सार्वजनिक होगा परिषदीय विद्यालयों का ब्योरा
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मौजूदा समय में प्रदेश में 1,13,627 परिषदीय प्राइमरी एवं 45,749 जूनियर स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब एक करोड़ 90 लाख बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक आम लोगों को ये जानकारी नहीं हो पाती थी कि स्कूलों के लिए कितना अनुदान मिलता है, कौन-कौन सी योजनाएं हैं। लेकिन अब निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत परिषदीय विद्यालयों के कार्य-कलापों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से जनवाचन के माध्यम से स्कूलों की सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक अथवा सहायक अध्यापक (प्रभारी) की होगी। राज्य परियोजना निदेशक ने इसके लिए एक प्रारूप भी जारी किया है।
- विद्यालयों का ब्योरा स्कूलों के कार्य- कलापों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से लिया गया फैसला
मौजूदा समय में प्रदेश में 1,13,627 परिषदीय प्राइमरी एवं 45,749 जूनियर स्कूल संचालित हैं। इनमें करीब एक करोड़ 90 लाख बच्चे पढ़ते हैं। अभी तक आम लोगों को ये जानकारी नहीं हो पाती थी कि स्कूलों के लिए कितना अनुदान मिलता है, कौन-कौन सी योजनाएं हैं। लेकिन अब निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के तहत परिषदीय विद्यालयों के कार्य-कलापों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से जनवाचन के माध्यम से स्कूलों की सभी जानकारियां सार्वजनिक की जाएंगी। इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक अथवा सहायक अध्यापक (प्रभारी) की होगी। राज्य परियोजना निदेशक ने इसके लिए एक प्रारूप भी जारी किया है।
- तीन साल की दी जाएगी जानकारियां
सार्वजनिक होगा परिषदीय विद्यालयों का ब्योरा
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
10:46 AM
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