मदरसों को अनुदान की अड़चनें दूर : नियमों को शिथिल करने का शासनादेश जारी
- मदरसों को अनुदान की अड़चनें दूर
- नियमों को शिथिल करने का शासनादेश जारी
- निदेशालय को नए सिरे से प्रस्ताव भेजने के निर्देश
मदरसों को अनुदान देने में आड़े आ रही सभी अड़चनें सरकार ने दूर कर दी हैं। सरकार ने अनुदान के नियमों को शिथिल करने का शासनादेश जारी कर दिया है। निदेशालय को एक बार फिर नए सिरे से प्रस्तावों को अपनी संस्तुति के साथ भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार का आदेश मिलने के बाद निदेशालय भी हरकत में आ गया है। अब शीघ्र ही मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप 75 मदरसों को अनुदान मिल जाएगा।मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सरकार बनाने के बाद प्रदेश के 146 मदरसों को अनुदान देने की घोषणा की थी। इन्हें दो वित्तीय वर्ष में अनुदान दिया जाना था। प्रदेश सरकार ने जब प्रस्ताव मांगे तो उसे 194 मदरसों के प्रस्ताव मिले लेकिन इनमें से ज्यादातर मानकों के आधार पर पास नहीं हो सके। केवल एक दर्जन मदरसे ही ऐसे मिले जो मानक पूरे करते थे। इसी के बाद सरकार ने मदरसों को अनुदान देने वाले मानक में ढील देने का निर्णय किया।
प्रदेश सरकार ने इस बाबत शासनादेश जारी करके दो मानक शिथिल किए हैं। पहला मानक मदरसों में 13 शिक्षकों में से यदि आठ शिक्षक हैं तो भी उन्हें अनुदान दिया जा सकता है। मदरसों को तीन महीने के भीतर शिक्षकों के रिक्त पद भरने होंगे। दूसरा मानक शिक्षकों की भर्ती में विज्ञापन का है। मदरसों में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन दो अखबारों में प्रकाशित होना चाहिए। इनमें एक स्थानीय व दूसरा मंडल स्तरीय अखबार जरूरी है। पहले इसमें दूसरा अखबार राज्य स्तरीय होना जरूरी था।
सचिव, अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ एसपी सिंह की ओर से मानकों को शिथिल करने का शासनादेश जारी हो गया है। साथ ही निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ को पहले चरण में 75 मदरसों को अनुदान देने के लिए नए नियमों के तहत प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है। इसके बाद बचे हुए मदरसों को अगले वित्त वर्ष में अनुदान दिया जाएगा। इस तरह सरकार पर प्रत्येक मदरसे पर 50 लाख रुपये सालाना का बोझ आएगा।
खबर साभार : अमर उजाला
मदरसों को अनुदान की अड़चनें दूर : नियमों को शिथिल करने का शासनादेश जारी
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
5:36 AM
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