत्रित किया गया। यह लिखित परीक्षा अभ्यर्थियों के विषय सम्बन्धी ज्ञान, उनकी अध्यापन प्रणाली , बच्चों के प्रति उनकी अभिरूचि एवं आचार - व्यवहार और दिन - प्रतिदिन की अध्यापन समस्याओं के समाधान में उनकी क्षमता के आंकलन हेतु सम्पन्न की जाती है। लिखित परीक्षा के संचालन हेतु निम्नांकित सदस्यों वाली समिति गठित की गयी है-
प्राचार्य डीआईईटी | अध्यक्ष |
विशेषज्ञ बी0 एस0 ए0 | सदस्य - सचिव |
उपप्राचार्य, डीआईईटी | उपाध्यक्ष |
वरिष्ठ प्रवक्ता, डीआईईटी | सदस्य |
उप बेसिक शिक्षा अधिकारी | सदस्य |
अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ जाने की स्थिति में अन्य डीआईईटी संकायों से
सहयोग प्राप्त किया जाता है। 60 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले
अभ्यर्थियों को 30-30 की टोली में कार्यशाला में सहभागिता हेतु आहूत किया
जाता है। यह कार्यशाला अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिरूचि, उनके पारस्परिक
सूचना आदान- प्रदान कौषल, उनके आचार व्यवहार और उनके समय- प्रबन्धन के सूझ-
बूझ के आंकलन के उद्देश्य से आयोजित की जाती है। अभ्यर्थियों को उनके
व्यक्तित्व एवं अभिरूचि परीक्षण सम्बन्धी साक्षात्कार हेतु भी आमंत्रित
किया गया। चयन प्रक्रिया की पारदर्शिता का सावधानीपूर्वक निर्वाह किया जाता
है। चयनित अभ्यर्थियों की सूची विषेषज्ञ बीएसए के माध्यम से डीआईईटी को
उपलब्ध करायी गयी। समस्त चयनित अभ्यर्थियों को श्रेणी क्रम के अनुसार
सूचीकृत किया गया।
भौतिक एवं वित्तीय संसाधन बीआरसी एवं एन बी पी आर सी के आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु यथेष्ट भौतिक एवं आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराये जा रहे हैं। यथा - इन्हें टी 0 वी 0, वी 0 सी 0 आर 0, जेनरेटर सेट, दृष्य - श्रव्य सामग्री, पुस्तकें, पत्रिकायें, टाट - पट्टी, दरी, कुर्सियां, मेज, अलमारी, आकस्मिकता सामग्री, यात्रा भत्ता एवं दैनिक भत्ता आदि उपलब्ध कराया जा रहा है। इस हेतु वित्त समिति है, एबीएसए समिति के अध्यक्ष हैं जो वित्त समिति के सहयोग से धन व्यय हेतु अधिकृत हैं। इस प्रकार से बीआरसी एवं एनपीआरसी उपयुक्त भवनों में कार्यरत है और समस्त संसाधनों सहित शैक्षिक क्षेत्र का नेतृत्व कर रहे हैं। इन केन्द्रों में संगीत के उपकरण भी स्थापित हैं जिनकी सहायता से बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयक अध्यापकों को ग्रामीण क्षेत्रों में उपयुक्त वातावरण को सृजित करने में सहयोग करते हैं। बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयक महिलाओं व पुरूषों के निमित्त कार्यक्रमों के समाधान हेतु अभियान का भी प्रबन्धन कर सकते हैं। इस प्रकार से बीआरसी एवं एनपीआरसी बच्चों की विद्यार्जन प्रक्रिया एवं उनकी हर क्षेत्र की प्रोन्नति हेतु निरन्तर कार्यरत हैं। बीआरसी / एनपीआरसी समन्वयकों का सशक्तिकरण
परियोजना के उत्तरदायित्वों को बीआरसी/ एनपीआरसी की दिन- प्रतिदिन की गतिविधियों के अनुकूल क्रियान्वित किये जाने हेतु बीआरसी समन्वयक एवं एनपीआरसी समन्वयक के पद सृजित किये गये हैं। बीईपी अर्थात् बेसिक शिक्षा परियोजना में मात्र एक बीआरसी- समन्वयक का पद है किन्तु डीपीईपी- ।। अर्थात् जनपदीय प्राथमिक शिक्षा परियोजना श्रृंखला- दो में बीआरसी- समन्वयक पद के साथ ही सहायक बीआरसी- समन्वयक का पद भी सृजित किया गया है जबकि डीपीईपी- ।।। में बीआरसी स्तर पर इन दो पदों के साथ ही दो सहायक समन्वयकों के पद भी सृजित किये गये हैं। वर्तमान में बी आर सी स्तर पर ७ सह समन्यक कार्य केर रहे है।
क्षमता निर्माण
विद्यालय स्तर पर अध्यापकों के समर्थन हेतु बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयकों का सशक्तिकरण एवं क्षमता निर्माण अति महत्वपूर्ण है। अध्यापकों के आधारभूत प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत इनका "समर्थन" शैली के अन्तर्गत तीन दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यषाला ( व्तपमदजंजपवद) आयोजन भी किया गया। इस प्रशिक्षण योजना में निम्नांकित बिन्दु सम्मिलित थे -
विद्यालय स्तर पर अध्यापकों के समर्थन हेतु बीआरसी एवं एनपीआरसी समन्वयकों का सशक्तिकरण एवं क्षमता निर्माण अति महत्वपूर्ण है। अध्यापकों के आधारभूत प्रशिक्षण योजना के अन्तर्गत इनका "समर्थन" शैली के अन्तर्गत तीन दिवसीय अभिमुखीकरण कार्यषाला ( व्तपमदजंजपवद) आयोजन भी किया गया। इस प्रशिक्षण योजना में निम्नांकित बिन्दु सम्मिलित थे -
- सुनियोजन इस कार्यशाला में समन्वयकों को वार्षिक योजना, त्रैमासिक योजना एवं मासिक योजना विकसित करने के कौषल में प्रषिक्षित किया गया। उन्हें प्रषिक्षण सत्र एवं प्रगति विवरण विकसित करने की भी योजना सिखाई गयी। उन्हें विद्यालय निरीक्षण करने/ अध्यापकों को शैक्षिक समर्थन देने, प्रषिक्षण, बैठक, संगोष्ठी, कार्यशाला, यात्रा, पर्यवेक्षण, अभिलेखीकरण आदि कार्य सम्पन्न करने से सुपरिचित कराया गया। उन्हें योजना मानचित्र ( प्लान चार्ट) से भी सुपरिचित कराया गया, जिससे वे अपनी आगामी कार्यशैली सुनिश्चित कर अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन कर सकें।
- आयोजन ( कार्यक्रमों का क्रियान्वयन )समन्वयकों को कार्यक्रमों के विविध प्रारूपों यथा - कार्य विभाजन, कार्यक्षेत्र, उत्तरदायित्व विकेन्द्रीकरण तथा आयोजनों की प्रणालियों से भी परिचित कराया गया। समन्वयकों को शैक्षिक मार्गदर्शन प्रदान करने की कला एवं किसी भी स्थल पर अप्रत्याशित रूप से पठन- पाठन प्रक्रिया में उत्पन्न होने वाली समस्याओं के समाधान करने के कौशल में भी मार्गदर्शन किया गया। उन्हें अभिलेखों के रख- रखाव, सहभागिता की शैली में कार्य करने, सहयोग प्राप्त करने, सामूहिक कार्य संचालित करने एवं सीमित समय को प्रभावी ढंग से विभाजित करने ( समय प्रबन्धन) के कौषल में भी प्रषिक्षित किया गया।
- प्रबन्धन बीआरसी/ एनपीआरसी केन्द्र समन्वयकों के प्रबन्धन दृष्टिकोण को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से उन्हें "समर्थन" सदृष आधारभूत प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रबन्धन कौशल के विविध आयामों, यथा- निर्णय क्षमता, परिस्थिति आंकलन, धन व समय की अधिकतम उपयोगिता, दिषा- निर्देष प्रदान करने का अनुभव तथा दूसरों से सहयोग प्राप्त करने के कौशल में प्रशिक्षित किया गया। उन्हें नियमों और मानकों के अनुसार प्रषिक्षण सत्र संचालित करने, प्रतिभागियों को प्रशिक्षण सत्र में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करने एवं अतिरेक सम्भाषण वाले वार्ताकारों को प्रतिबन्धित करने (� लाक सिस्टम�) की कार्यवाही हेतु अभिमुख किया गया।
- मूल्यांकन एवं विश्लेषणशैक्षिक गतिविधियों यथा - प्रशिक्षण कार्यशाला , संगोष्ठी, बैठक आदि के आयोजन में बीआरसी/ एनपीआरसी- समन्वयकों की महत्वपूर्ण भूमिका को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें मूल्यांकन प्रक्रिया एवं विश्लेषण प्रणाली में सुविज्ञ करना अति आवश्यक है। इन समन्वयकों को बीआरसी/ एनपीआरसी/ विद्यालय भवनों के भौतिक संरचना के मूल्यांकन/ विष्लेषण के साथ- साथ अध्यापकों के व्यवहार एवं प्रकृति, उनके प्रदर्षन कौशल एवं उनके विषयगत ज्ञान का भी मूल्यांकन समय व परिस्थिति के अनुकूल सद्द: उत्पन्न मति के अनुरूप करना पड़ता है। अतएव आधारभूत प्रशिक्षण के समय मूल्यांकन/ विष्लेषण के मानकों में भी उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। इसलिए शिक्षा- शास्त्र के प्रकाश में डीपीईपी में मूल्यांकन/ विशलेषण के 38 मानक विकसित किये गये। विद्यालयों को ए, बी, सी, डी के अनुक्रम में ग्रेड प्रदान किया जाने लगा। उत्तर प्रदेष शासन के शासनादेष संख्या - इडीयू-5/3759/15.05.2001-346/2001, तिथि 13 सितम्बर, 2001 एवं पुनरीक्षित शासनादेश संख्या-5/4300/15.05.2001-346/2001, तिथि 3 जनवरी, 2002 द्वारा 38 बिन्दु वाले उपरोक्त मानक स्थापित किये गये। इन मानकों की अव्यहारिकता के दृष्टिगत 10 बिन्दु वाले मानक शासनादेष संख्या-5/4082/79- 5-346/2003 तिथि 11 अगस्त, 2003 विद्यालयों के ग्रेडिंग हेतु निर्धारित किये गये। अतएव एनपीआरसी के दायित्वों में � सी� व � डी� ग्रेड वाले विद्यालयों पर अधिक ध्यान देना तथा उन्हें उच्चीकृत किया जा सके। इसी प्रकार से डीआईईटी द्वारा बीआरसी एवं एनपीआरसी की ग्रेडिंग की जाती है।
- अभिलेखीकरण ( प्रगति लेखन )बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों द्वारा अभिलेखीकरण अर्थात् प्रगति लेखन किया जाना आवश्यक है जिससे कि आत्म- मूल्यांकन के आधार पर आगामी कार्य- योजनाओं में उनके गतिविधियों में प्रगति हो सके। इन समन्वयकों को सूक्ष्म, पारदर्शी एवं निष्पक्ष प्रगति लेखन के कौषल में भी प्रषिक्षित किया जाता है।
- संसाधन व्यक्तियों का चिन्हांकन बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों के दायित्वों में संसाधन व्यक्तियों का चिन्हांकन करना भी है। पठन- पाठन के क्षेत्र में अतिरिक्त रूप से मार्गदर्शन देने के उद्देश्य से ये संसाधन व्यक्ति बैठकों, कार्यषालाओं एवं संगोष्ठियों में आमंत्रित किये जाते हैं। यदि अध्यापक को गणित में भिन्न अर्थात् अंश/ हर के विषय को लेकर कोई भ्रान्ति अथवा संदेह है तो इन संसाधन व्यक्तियों द्वारा बीआरसी/ एनपीआरसी की बैठकों/कार्यशालाओं में अध्यापकों की इन भ्रान्तियों का निवारण किया जाता है । इन संसाधन व्यक्तियों द्वारा अध्यापन सम्बन्धी विविध समस्याओं का निवारण किया जाता है। उपरोक्त के अतिरिक्त बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों को अभिलेखों एवं विद्यालय पुस्तकालय के रखरखाव, छोटे स्तर की प्रतियोगिताओं का संचालन, न्यूज लेटर प्रकाशन तथा संसाधन व्यक्तियों की टीम बनाने के कार्यों में भी प्रशिक्षित किया जाता है।
वित्तीय प्रषिक्षण
बीआरसी/ एनपीआरसी समन्वयकों को कैश बुक पूर्ण करने व इसके रख- रखाव, आय-
व्ययक विवरण तेयार करने एवं वित्तीय रूप- पत्रों को भरने तथा इसके रख- रखाव
का वित्तीय प्रषिक्षण भी प्रदान किया जाता है। बीआरसी समन्वयकों एवं
एनपीआरसी समन्वयकों को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एक लेखाकार
द्वारा यात्रा भत्ता/ दैनिक भत्ता प्रारूप भरने, कोटेशन आमंत्रण,
तुलनात्मक तालिका बनाने, सामग्री प्रापक आदेश एवं बिल भुगतान विधि का
प्रशिक्षण दिया गया
कार्यशाला परिकल्पना
विद्या अर्जन एवं शिक्षा के क्षेत्र में प्रशासकीय प्रबन्धन को लेकर
पारम्परिक सोंच एवं व्यवहार को नवीन दृष्टिकोण प्रदान करने के उद्देष्य से
बीआरसी- समन्वयकों/ एनपीआरसी- समन्वयकों, बीएसए, विषेषज्ञ बीएसए, उप बीएसए,
सहायक बीएसए एवं डीआईईटी प्रवक्ताओं की एक कार्यषाला आयोजित की गयी,
जिसमें कार्यशाला की परिकल्पना पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
शैक्षिक समर्थन एवं पर्यवेक्षण
शैक्षिक समर्थन एवं पर्यवेक्षणइस
प्रकार से एनपीआरसी समन्वयकों को माह में एक बार समस्त प्राथमिक
विद्यालयों तथा बीआरसी समन्वयकों एवं सहायक समन्वयकों को माह में 20
प्राथमिक विद्यालयों का भ्रमण करना चाहिये।
अध्यापक प्रशिक्षण ( वर्ष 2010-2011)
- प्राथमिक स्तर1-निरन्तर विस्तृत मूल्यांकन ( सीसीई) पर प्रशिक्षण (2 दिवसीय
)।2-पठन कौशल एवं अंकीय कौषल विकास प्रशिक्षण (2 दिवसीय)
।
3-अंग्रेजी अध्यापन प्रशिक्षण (3 दिवसीय)।
4-आरटीई अधिनियम , 2009 के सन्दर्भों पर प्रषिक्षण (3 दिवसीय)। - उच्च प्राथमिक स्तर 1- व्यवहारिक गणित अध्यापन प्रशिक्षण (2 दिवसीय)
2- व्यवहारिक विज्ञान अध्यापन प्रशिक्षण (2 दिवसीय)
3- अंग्रेजी अध्यापन प्रशिक्षण (3 दिवसीय)
- बीआरसी / एनपीआरसी समन्वयक
प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर के उपर्युक्त 17 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीआरसी / एनपीआरसी समन्वयकों की भूमिका एवं उत्तरदायित्व निर्वहन हेतु उन्हें प्रभावी निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण का प्रशिक्षण दिया गया।
सर्व शिक्षा अभियान : बी आर सी/एन पी आर सी
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
10:56 PM
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