कैबिनेट में सुलझेगी भर्तियों की गुत्थी, 12460 और 4000 भर्ती के मामले में भी संशय के बादल, ज्यादा पदों के साथ भर्ती कराने की पहल की संभावना
इलाहाबाद : प्रदेश की नई सरकार के निर्देश पर सभी भर्तियां ठप हैं। माना जा रहा है कि सरकार भर्तियों का पुनरीक्षण कर रही है और फिर शुरू होंगी, लेकिन कुछ ऐसी भर्ती हैं, जिनका प्रारूप पूरी तरह बदलना पड़ेगा, क्योंकि नई सरकार के घोषणापत्र की प्राथमिकताएं पिछली सरकार से अलग हैं। इसी सप्ताह सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है उसमें भर्तियों पर भी फैसला हो सकता है।
बेसिक शिक्षा विभाग की 12460 व चार हजार उर्दू शिक्षक भर्ती के भी आगे बढ़ने पर संशय है। संभव है कि नई सरकार ज्यादा पदों के साथ भर्ती कराने की पहल करे। यह सब मुद्दे पहली कैबिनेट बैठक में आने की उम्मीद नहीं है, लेकिन कुछ अहम प्रकरणों का निस्तारण होने की उम्मीद जरूर है।
उप्र लोकसेवा आयोग में सभी साक्षात्कार व परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक है। इसी बीच यहां पीसीएस 2017 के ऑनलाइन आवेदन लिए गए हैं, लेकिन उसके आगे की प्रक्रिया रुक गई है। अब सीसैट प्रभावित अभ्यर्थियों को अतिरिक्त मौका दिया जाना है। इस संबंध में आदेश जारी होने के बाद यहां प्रक्रिया शुरू होने के आसार हैं।
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र में 2013 की भर्ती के छह विषयों का रिजल्ट आना है 2011 की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी होना और 2016 की लिखित परीक्षा करानी है। यहां की 2016 की लिखित परीक्षा अभी लटक सकती है, क्योंकि नई सरकार के घोषणापत्र में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी की भर्ती में साक्षात्कार नहीं होंगे। इसलिए यह भर्ती नये सिरे से शुरू हो सकती है।
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में असिस्टेंट प्रोफेसर की चयन प्रक्रिया अंतिम चरण में है और मई में होने वाली लिखित परीक्षा भी टाली जा सकती है। इसी तरह से राजकीय इंटर कालेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती मेरिट से होने पर भी रोक लग सकती है। अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि इसकी लिखित परीक्षा हो।
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