शिक्षकों को अब तीन साल में पदोन्नति : ज्येष्ठता सूची की विसंगतियां भी दूर होंगी, सरकार नियमों में करेगी प्रावधान, विधानसभा में बेसिक शिक्षा मंत्री का ऐलान
- शिक्षकों को अब तीन साल में पदोन्नति
- ज्येष्ठता सूची की विसंगतियां भी दूर होंगी
- बेसिक शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में कहा
- सरकार नियमों में करेगी प्रावधान
प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को अब पांच साल के बाद मिलने वाला प्रमोशन तीन साल बाद मिल सकेगा। साथ ही तबादले पर उनकी वरिष्ठता में आने वाली दिक्कतों को भी जल्द से जल्द दूर किया जाएगा। यह घोषणा प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में भाजपा के डॉ. राधा मोहन दास द्वारा बेसिक शिक्षकों को समस्याओं पर कार्यस्थगन प्रस्ताव का जवाब देते हुए की।भाजपा के डॉ. राधा मोहन दास ने शून्यकाल में बेसिक शिक्षकों के साथ तबादला होने पर की जा रही ज्यादतियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 44 बेसिक शिक्षकों के तबादले हुए हैं। उनको दूसरे जिले में तैनाती होने पर वरिष्ठता सूची में सबसे नीचे डाल दिया जा रहा है। उन्होंने गोरखपुर का उदाहरण देते हुए कहा कि 777 शिक्षकों ने उनसे शिकायत की। सरकार को बेसिक शिक्षकों के प्रमोशन से जुड़ी नियमावली में बदलाव करना चाहिए। हाईकोर्ट भी कह चुका है कि प्रमोशन के वक्त मूल ज्येष्ठता का संज्ञान लिया जाना चाहिए।
खबर साभार : हिंदुस्तान |
लखनऊ।
बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने मंगलवार को विधानसभा में बताया
कि सहायक अध्यापकों की अब तीन वर्ष के बाद प्रोन्नति हो सकेगी। सरकार
नियमों में यह प्रावधान करने जा रही है कि पांच वर्ष के बजाय तीन वर्ष पर
सहायक शिक्षक प्रमोशन की लिस्ट में आ जाएं। उन्होंने अंतर जनपदीय
स्थानांतरण से ज्येष्ठता सूची में पैदा होने वाली विसंगतियों को भी दूर
कराने का आश्वासन दिया।
शून्य प्रहर में
भाजपा के डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने काम रोको प्रस्ताव के जरिये बेसिक
शिक्षा के 44 हजार शिक्षकों के स्थानांतरण से ज्येष्ठता सूची में विसंगति
पैदा होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि एक से दूसरे जिले में
स्थानांतरित किए गए शिक्षक ज्येष्ठता सूची में नीचे आ गए हैं। 2009 बैच के
शिक्षकों को 2013 बैच के नीचे रख दिया गया है। मौलिक ज्येष्ठता सूची ही
रहनी चाहिए। इससे गोरखपुर में 777 शिक्षकों का प्रमोशन प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कहा कि सरकार को नियमावली पर पुनर्विचार करना चाहिए। शिक्षक जिस
संवर्ग में स्थानांतरित होकर गए हैं वहां नीचे रखना चाहिए पर प्रमोशन के
समय मूल नियुक्ति के आधार पर कार्यवाही होनी चाहिए। इस पर मंत्री ने कहा कि
शिक्षकों का जिला कॉडर है। इनके नियुक्ति प्राधिकारी बीएसए होते हैं।
जब
रिक्तियां निकलती हैं तो पूरे प्रदेश के लोग आवेदन करते हैं। लेकिन
नियुक्ति के बाद वे अपने मूल या आसपास के जिलों में तैनाती का दबाव बनाते
हैं। नियुक्ति के समय शिक्षकों से हलफनामा भी लिया जाता है कि जिस जिले में
जाएंगे वहां ज्येष्ठता सूची में सबसे नीचे रहेंगे। अब सरकार यह व्यवस्था
करने जा रही है कि पांच के बजाय तीन वर्ष पर ही शिक्षकों का प्रमोशन हो
जाए। अध्यक्ष ने काम रोको प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षकों को अब तीन साल में पदोन्नति : ज्येष्ठता सूची की विसंगतियां भी दूर होंगी, सरकार नियमों में करेगी प्रावधान, विधानसभा में बेसिक शिक्षा मंत्री का ऐलान
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
7:35 AM
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