- सरकार कर रही भेदभाव, सुल्तानपुर के नागरिक की जनहित याचिका से खलबली
इलाहाबाद : महिला आरक्षण का मुखर विरोध करने वाली समाजवादी
पार्टी पर महिला विरोधी होने का नया आरोप लगा है। एक शख्स ने हाईकोर्ट में
याचिका दायर करके प्रदेश सरकार को घेरा है। उसका दावा है कि शिक्षा विभाग
में बड़ी संख्या में महिला शिक्षक होते हुए भी वहां महिला बेसिक शिक्षा
अधिकारी (बीएसए) की तैनाती नहीं हो रही है। सरकार लिंगभेद कर रही है। इस
याचिका से शिक्षा निदेशालय में खलबली मची है। सुल्तानपुर के कूड़ेभार
निवासी सुरेंद्र प्रसाद शुक्ल ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका संख्या
9043/2014 में कहा है कि प्रदेश सरकार महिलाओं को बीएसए बनाने में आनाकानी
कर रही है। प्रदेश भर के बीएसए की सूची दाखिल करके कहा है कि पीसीएस एवं
पीपीएस बनने वाली महिलाएं एसडीएम एवं पुलिस क्षेत्रधिकारी तो बन जाती है,
लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी नहीं बनाया जाता है, जबकि शिक्षा विभाग में
बड़ी संख्या में शिक्षक महिलाएं हैं। सुरेंद्र का कहना है कि सरकार प्रमोशन
देने के बजाए महिलाओं को राजकीय इंटर कालेज एवं जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण
संस्थान एवं अन्य कार्यालयों में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं। अनदेखी से
महिलाएं जिला विद्यालय निरीक्षक, सहायक निदेशक, अपर निदेशक, उप निदेशक,
संयुक्त निदेशक आदि पदों तक नहीं पहुंच पा रही है।
इस याचिका पर कोर्ट ने
जवाब मांगा तो विभाग में हड़कंप है। शिक्षा निदेशालय में तो यह याचिका
चर्चा का विषय बनी है। इस संबंध में शिक्षा निदेशक बेसिक दिनेश बाबू शर्मा
ने संयुक्त सचिव उत्तर प्रदेश शिक्षा अनुभाग-एक को लिखा है कि बीएसए पद पर
तैनाती शासन स्तर पर
होती है। ऐसे में विभाग की कहीं कोई गलती नहीं है।
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