आदेश न मानने के लिए बीईओ लड़े लड़ाई, तो कैसे होगी पढ़ाई? एक ही जगह जमे खंड शिक्षाधिकारियों ने तबादले पर अफसरों को दिखाया ठेंगा, अफसर देते रहे सिर्फ घुड़की

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ाई पर विशेष जोर है। उसका पूरा खाका खींचा जा चुका है। गुणवत्ता जांचने का जिम्मा भी खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को दिया गया है, सूबे के तमाम बीईओ आदेश न मानने के लिए चर्चित हैं। कई अफसरों ने पिछले साल हुए तबादला आदेशों को नहीं माना है और विभागीय अफसर सिर्फ घुड़की देते रहे, उनका निलंबन तक नहीं कर पाए। ऐसे में स्कूलों की पढ़ाई इस बार भी रामभरोसे ही रहेगी।




⚫ तबादला आदेश को दिखाया ठेंगा
लंबे समय से एक ही जगह जमे खंड शिक्षाधिकारियों का तबादला होने पर बीईओ ने अफसरों को ठेंगा दिखा दिया। बीते वर्ष शासन की नीति के अनुरूप एक ही मंडल में दस साल से तैनात रहने वाले अधिकारियों को दूसरे मंडलों में भेजा गया था। प्रदेश में ऐसे बीईओ की तादाद 96 रही। उल्लेखनीय है कि सूबे में 1031 खंड शिक्षाधिकारियों के पद हैं उसके सापेक्ष करीब 850 अधिकारी तैनात हैं। जिन बीईओ का तबादला हुआ पहले उनमें से अधिकांश ने आदेश नहीं माना। बाद में धीरे-धीरे कुछ अफसरों ने कार्यभार ग्रहण किया कुछ का तबादला संशोधित भी हुआ। इसके बाद भी करीब डेढ़ दर्जन अधिकारी तबादला आदेश न मानने पर अड़े रहे। विभाग उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई से बचता रहा। यही नहीं बीईओ बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अपना अफसर मानने तक को तैयार नहीं है। कई बार इसका विरोध हो चुका है।




परिषदीय स्कूलों में नये शैक्षिक सत्र को शुरू हुए एक माह बीत चुका है। अब तक वहां भले ही किताब, ड्रेस और बैग आदि का प्रबंध नहीं हुआ है, लेकिन शैक्षिक गुणवत्ता दुरुस्त करने के बहुतेरे आदेश पहुंच चुके हैं। 1परिषद ने शैक्षिक कैलेंडर और फिर समय सारिणी जारी कर दिया है। साथ ही बीईओ को माह में 20 स्कूलों का निरीक्षण करने का जिम्मा दिया गया है। इसमें बीईओ को मुख्य रूप से शैक्षिक गुणवत्ता ही जांचनी है।




परिषद ने पहले माह की रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी है, लेकिन अधिकांश जिलों ने रिपोर्ट भेजी ही नहीं है। इसकी वजह यह है कि बीईओ विद्यालयों में शैक्षिक हालात जानने के सिवा सारे कामों पर गौर करते रहे हैं। साथ ही हर विकास खंड में बीईओ तैनात भी नहीं है। सूत्रों की मानें तो स्कूलों में किताबें न होने से पढ़ाई कहने भर को हो रही है। शिक्षक बच्चों को बैठाये जरूर रहते हैं, लेकिन शैक्षिक कैलेंडर का अमल कहीं नहीं हो रहा है।

आदेश न मानने के लिए बीईओ लड़े लड़ाई, तो कैसे होगी पढ़ाई? एक ही जगह जमे खंड शिक्षाधिकारियों ने तबादले पर अफसरों को दिखाया ठेंगा, अफसर देते रहे सिर्फ घुड़की Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 5:22 AM Rating: 5

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