72825 शिक्षक भर्ती : पहली मेरिट हाई, अब दूसरी का है इंतजार
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : लंबी कवायद, बड़ी-बड़ी तैयारियां, लेकिन परिणाम बेनतीजा। यह हाल है परिषदीय विद्यालयों के लिए 72825 शिक्षकों की भर्ती का। सुप्रीम कोर्ट का डंडा पड़ने के बाद आरंभ हुई काउंसिलिंग की मेरिट अधिक होने के चलते हर जिले में 80 से 90 प्रतिशत सीटें खाली रह गई हैं। इसके चलते अभ्यर्थियों को अब दूसरी काउंसिलिंग का इंतजार है कि उसमें मेरिट कम रहेगी तो वे आसानी से शामिल हो जाएंगे। वहीं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के लिए 29329 गणित-विज्ञान के सहायक अध्यापक पद की काउंसिलिंग होने से काफी संख्या में अभ्यर्थी चाहकर भी उसमें शामिल नहीं हो पाए, क्योंकि उनके मूल प्रमाणपत्र पहले ही जमा हो गए थे।
30 नवंबर 2011 को टीईटी मेरिट के आधार पर 72825 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकला। लेकिन सत्ता परिवर्तन होने पर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने 15वां व 16वां संशोधन करके पांच दिसंबर 2012 को शैक्षणिक मेरिट के आधार पर भर्ती करने का नया विज्ञापन निकाला। इसमें 30 से 40 हजार रुपये खर्च करके प्रदेशभर से पौने दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। इसकी काउंसिलिंग चार फरवरी 2013 को शुरू हो गई, जिसमें दो हजार से अधिक अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई। इसी दिन हाईकोर्ट ने भर्ती पर रोक लगा दी।
कुछ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए, जहां से पहले निकले विज्ञापन के आधार पर भर्ती करने का निर्णय हुआ। कोर्ट की फटकार लगने के बाद सरकार ने 29 से 31 अगस्त तक प्रदेशभर में काउंसिलिंग कराई। लेकिन राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा काउंसिलिंग के लिए जिलेवार जारी की गई कटऑफ मेरिट काफी हाई रही। इसके चलते मात्र दस से 20 प्रतिशत सीटें ही भर पाईं। इलाहाबाद में 1502 में मात्र 149 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई है। अब अभ्यर्थियों को दूसरी काउंसिलिंग का इंतजार है। इलाहाबाद के डायट प्राचार्य विनोद कृष्ण का कहना है कि पहले दौर की काउंसिलिंग नियमानुसार पूरी हुई है, आगे जैसा निर्देश मिलेगा हम उसका पालन करेंगे।
खबर साभार : दैनिक जागरण
72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला : पहली काउंसलिंग में खाली रहीं सीटें,दूसरे की तैयारी शुरू
72,825 शिक्षकों की भर्ती का मामला : पहली काउंसलिंग में खाली रहीं सीटें,दूसरे की तैयारी शुरू
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती के लिए तीन दिन चली काउंसलिंग के बाद बड़ी संख्या में सीटें खाली रह गयी हैं। इसके मद्देनजर शासन से लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में मंथन किया गया और दूसरे चरण की काउंसलिंग की तैयारियां शुरू करने की कवायद तेज हो गयी है। प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती की रफ्तार यू हीं रही तो शिक्षकों की भर्ती को पूरा करने के लिए महकमे को कुछ ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी।
पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि 40 फीसद सीटें भर सकती हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि आवेदकों का टर्नआउट सिर्फ दस फीसद ही रहा है। इसकी वजह यह है कि टीईटी की टॉप मेरिट में शामिल अभ्यर्थियों में ज्यादातर ने 30-40 जिलों में आवेदन किया था। ये सभी अभ्यर्थी सभी जगहों पर चयनित श्रेणी में थे पर वे एक ही जगह काउंसलिंग में शामिल हुए। ऐसे में अन्य जिलों की वरीयता में शामिल होने के बाद भी उनकी सीट रिक्त रही और अब दूसरी काउंसलिंग में उनकी जगह कम मेरिट वाले अभ्यर्थी बुलाये जाएंगे।
इसके लिए वरीयता सूची को बदला जाएगा और पहली काउंसलिंग के बाद अपेक्षाकृत कम मेरिट वालों को जगह दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि तीसरी काउंसलिंग तक यही स्थिति बनेगी। इसके बाद काउंसलिंग में शामिल होने वालों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन कम से कम दस चक्र की काउंसलिंग के बाद ही रिक्तियों को भरा जा सकेगा। सीटों को भरने में सबसे ज्यादा दिक्कत सीतापुर, लखीमपुर, गोण्डा, बाराबंकी, बहराइच, रायबरेली, पीलीभीत, हरदोई, उन्नाव, वाराणसी, आजमगढ़, देवरिया, बस्ती सहित हजार रिक्तयों से ज्यादा वाले जनपदों में आ रही हैं। सीतापुर में जहां 6000 सीटें हैं, वहीं हरदोई में 4500 और लखीमपुर खीरी में 5000 हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी डायट प्राचायरे से रिक्तयों का ब्योरा मांगा गया है और उनके यहां काउंसलिंग में आवेदकों की भागीदारी के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। विभाग के अधिकारी तो सोमवार को इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से मना करते रहे, लेकिन डायटों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को ब्योरा भेजा जा रहा है। इसके बाद फिर से एनआईसी के सर्वर से वरीयता मेरिट को कम करके द्वितीय काउंसलिंग के लिए रिक्तयों के मुताबिक आवेदकों को बुलाया जाएगा।
पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि 40 फीसद सीटें भर सकती हैं। लेकिन सूत्रों का कहना है कि आवेदकों का टर्नआउट सिर्फ दस फीसद ही रहा है। इसकी वजह यह है कि टीईटी की टॉप मेरिट में शामिल अभ्यर्थियों में ज्यादातर ने 30-40 जिलों में आवेदन किया था। ये सभी अभ्यर्थी सभी जगहों पर चयनित श्रेणी में थे पर वे एक ही जगह काउंसलिंग में शामिल हुए। ऐसे में अन्य जिलों की वरीयता में शामिल होने के बाद भी उनकी सीट रिक्त रही और अब दूसरी काउंसलिंग में उनकी जगह कम मेरिट वाले अभ्यर्थी बुलाये जाएंगे।
इसके लिए वरीयता सूची को बदला जाएगा और पहली काउंसलिंग के बाद अपेक्षाकृत कम मेरिट वालों को जगह दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि तीसरी काउंसलिंग तक यही स्थिति बनेगी। इसके बाद काउंसलिंग में शामिल होने वालों की संख्या में इजाफा होगा, लेकिन कम से कम दस चक्र की काउंसलिंग के बाद ही रिक्तियों को भरा जा सकेगा। सीटों को भरने में सबसे ज्यादा दिक्कत सीतापुर, लखीमपुर, गोण्डा, बाराबंकी, बहराइच, रायबरेली, पीलीभीत, हरदोई, उन्नाव, वाराणसी, आजमगढ़, देवरिया, बस्ती सहित हजार रिक्तयों से ज्यादा वाले जनपदों में आ रही हैं। सीतापुर में जहां 6000 सीटें हैं, वहीं हरदोई में 4500 और लखीमपुर खीरी में 5000 हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सभी डायट प्राचायरे से रिक्तयों का ब्योरा मांगा गया है और उनके यहां काउंसलिंग में आवेदकों की भागीदारी के बारे में जानकारी देने को कहा गया है। विभाग के अधिकारी तो सोमवार को इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से मना करते रहे, लेकिन डायटों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद को ब्योरा भेजा जा रहा है। इसके बाद फिर से एनआईसी के सर्वर से वरीयता मेरिट को कम करके द्वितीय काउंसलिंग के लिए रिक्तयों के मुताबिक आवेदकों को बुलाया जाएगा।
खबर साभार : राष्ट्रीय सहारा
72825 शिक्षक भर्ती : पहली मेरिट हाई, अब दूसरी का है इंतजार
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:08 AM
Rating:
No comments:
Post a Comment