बेसिक शिक्षा विभाग में पुस्तक छपाई के टेंडर में बड़ा खेल, निदेशालय में हंगामा, टेंडर रद्द करने की आई नौबत, चुनी गयी फर्म ने भी आखिर में जता दी काम करने में असमर्थता, बच्चों की पढ़ाई पर अंतिम प्रभाव पड़ना तय
बेसिक शिक्षा विभाग में पुस्तक छपाई के टेंडर में बड़ा खेल, निदेशालय में हंगामा, टेंडर रद्द करने की आई नौबत, चुनी गयी फर्म ने भी आखिर में जता दी काम करने में असमर्थता, बच्चों की पढ़ाई पर अंतिम प्रभाव पड़ना तय।
सरकार प्राइमरी स्कूलों में छपने वाली निशुल्क किताबों की छपाई में अभी वक्त लगेगा। बुधवार को खुले वित्तीय टेण्डर में सबसे कम रेट दाखिल करने वाले प्रकाशक ने खुद ही इतने कम पैसे में किताबें छापने पर असहमित जता दी। इससे पहले तकनीकी बिड में 34 प्रकाशकों ने भाग लिया था जिसमें से 14 प्रकाशकों को मानकों पर खरे न उतरने पर बाहर कर दिया गया था। बचे हुए 20 प्रकाशकों की वित्तीय बिड आज खोली गई। लगभग 2 करोड़ बच्चों के लिए छपने वाली किताबों के लिए 20-30 प्रकाशकों की जरूरत होगी।
ब्लैकलिस्ट व डिबार करने के बाद ही नया टेण्डर: इसमें सबसे कम रेट वाले प्रकाशक के टेण्डर चयन करते हुए बाकी प्रकाशकों को भी इस कीमत पर ही राजी किया जाता है लेकिन इस बार मामला उलझ गया है। सूत्रों के मुताबिक, सबसे कम कीमत दायर करने वाले प्रकाशक ने भी बिड खुलने के बाद मनाकर दिया कि इतनी कम कीमतों पर वह किताब नहीं छाप पाएगा। नियमत: अब सरकार को इस प्रकाशक को डिबार व ब्लैकलिस्ट करने के बाद दूसरा टेण्डर निकालना पड़ेगा।
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
8:27 AM
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