स्कूलों के लिए चुनौती बना मोदी का भाषण : स्मृति ईरानी ने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा
- 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस पर दोपहर 3 बजे से 4.45 के बीच होगा प्रसारण
- यूपी में भी बच्चों को इतनी देर तक रोकना चुनौती बताया जा रहा
नई
दिल्ली। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस पर नरेंद्र मोदी का भाषण देश के सभी
स्कूलों में बच्चों को सुनाए जाने का निर्देश जारी करने के साथ मानव संसाधन
मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन दूसरी तरफ शिक्षक
दिवस को ‘गुरु उत्सव’ के रूप में मनाने का राजनैतिक विरोध भी शुरू हो गया
है। मोदी के भाषण को लेकर यूपी, पंजाब, हिमाचल और जम्मू में स्कूलों के
सामने कई व्यवस्थागत चुनौतियां भी खड़ी हो गई हैं।
मोदी
के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में ही उनका भाषण सुनने पर संशय बना हुआ है।
वाराणसी के डीआईओएस अवध किशोर सिंह और बीएसए सुभाष गुप्ता को अभी लिखित
निर्देश का इंतजार है, जबकि लखनऊ में माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश
शर्मा ने कहा है कि डीआईओएस को तैयारियां करने के निर्देश दे दिए गए हैं।
दूसरी तरफ सर्व शिक्षा अभियान की निदेशक कुमुदलता श्रीवास्तव ने बेसिक
शिक्षा अधिकारियों को यहां तक कह दिया है कि कार्यक्रम कितना सफल रहा इसकी
रिपोर्ट भी उन्हें सौंपें। लखनऊ और वाराणसी के अधिकारियों में भ्रम के बीच
वाराणसी के शिक्षा अधिकारी यह भी मानते हैं कि यहां के अधिकांश स्कूलों में
व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं।
सबसे
बड़ी मुसीबत पंजाब के टीचरों की है। यहां गवर्नमेंट टीचर्स यूनियन ने
दिल्ली के निर्देशों को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि विभाग ने फंड तक
नहीं दिया है ऐसे में यह विशेष व्यवस्था कैसे की जाए। यूपी में भी बच्चों
को इतनी देर तक रोकना चुनौती बताया जा रहा है। पंजाब में धान सीजन के चलते
जनरेटर किसानों ने किराए पर ले रखे हैं, ऐसे में यह व्यवस्था मुश्किल होगी।
भूखे बच्चों के लिए मिड डे मील के कोई स्पष्ट निर्देश नहीं हैं। पीएम का
भाषण 5 सितंबर को दोपहर 3 बजे से 4.45 के बीच होगा।
- पीएम का संबोधन दिखाना बाध्यकारी नहीं : स्मृति ईरानी
नई दिल्ली। शिक्षक दिवस के
अवसर पर छात्रों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के प्रसारण
की योजना पर उठे विवाद के बीच सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति
ईरानी ने कहा कि इसमें छात्रों की भागीदारी ‘स्वैच्छिक’ है। मानव संसाधन
विकास मंत्री ने उन खबरों को भी सिरे से खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था
कि केंद्र शिक्षक दिवस को ‘गुरु उत्सव’ के रूप में मना रही है। स्मृति
ईरानी ने यहां एक कार्यक्र म से इतर संवाददाताओं से कहा कि यह निबंध
प्रतिस्पर्धा का नाम है और आश्र्चय व्यक्त किया कि जो लोग उनकी आलोचना कर
रहे हैं, वे जानबूझकर राजनीतिक कारणों से ऐसा कर रहे हैं।
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
स्कूलों के लिए चुनौती बना मोदी का भाषण : स्मृति ईरानी ने कहा कि यह स्वैच्छिक होगा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
6:30 AM
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