सातवें वेतन आयोग से कर्मचारी नेता निराश, संगठनो ने बैठक कर जताया विरोध
- सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट कर्मचारियों के लिए धोखा
- आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की दी चेतावनी
लखनऊ। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने सातवें
वेतन आयोग की रिपोर्ट को आम कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ धोखा बताया
है। उन्होंने कहा कि आईएएस को मिलने वाले कैबिनेट सेक्रेटरी, अपेक्स
वेतनमान, एचएजी प्लस और एचएजी वेतनमान के अलावा अन्य वेतनमानों में
कर्मचारियों न अधिकारियों को नहीं के बराबर वेतनवृद्धि दी गई है जो अत्यंत
निराशाजनक है। इंजीनियरिंग व अन्य विशेषण सेवाओं को आईएएस के समतुल्य वेतन
दिलाने के लिए फेडरेशन ने राष्ट्रव्यापी संघर्ष का ऐलान किया है, जिसकी
रूपरेखा शीघ्र घोषित की जाएगी।आल इण्डिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के
चेयरमैन शैलेंद्र दुबे एवं उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के
महासचिव डीसी दीक्षित ने कहा कि 10 वर्षों बाद हो रहे वेतन पुनरीक्षण में
15 प्रतिशत से भी कम की वेतनवृद्धि का कोई मतलब नहीं रह जाता है, जबकि हर
साल 12 से 15 प्रतिशत की वृद्धि तो मंहगाई भत्ते में ही हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सातवां वेतन आयोग आईएएस द्वारा आईएएस का और आईएएस के लिए
प्रमाणित हुआ है जिससे देश के चार करोड़ कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी
गुस्सा है। सातवें वेतन आयोग द्वारा आईएएस के साथ पे-पेरिटी के मामले में
इंजीनियरिंग और अन्य विशेषज्ञ सेवाओं के साथ न्याय न किए जाने के विरोध में
बिजली अभियंतओं ने देश के समस्त विशेषज्ञ सेवाओं के साथ मोर्चा बनाकर
राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया है जिसकी शीघ्र ही घोषणा कर दी
जाएगी। वेतनमान के मामले में न्याय न मिलने के अलावा पुरानी पेंशन नीति
बहाल न किए जाने, उच्च वेतनमान मिलने के साथ समयबद्ध पदोन्नति न दिए जाने
से भी कर्मचारियों को काफी निराशा हुई है। जबकि आईएएस संवर्ग को उच्च
वेतनमान के साथ पदोन्नति भी मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि पूर्व की तरह
छठे वेतनमान में 50 प्रतिशत मंहगाई भत्ता ही जोड़ दिया गया होता तो
कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की तुलना में अधिक वेतन मिल रहा होता।
अभियंताओं ने कहा कि वेतन पुनरीक्षण के नाम पर यह कर्मचारियों के साथ धोखा
है।
सातवें वेतन आयोग से कर्मचारी नेता निराश, संगठनो ने बैठक कर जताया विरोध
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:00 AM
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